Partha Chetterjee: पार्थ चटर्जी पर बोलीं ममता- दोषी पाए गए तो आजीवन कारावास देने से मुझे कोई फर्क नहीं


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पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि वह चाहती हैं कि सच्चाई सामने आए। बनर्जी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी ने ममता सरकार के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, “एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।”

पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर एम्स ने आज ही छ्टुटी देने की बात कही है। उन्हें वापस बंगाल लाया जाएगा। पार्थ का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए एम्स ने कहा, “हमने जांच की। उनकी सारी रिपोर्ट देखी। उनको किडनी और थॉयरायड की दिक्कत है। वे करीब तीन चार बीमारियों से ग्रसित हैं लेकिन उनको कोई गंभीर बीमारी नहीं है। उनको अस्पताल में दाखिल कराने की जरूत नहीं है। इसलिए हम उनको छ्टुटी दे रहे हैं।” एम्स ने कहा कि हमने रिपोर्ट कोर्ट को भेज दिया है।

इससे पहले एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों की टीम ने सबसे पहले उनसे पूछा कि उनको क्या-क्या परेशानी है। उसके बाद रक्तचाप जांच के बाद अन्य जांचें की गईं। भुवनेश्वर एम्स के डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि पार्थ के लिए चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। टीम ने उनकी रिपोर्ट देखी। कहा था कि रिपोर्ट आने के बाद मेडिल बोर्ड बैठकर फैसला करेगा कि उनको यहां पर भर्ती करना है या नहीं। इसके बाद वे दोनों पक्षों के वकीलों को पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने बताया था कि दोपहर तीन बजे तक सभी रिपोर्ट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

पार्थ चटर्जी को जांच के लिए ओडिशा के एम्स में भेजे जाने पर प्रदेश की राजनीतिक गरमा गई है। तृणमूल पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि आखिर क्यों इतना महंगा जहाज करके पार्थ को भुवनेश्वर भेजा गया।

सीने पर हाथ रखकर बोले पार्थ-ठीक नहीं हूं
भुवनेश्वर में एंबुलेंस में उठने से पहले जब पत्रकारों ने उनसे पूछा- दादा कैसे हैं। वे कुछ नहीं बोले, बस सीने पर हाथ रखकर इशारा किया, ठीक नहीं हूं।

उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें सोमवार को एयर एम्बुलेंस से भुवनेश्वर के एम्स में शिफ्ट किया गया। इस दौरान एसएसकेएम अस्पताल के एक डॉक्टर और उनके वकील उनके साथ गए। 

बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। जहां गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

कोर्ट के आदेश पर भुवनेश्वर शिफ्ट किया गया 
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को सोमवार सुबह ‘एयर एम्बुलेंस’ से एम्स भुवनेश्वर ले जाने का रविवार को निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि मंत्री को सोमवार शाम चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता की विशेष ईडी अदालत में पेश किया जाए। 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने चटर्जी के खिलाफ ईडी के मामले में समयबद्ध जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर किसी नेता ने कुछ भी गलत किया है तो पार्टी राजनीतिक रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगी।

विस्तार

पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि वह चाहती हैं कि सच्चाई सामने आए। बनर्जी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी ने ममता सरकार के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, “एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।”

पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर एम्स ने आज ही छ्टुटी देने की बात कही है। उन्हें वापस बंगाल लाया जाएगा। पार्थ का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए एम्स ने कहा, “हमने जांच की। उनकी सारी रिपोर्ट देखी। उनको किडनी और थॉयरायड की दिक्कत है। वे करीब तीन चार बीमारियों से ग्रसित हैं लेकिन उनको कोई गंभीर बीमारी नहीं है। उनको अस्पताल में दाखिल कराने की जरूत नहीं है। इसलिए हम उनको छ्टुटी दे रहे हैं।” एम्स ने कहा कि हमने रिपोर्ट कोर्ट को भेज दिया है।

इससे पहले एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों की टीम ने सबसे पहले उनसे पूछा कि उनको क्या-क्या परेशानी है। उसके बाद रक्तचाप जांच के बाद अन्य जांचें की गईं। भुवनेश्वर एम्स के डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि पार्थ के लिए चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। टीम ने उनकी रिपोर्ट देखी। कहा था कि रिपोर्ट आने के बाद मेडिल बोर्ड बैठकर फैसला करेगा कि उनको यहां पर भर्ती करना है या नहीं। इसके बाद वे दोनों पक्षों के वकीलों को पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने बताया था कि दोपहर तीन बजे तक सभी रिपोर्ट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

पार्थ चटर्जी को जांच के लिए ओडिशा के एम्स में भेजे जाने पर प्रदेश की राजनीतिक गरमा गई है। तृणमूल पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि आखिर क्यों इतना महंगा जहाज करके पार्थ को भुवनेश्वर भेजा गया।

सीने पर हाथ रखकर बोले पार्थ-ठीक नहीं हूं

भुवनेश्वर में एंबुलेंस में उठने से पहले जब पत्रकारों ने उनसे पूछा- दादा कैसे हैं। वे कुछ नहीं बोले, बस सीने पर हाथ रखकर इशारा किया, ठीक नहीं हूं।

उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें सोमवार को एयर एम्बुलेंस से भुवनेश्वर के एम्स में शिफ्ट किया गया। इस दौरान एसएसकेएम अस्पताल के एक डॉक्टर और उनके वकील उनके साथ गए। 

बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। जहां गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

कोर्ट के आदेश पर भुवनेश्वर शिफ्ट किया गया 

उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को सोमवार सुबह ‘एयर एम्बुलेंस’ से एम्स भुवनेश्वर ले जाने का रविवार को निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि मंत्री को सोमवार शाम चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता की विशेष ईडी अदालत में पेश किया जाए। 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने चटर्जी के खिलाफ ईडी के मामले में समयबद्ध जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर किसी नेता ने कुछ भी गलत किया है तो पार्टी राजनीतिक रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगी।





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