Piyush Goyal in WTO: विश्व व्यापार संगठन की बैठक में बोले पीयूष गोयल- वैक्सीन पेटेंट में छूट देने पर विचार करें सदस्य देश


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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जेनेवा में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। यहां उन्होंने सोमवार को कोरोना वैक्सीन के पेटेंट में छूट देने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। गोयल ने कहा कि महामारी के बीच जिस पैकेज को लेकर हम बात कर रहे हैं, उसमें भारत और दक्षिण अफ्रीका की तरफ से कोरोना टीकों के पेटेंट में छूट देने के प्रस्ताव को भी शामिल करना चाहिए। इससे पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी। 

गोयल ने यह बात डब्ल्यूटीओ के एक कार्यक्रम में कहीं, जो कि मंत्रीस्तरीय कॉन्फ्रेंस का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए महामारी के खिलाफ जंग ट्रिप्स (व्यापार में बौद्धिक संपदा अधिकार) में छूट दिए बिना पूरी नहीं होगी। गौरतलब है कि ट्रिप्स समझौता जनवरी, 1995 में लागू हुआ था। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, अघोषित सूचना या व्यापार संबंधी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर किया गया बहुपक्षीय समझौता है। ट्रिप्स के तहत कोई भी देश या संस्थान अपनी बौद्धिक संपदा पर अधिकार रखता है। ट्रिप्स इस संपदा को अवैध तरीके से नकल होने या गैरकानूनी इस्तेमाल से बचाती है। 

गोयल ने कहा, “पिछले डेढ़ साल से भारत, दक्षिण अफ्रीका और पेटेंट प्रावधानों से छूट प्रस्ताव के 63 सह-प्रायोजक देशों ने डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों से कोविड-19 महामारी से व्यापक रूप से निपटने को लेकर टीकों के उत्पादन में तेजी, इलाज और जांच के लिये ट्रिप्स प्रावधानों में छूट प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह किया था। इसका मकसद टीकों की आपूर्ति बढ़ाना और सभी के लिए दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित कराना था। पर अफसोस है कि ट्रिप्स परिषद में बातचीत अटक गयी है।’’

डब्ल्यूटीओ के महामारी को लेकर उठाए जाने वाले कदमों के मसौदे में मुख्य रूप से ट्रिप्स छूट प्रस्ताव, खाद्य सुरक्षा, महामारी के समय में व्यापार को कैसे सुगम बनाया जाए, निर्यात प्रतिबंध, व्यापार उपाय, पारदर्शिता और सेवा क्षेत्र की भूमिका शामिल है। गोयल ने कहा कि सोच-विचार कर तैयार इस दस्तावेज में जरा सी भी गड़बड़ी से महीनों से चली आ रही जटिल बातचीत का नतीजा विफल होने का खतरा होगा जिसे हम हासिल करने के करीब हैं। उन्होंने कहा कि महामारी और ट्रिप्स प्रावधानों से छूट को अंतिम रूप देने काम एक साथ होना चाहिए।

गौरतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्तूबर, 2020 में कोविड-19 महामारी के इलाज और उसकी रोकथाम के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट दिए जाने का पहला प्रस्ताव रखा था। मई, 2021 में संशोधित प्रस्ताव दिया गया था।

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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जेनेवा में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। यहां उन्होंने सोमवार को कोरोना वैक्सीन के पेटेंट में छूट देने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। गोयल ने कहा कि महामारी के बीच जिस पैकेज को लेकर हम बात कर रहे हैं, उसमें भारत और दक्षिण अफ्रीका की तरफ से कोरोना टीकों के पेटेंट में छूट देने के प्रस्ताव को भी शामिल करना चाहिए। इससे पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी। 

गोयल ने यह बात डब्ल्यूटीओ के एक कार्यक्रम में कहीं, जो कि मंत्रीस्तरीय कॉन्फ्रेंस का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए महामारी के खिलाफ जंग ट्रिप्स (व्यापार में बौद्धिक संपदा अधिकार) में छूट दिए बिना पूरी नहीं होगी। गौरतलब है कि ट्रिप्स समझौता जनवरी, 1995 में लागू हुआ था। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, अघोषित सूचना या व्यापार संबंधी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर किया गया बहुपक्षीय समझौता है। ट्रिप्स के तहत कोई भी देश या संस्थान अपनी बौद्धिक संपदा पर अधिकार रखता है। ट्रिप्स इस संपदा को अवैध तरीके से नकल होने या गैरकानूनी इस्तेमाल से बचाती है। 

गोयल ने कहा, “पिछले डेढ़ साल से भारत, दक्षिण अफ्रीका और पेटेंट प्रावधानों से छूट प्रस्ताव के 63 सह-प्रायोजक देशों ने डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों से कोविड-19 महामारी से व्यापक रूप से निपटने को लेकर टीकों के उत्पादन में तेजी, इलाज और जांच के लिये ट्रिप्स प्रावधानों में छूट प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह किया था। इसका मकसद टीकों की आपूर्ति बढ़ाना और सभी के लिए दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित कराना था। पर अफसोस है कि ट्रिप्स परिषद में बातचीत अटक गयी है।’’

डब्ल्यूटीओ के महामारी को लेकर उठाए जाने वाले कदमों के मसौदे में मुख्य रूप से ट्रिप्स छूट प्रस्ताव, खाद्य सुरक्षा, महामारी के समय में व्यापार को कैसे सुगम बनाया जाए, निर्यात प्रतिबंध, व्यापार उपाय, पारदर्शिता और सेवा क्षेत्र की भूमिका शामिल है। गोयल ने कहा कि सोच-विचार कर तैयार इस दस्तावेज में जरा सी भी गड़बड़ी से महीनों से चली आ रही जटिल बातचीत का नतीजा विफल होने का खतरा होगा जिसे हम हासिल करने के करीब हैं। उन्होंने कहा कि महामारी और ट्रिप्स प्रावधानों से छूट को अंतिम रूप देने काम एक साथ होना चाहिए।

गौरतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्तूबर, 2020 में कोविड-19 महामारी के इलाज और उसकी रोकथाम के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट दिए जाने का पहला प्रस्ताव रखा था। मई, 2021 में संशोधित प्रस्ताव दिया गया था।



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