पीडीपी प्रमुख महबूबा के बोल: घाटी के युवा आतंकवाद छोड़ बचाएं अपनी जान, हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं कश्मीरी पंडित


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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के युवाओं से आतंकवाद की राह छोड़ने और अपनी जान बचाने की अपील की। दावा किया कि कश्मीरी युवाओं की जान लेने पर सुरक्षा बलों को पैसे और पदोन्नति मिलती है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने पत्रकारों से कहा- मैं रोज सुनती हूं कि तीन या चार युवक मारे गए हैं। यह दर्शाता है कि यहां आतंकी बनने के लिए स्थानीय भर्ती बढ़ गई है। माता-पिता और बच्चों से मेरा अनुरोध है कि वे अपनी जान बचाएं क्योंकि आपकी जान लेना सुरक्षा बलों के लिए फायदे की चीज है। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए उन्हें पैसे और पदोन्नति मिलती है। कहा कि जम्मू-कश्मीर उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है और आने वाले समय में उसे अपने युवाओं की जरूरत पड़ेगी। इसलिए हथियार नहीं उठाइए। वे हर दिन तीन-चार लोगों की जान लेते हैं। मैं अपील करती हूं कि यह सही नहीं है और आपको इसे छोड़ देना चाहिए।

कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याओं को लेकर समुदाय के लोगों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि मौलवियों सहित लोगों को इस बात पर जोर देना चाहिए कि कश्मीरी पंडित समाज का हिस्सा हैं। कश्मीरी पंडित अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे मुख्यमंत्री रहने के दौरान जब स्थिति खराब थी तब भी कोई कश्मीरी पंडित नहीं मारा गया था। हमने उन्हें 17 महीनों का वेतन दिया, जबकि वे इस अवधि में अपने घर पर थे। मैं हमारे लोगों, हमारे मौलवियों से यह घोषणा करने की अपील करती हूं कि कश्मीरी पंडित हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। आरोप लगाया कि यहां जब कभी कुछ गलत होता है भाजपा हमें बदनाम करने के लिए कश्मीरी पंडित समुदाय का इस्तेमाल करती है।

अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान
इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए जाने के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन ने ऐसा माहौल बना दिया है जैसे कि कोई हमलावर आ रहा है। वे यात्री हैं। हमारे मेहमान हैं। हम सदियों से उनकी देखभाल करते आ रहे हैं, लेकिन इस साल प्रशासन ने इतने नाके लगा दिए हैं कि ऐसा लगता है कि यात्रा पहली बार हो रही है।

370 हटाने के खिलाफ एकजुट हों
केंद्र द्वारा रद्द किए गए अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि हमारी जमीन, रोजगार, खनिज, पानी, संपत्ति छीनने का प्रयास है, लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे। वे हमें निराशा और लाचारी का अहसास दिलाना चाहते हैं कि अब कुछ नहीं होगा और जो हुआ वह हुआ, लेकिन ऐसा नहीं है। हम सबको एक होना है। यदि हम आशा खो देते हैं और सब कुछ स्वीकार कर लेते हैं तो हमारी स्थिति और खराब हो जाएगी। हमारे पास अभी भी बहुत सी चीजें हैं जिनकी हमें रक्षा करने की आवश्यकता है। अन्यथा एक समय आएगा जब हमारी स्थिति उससे भी बदतर हो जाएगी जैसे इस्राइल ने गाजा पट्टी के साथ किया।

जमात के स्कूलों पर पाबंदी शिक्षा पर हमला
फलाह ए आम ट्रस्ट स्कूलों पर प्रतिबंध के बाद सरकारी जमीन पर बने स्कूल बंद करने के फरमान पर कहा कि अब शिक्षा पर ताजा हमला हो रहा है। सबसे पहले उन्होंने 300 स्कूलों को निशाना बनाया। उन पर जमात-ए-इस्लामी से जुड़े होने का आरोप है। क्या यह एक आपराधिक संगठन है, क्या यह बच्चों को शस्त्र प्रशिक्षण या त्रिशूल या तलवार का प्रशिक्षण प्रदान करता है जो आरएसएस शाखाओं में होता है। वे आधुनिक शिक्षा प्रदान करते हैं, उनका पाठ्यक्रम वही है जो अन्य स्कूलों में है। फर्क सिर्फ इतना है कि हमारे गरीब बच्चे वहां कम से कम फीस में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि अब वे उन स्कूलों को बंद कर रहे हैं जो सरकारी जमीन पर हैं। इससे लाखों छात्र और हजारों शिक्षक असहाय हो जाएंगे।

भाजपा ने देश को बिगाड़ दिया
महाराष्ट्र के हालात पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश को बिगाड़ दिया है। देश जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं द्वारा खून और पसीने से बनाया गया था। भारत के बुनियादी सिद्धांत लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता थे। वे सब कुछ उल्टा कर रहे हैं। यह सबसे भ्रष्ट व्यवस्था है, जो मैंने अपने जीवन में अब तक देखी हैं क्योंकि चुनाव के बाद वे जिस तरह से विधायकों को खरीद रहे हैं, चाहे वह राजस्थान में हो, मध्य प्रदेश में, गोवा में या अब महाराष्ट्र में। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल के भारत के इतिहास में इस तरह के भ्रष्टाचार का कोई उदाहरण नहीं है।

अग्निपथ जवानों के बलिदान की भावना के खिलाफ
केंद्र की अग्निपथ योजना पर महबूबा ने कहा कि यह गर्व, कड़ी मेहनत और सेना के जवानों के बलिदान की भावना के खिलाफ है। वीर सावरकर चाहते थे कि हिंदुओं, आरएसएस के लोगों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि कल वे अल्पसंख्यक समुदाय और अन्य लोगों के साथ अपने व्यवहार में और अधिक क्रूर हों।

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के युवाओं से आतंकवाद की राह छोड़ने और अपनी जान बचाने की अपील की। दावा किया कि कश्मीरी युवाओं की जान लेने पर सुरक्षा बलों को पैसे और पदोन्नति मिलती है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने पत्रकारों से कहा- मैं रोज सुनती हूं कि तीन या चार युवक मारे गए हैं। यह दर्शाता है कि यहां आतंकी बनने के लिए स्थानीय भर्ती बढ़ गई है। माता-पिता और बच्चों से मेरा अनुरोध है कि वे अपनी जान बचाएं क्योंकि आपकी जान लेना सुरक्षा बलों के लिए फायदे की चीज है। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए उन्हें पैसे और पदोन्नति मिलती है। कहा कि जम्मू-कश्मीर उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है और आने वाले समय में उसे अपने युवाओं की जरूरत पड़ेगी। इसलिए हथियार नहीं उठाइए। वे हर दिन तीन-चार लोगों की जान लेते हैं। मैं अपील करती हूं कि यह सही नहीं है और आपको इसे छोड़ देना चाहिए।

कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याओं को लेकर समुदाय के लोगों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि मौलवियों सहित लोगों को इस बात पर जोर देना चाहिए कि कश्मीरी पंडित समाज का हिस्सा हैं। कश्मीरी पंडित अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे मुख्यमंत्री रहने के दौरान जब स्थिति खराब थी तब भी कोई कश्मीरी पंडित नहीं मारा गया था। हमने उन्हें 17 महीनों का वेतन दिया, जबकि वे इस अवधि में अपने घर पर थे। मैं हमारे लोगों, हमारे मौलवियों से यह घोषणा करने की अपील करती हूं कि कश्मीरी पंडित हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। आरोप लगाया कि यहां जब कभी कुछ गलत होता है भाजपा हमें बदनाम करने के लिए कश्मीरी पंडित समुदाय का इस्तेमाल करती है।



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