संसद अपडेट: पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों में चार गुना गिरावट, सरकार ने बताई ये वजह 


सार

सीमा पार से घुसपैठ में कमी का कारण बताते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है।

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केंद्र ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों में चार गुना गिरावट आई है। गृह मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, 2017 में घुसपैठ के 136 प्रयास किए गए, जबकि 2021 में केवल 34 प्रयास किए गए। 2018 में 143, 2019 में 138 और 2020 में 51 प्रयासों के साथ जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ में काफी कमी आई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब के जवाब में उच्च सदन में यह जानकारी साझा की।

सीमा पार से घुसपैठ में कमी का कारण बताते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है। मंत्री ने कहा कि इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा/नियंत्रण रेखा पर बहु-स्तरीय तैनाती, सीमा पर बाड़ लगाना, बेहतर खुफिया और परिचालन समन्वय, सुरक्षा बलों को उन्नत हथियारों से लैस करना और घुसपैठियों के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करना शामिल है।

गृह राज्य मंत्री की प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया था कि क्या पिछले पांच वर्षों के दौरान जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ बढ़ी है और सरकार द्वारा खतरे की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।  

2021 में सबसे अधिक अल्पसंख्यकों की मौत 
गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न आतंकवादी हमलों में 11 मौतों के साथ जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की हत्या 2021 में अपने चरम पर रही। आंकड़ों के अनुसार, 2017 में जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 11 लोग मारे गए, 2018 में तीन, 2019 में छह, 2020 में तीन और 2021 में 11 लोग मारे गए। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन में आंकड़े साझा किए जिसमें 2017 और 2021 के बीच जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संबंधी घटनाओं में अपनी जान गंवाने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के 34 लोगों की हत्या का उल्लेख किया गया था। 

घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किए गए हैं, इस सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड, समूह सुरक्षा, नाकों पर चौबीसों घंटे की चेकिंग शामिल है। साथ ही उन क्षेत्रों में गश्त की जा रही है जहां अल्पसंख्यक रहते हैं। इसके अलावा आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान भी शामिल है। 

 

विस्तार

केंद्र ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों में चार गुना गिरावट आई है। गृह मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, 2017 में घुसपैठ के 136 प्रयास किए गए, जबकि 2021 में केवल 34 प्रयास किए गए। 2018 में 143, 2019 में 138 और 2020 में 51 प्रयासों के साथ जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ में काफी कमी आई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब के जवाब में उच्च सदन में यह जानकारी साझा की।

सीमा पार से घुसपैठ में कमी का कारण बताते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है। मंत्री ने कहा कि इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा/नियंत्रण रेखा पर बहु-स्तरीय तैनाती, सीमा पर बाड़ लगाना, बेहतर खुफिया और परिचालन समन्वय, सुरक्षा बलों को उन्नत हथियारों से लैस करना और घुसपैठियों के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करना शामिल है।

गृह राज्य मंत्री की प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया था कि क्या पिछले पांच वर्षों के दौरान जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ बढ़ी है और सरकार द्वारा खतरे की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।  

2021 में सबसे अधिक अल्पसंख्यकों की मौत 

गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न आतंकवादी हमलों में 11 मौतों के साथ जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की हत्या 2021 में अपने चरम पर रही। आंकड़ों के अनुसार, 2017 में जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 11 लोग मारे गए, 2018 में तीन, 2019 में छह, 2020 में तीन और 2021 में 11 लोग मारे गए। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन में आंकड़े साझा किए जिसमें 2017 और 2021 के बीच जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संबंधी घटनाओं में अपनी जान गंवाने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के 34 लोगों की हत्या का उल्लेख किया गया था। 

घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किए गए हैं, इस सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड, समूह सुरक्षा, नाकों पर चौबीसों घंटे की चेकिंग शामिल है। साथ ही उन क्षेत्रों में गश्त की जा रही है जहां अल्पसंख्यक रहते हैं। इसके अलावा आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान भी शामिल है। 

 



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