SSC Scam: एक दिन की ईडी हिरासत में भेजी गईं अर्पिता मुखर्जी, पार्थ चटर्जी की कस्टडी पर ईडी ने की ये मांग


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पश्चिम बंगाल के कथित स्कूल भर्ती घोटाले में फंसे मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को लेकर ईडी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच स्पेशल कोर्ट ने अर्पिता मुखर्जी की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उन्हें एक दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा गया है।

दूसरी तरफ पार्थ चटर्जी को एसएसकेएम अस्पताल से कमांड अस्पताल में स्थानांतरित करने पर ईडी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। ईडी ने कोर्ट से एक बड़ी मांग की है। एजेंसी ने कहा है कि जितने समय के लिए पार्थ अस्पताल में भर्ती हैं, उस समय को कस्टडी के तौर पर न लिया जाए। अगर उन्हें चिकित्सीय इलाज की जरूरत होगी तो हम उन्हें दिल्ली या कल्याणी के एम्स ले जा सकते हैं।  दरअसल, पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बेचैनी की शिकायत के बाद शनिवार शाम के समय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खास बात यह है कि शहर की एक अदालत द्वारा दो दिन की ईडी हिरासत में भेजे जाने के कुछ घंटे बाद ही उन्हें सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के आईसीसीयू में भर्ती कराया गया।

जब्त नकदी से पार्टी का कोई लेना देना नहीं: टीएमसी
पार्थ चटर्जी व अर्पिता की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पार्टी एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करेगी। यहां पूरी साजिश रची गई है और केंद्रीय एजेंसी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्थ की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इसमें फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास और कुणाल घोष उपस्थित थे।

पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ईडी ने एक भद्र महिला के घर से नकदी बरामद की है। टीएमसी का उस महिला से कोई संपर्क नहीं है। इस पैसे से भी तृणमूल कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। इस महिला से जिनके संपर्क की बात की जा रही है उनके वकील जवाब देंगे। घोष ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के मामले में समयबद्ध तरीके से जांच चाहती है।”

घोष ने कहा कि पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के मामले में पार्टी को कानून पर पूरा विश्वास है। इस पैसे का स्रोत क्या है यह जितनी जल्दी संभव हो पता लगाया जाना चाहिए और अदालत को इसकी जानकारी दी जाए। अगर पार्थ पर लगे आरोप कोर्ट में साबित होते हैं तो हमारी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

26 घंटे की पूछताछ के बाद सहयोग नहीं करने पर ईडी ने किया गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में काबीना मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी व उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पार्थ से शुक्रवार सुबह पूछताछ शुरू की थी। 

करीब 26 घंटे चली पूछताछ में सहयोग नहीं करने के कारण ईडी ने शनिवार को उन्हें गिरफ्तार किया। 2014-2021 के बीच पार्थ के शिक्षामंत्री रहते हुए यह घोटाला हुआ था। ईडी ने अर्पिता के घर से शुक्रवार को ही 21 करोड़ रुपये बरामद किए थे।

ईडी ने पार्थ का मेडिकल कराने के बाद उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, बाद में तबीयत खराब होने पर उन्हें कोर्ट के निर्देश पर अस्पताल में भर्ती करा दिया। पीएमएलए कोर्ट में शनिवार की छुट्टी के कारण पेशी नहीं हो सकी। 

पार्थ ने मीडिया को बताया, उन्होंने ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की थी, पर बात नहीं हो पाई। ईडी ने शुक्रवार को पार्थ व उनके करीबियों के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। आरोप है, तृणमूल सरकार ने पैसे लेकर शिक्षकों की भर्ती की थी और करोड़ों रुपये बनाए थे। पार्थ से सीबीआई भी कई बार पूछताछ कर चुकी है। इस साल अप्रैल व मई में भी उनसे पूछताछ हुई थी।

बिना सूचना गिरफ्तारी गलत
स्पीकर बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा, ईडी ने बिना किसी सूचना के विधानसभा सदस्य को गिरफ्तार किया है। यह तरीका गलत है। ईडी हो या सीबीआई,  गिरफ्तारी से पहले इसकी सूचना स्पीकर को देनी होती है।

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पश्चिम बंगाल के कथित स्कूल भर्ती घोटाले में फंसे मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को लेकर ईडी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच स्पेशल कोर्ट ने अर्पिता मुखर्जी की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उन्हें एक दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा गया है।

दूसरी तरफ पार्थ चटर्जी को एसएसकेएम अस्पताल से कमांड अस्पताल में स्थानांतरित करने पर ईडी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। ईडी ने कोर्ट से एक बड़ी मांग की है। एजेंसी ने कहा है कि जितने समय के लिए पार्थ अस्पताल में भर्ती हैं, उस समय को कस्टडी के तौर पर न लिया जाए। अगर उन्हें चिकित्सीय इलाज की जरूरत होगी तो हम उन्हें दिल्ली या कल्याणी के एम्स ले जा सकते हैं।  दरअसल, पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बेचैनी की शिकायत के बाद शनिवार शाम के समय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खास बात यह है कि शहर की एक अदालत द्वारा दो दिन की ईडी हिरासत में भेजे जाने के कुछ घंटे बाद ही उन्हें सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के आईसीसीयू में भर्ती कराया गया।

जब्त नकदी से पार्टी का कोई लेना देना नहीं: टीएमसी

पार्थ चटर्जी व अर्पिता की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पार्टी एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करेगी। यहां पूरी साजिश रची गई है और केंद्रीय एजेंसी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्थ की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इसमें फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास और कुणाल घोष उपस्थित थे।

पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ईडी ने एक भद्र महिला के घर से नकदी बरामद की है। टीएमसी का उस महिला से कोई संपर्क नहीं है। इस पैसे से भी तृणमूल कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। इस महिला से जिनके संपर्क की बात की जा रही है उनके वकील जवाब देंगे। घोष ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के मामले में समयबद्ध तरीके से जांच चाहती है।”

घोष ने कहा कि पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के मामले में पार्टी को कानून पर पूरा विश्वास है। इस पैसे का स्रोत क्या है यह जितनी जल्दी संभव हो पता लगाया जाना चाहिए और अदालत को इसकी जानकारी दी जाए। अगर पार्थ पर लगे आरोप कोर्ट में साबित होते हैं तो हमारी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

26 घंटे की पूछताछ के बाद सहयोग नहीं करने पर ईडी ने किया गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में काबीना मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी व उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पार्थ से शुक्रवार सुबह पूछताछ शुरू की थी। 

करीब 26 घंटे चली पूछताछ में सहयोग नहीं करने के कारण ईडी ने शनिवार को उन्हें गिरफ्तार किया। 2014-2021 के बीच पार्थ के शिक्षामंत्री रहते हुए यह घोटाला हुआ था। ईडी ने अर्पिता के घर से शुक्रवार को ही 21 करोड़ रुपये बरामद किए थे।

ईडी ने पार्थ का मेडिकल कराने के बाद उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, बाद में तबीयत खराब होने पर उन्हें कोर्ट के निर्देश पर अस्पताल में भर्ती करा दिया। पीएमएलए कोर्ट में शनिवार की छुट्टी के कारण पेशी नहीं हो सकी। 

पार्थ ने मीडिया को बताया, उन्होंने ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की थी, पर बात नहीं हो पाई। ईडी ने शुक्रवार को पार्थ व उनके करीबियों के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। आरोप है, तृणमूल सरकार ने पैसे लेकर शिक्षकों की भर्ती की थी और करोड़ों रुपये बनाए थे। पार्थ से सीबीआई भी कई बार पूछताछ कर चुकी है। इस साल अप्रैल व मई में भी उनसे पूछताछ हुई थी।

बिना सूचना गिरफ्तारी गलत

स्पीकर बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा, ईडी ने बिना किसी सूचना के विधानसभा सदस्य को गिरफ्तार किया है। यह तरीका गलत है। ईडी हो या सीबीआई,  गिरफ्तारी से पहले इसकी सूचना स्पीकर को देनी होती है।



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