Pandemic And Epidemic: ‘एपीडेमिक’ नहीं ‘पेंडेमिक’ है Covid- 19, आसान भाषा में समझिए क्या है दोनों में अंतर


कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स की समस्या ने धीरे-धीरे पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। कई देशों के साथ-साथ अब ये भारत में भी दस्तक दे चुका है और कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही यह महामारी यानी पेंडेमिक का रूप ले लेगा। जब भी हम किसी बीमारी के विषय में सुनते हैं या बात करते हैं तो एक सवाल हमारे जेहन में सबसे पहले आता है कि वह बीमारी कैसे फैलेगी। कई बीमारियों को हम पेंडेमिक तो कुछ को हम एपीडेमिक क नाम देते हैं। अक्सर हम एक के स्थान पर दूसरे शब्द का भी प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि पेंडेमिक और एपीडेमिक में अंतर (Difference Between Pandemic and Epidemic) है? अगर नहीं तो हम आपको इस लेख के माध्यम से बताते हैं।

क्या है एपीडेमिक और पेंडेमिक?

जब कोई बीमारी अलग-अलग देशों में फैलती है तो वह पेंडेमिक का रूप ले लेती है वहीं अगर कोई बीमारी एक बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करती है लेकिन वह शुरू होने वाले देश तक ही सीमित रहती है तो उसे एपीडेमिक कहा जाता है। आइए एक-एक चर्चा कर लेते हैं।

एपीडेमिक (Epidemic)
कुछ रोग ऐसे होते हैं जो बहुत तेजी से फैल सकते हैं और एक निश्चित स्थान और समय पर व्यक्तियों की एक बड़ी संख्या से अधिक बढ़ सकते हैं। एक महामारी को एपीडेमिक तब कहा जाता है जब एक निश्चित समय में फैले हुए भौगोलिक क्षेत्र में जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को वह बीमारी प्रभावित करती है। सबसे पहले एपीडेमिक एक संक्रामक, संक्रामक या वायरल बीमारी है जो एक विशिष्ट क्षेत्र में कई व्यक्तियों को प्रभावित करती है।

पेंडेमिक (Pandemic)
जब एपीडेमिक यानी विस्तृत क्षेत्र में फैली बीमारी पूरे विश्व के अलग- अलग कोनों में पहुंच जाती है तो वर पेंडेमिक का रूप ले लेती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार किसी बीमारी को महामारी तब कहा जा सकता है जब वह दो शर्तों को पूरा करती हो। यानी जब बीमारी दुनिया भर में एक देश से दूसरे देश में फैल जाए तो यह पेंडेमिक का लक्षण है और दूसरा रोगी में उस रोग से संबंधित सभी लक्षण दिखने चाहिए।

पेंडेमिक के दौरान, संक्रामक, संक्रामक या वायरल रोग उस देश के बाहर भी फैलता है जहां से इस बीमारी की शुरुआत हुई थी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार पेंडेमिक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हजारों से लाखों लोगों को प्रभावित कर सकती है।

एपेडेमिक का उदाहरण
यदि चीन में स्वाइन फ्लू का प्रकोप हुआ और जब तक यह चीन से बाहर न जाए तब तक यह एपेडेमिक कहलाएगा। अफ्रीका में शुरू हुआ इबोला वायरस को भी एपेडेमिक में ही शामिल किया जाएगा।

पेंडेमिक का उदाहरण
कोरोना वायरस पेंडेमिक का उदाहरण है जो चीन से शुरू होकर विश्व के हर कोने में पहुंच गया। इसके साथ ही पहले विश्व युद्ध के दौरान फैला स्पेनिश फ्लू ने भी अमेरिका से शुरू होकर विश्व के हर कोने को लोगों को संक्रमित कर दिया था।

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