मृत लोगों में लगाए गए सुअर के दिल, डाक्टरों को मिली बड़ी सफलता


चिकित्सा जगत में टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के चलते हमें आए दिन एक नया चमत्कार सुनने को मिलता है। फिर भी चिकित्सकों द्वारा एक ऐसा सफल प्रयोग किया गया है, जो आपको चौंका देगा। अमेरिका में चिकित्सकों ने ब्रेन डेड (जिसका मस्तिस्क काम करना बंद कर देता है) इंसानों में आनुवंशिक रूप से इंजीनियर किए गए सुअरों के दिल को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक्सनोट्रांसप्लांट्स के रूप में जानी जाने वाली इस सर्जरी को आगे जीवित इंसानों पर भी आजमाया जाएगा।

CNBC ने समाचार एजेंसी PTI के हवाले से जानकारी दी है कि अमेरिका में 16 जून और 6 जुलाई को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYU) लैंगोन के Tisch अस्पताल में एक सर्जरी की गई, जहां मृत इंसानों में जेनेटिक तरीके से तैयार किए गए सुअरों के दिल को सफलतापूवर्क फिट किया गया। NYU लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट में हार्ट ट्रांसप्लांट के सर्जिकल डायरेक्टर नादेर मोआज़मी (Nader Moazami) ने सैकड़ों मील दूर एक फैलेलिटी से प्राप्त सुअरों के दिल का उपयोग करके जांच प्रक्रियाओं का नेतृत्व किया और हाल ही में मृत डोनर्स को वेंटिलेटर सपोर्ट पर बनाए रखते हुए इन दिलों का ट्रांसप्लांट किया।

ट्रांसप्लांट सर्जरी कई घंटों में की गई और तीन दिनों तक हार्ट एक्टिविटी पर नजर रखी गई। पहला हार्ट एक्सनोट्रांसप्लांट 19 जून, 2022 को और दूसरा 9 जुलाई, 2022 को संपन्न हुआ।

रिपोर्ट कहती है कि रिसर्चर्स ने बताया कि ट्रांसप्लांट के बाद किसी भी अंग में प्रारंभिक अस्वीकृति का कोई संकेत नहीं देखा गया था और दिल सामान्य रूप से स्टैंडर्ड पोस्ट-ट्रांसप्लांट दवाओं के साथ और बिना किसी अतिरिक्त मैकेनिकल सपोर्ट के आराम से काम कर रहा था। किसी भी मामले में पोर्सिन साइटोमेगालोवायरस (pCMV) की उपस्थिति का पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि स्टडी के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑपरेटिंग रूम को केवल भविष्य के एक्सनोट्रांसप्लांटेशन अनुसंधान के लिए उपयोग करने के काम में लिया गया है।

ये सभी दिल उन सूअरों से लिए गए थे, जिसमें 10 आनुवंशिक मॉडिफिकेशन थे, जिसमें 4 पोर्सिन जीन “नॉकआउट्स” शामिल थे, जो अस्वीकृति और असामान्य अंग के बढ़ने को रोकने के लिए थे। इसके अलावा, प्रोटीन को बढ़ावा देने के लिए छह मानव ट्रांसजेन थे, जो उन महत्वपूर्ण जैविक मार्गों को रेगुलेट करते हैं, जो सूअरों और मनुष्यों के बीच असंगति से बाधित हो सकते हैं।

स्टडी में किसी अन्य जांच उपकरण या दवाओं का उपयोग नहीं किया गया था। खरीद, परिवहन, ट्रांसप्लांट सर्जरी, और इम्यूनोसप्रेशन को हार्ट ट्रांसप्लांट में उपयोग किए जाने वाले वर्तमान क्लिनिकल स्टैंडर्ड्स के साथ जोड़ा गया था।

एनवाईयू लैंगोन एडवांस्ड हार्ट फेल्योर प्रोग्राम के निदेशक एलेक्स रेयंटोविच ने कहा, “ये जेनोहार्ट प्रत्यारोपण के यांत्रिक, आणविक और प्रतिरक्षात्मक पहलुओं की गहरी समझ विकसित करने और ऐसा करने के लिए मानक नैदानिक ​​अभ्यास और उपकरणों का उपयोग करने की व्यवहार्यता विकसित करने में पहला कदम है।”

 

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