PLI Scheme: केंद्र की पीएलआई योजना के तहत टाटा, महिंद्रा, ह्यूंदै को चुना गया, मारुति सूची से बाहर


ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 11 Feb 2022 09:52 PM IST

सार

केंद्र सरकार ने स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में घोषित पीएलआई योजना के लिए भारत में स्थित 20 कार निर्माताओं की सूची पर मुहर लगा दी है।

Car Plant

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– फोटो : For Reference Only

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विस्तार

केंद्र सरकार ने स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में घोषित पीएलआई योजना के लिए भारत में स्थित 20 कार निर्माताओं की सूची पर मुहर लगा दी है। ये कार निर्माता, जो ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत आवेदन करने के लिए 115 ऑटोमोटिव कंपनियों का हिस्सा थे, उनमें Tata Motors (टाटा मोटर्स), Mahindra and Mahindra (महिंद्रा एंड महिंद्रा), Hyundai (ह्यूंदै) और Kia (किआ) जैसी अन्य कंपनियां शामिल हैं।

मारुति सूची से बाहर

यहां गौर करने वाली बात यह है कि देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी Maruti Suzuki (मारुति सुजुकी) इस सूची में शामिल नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने के बाद अपनी मूल कंपनी Suzuki Motor (सुजुकी मोटर) के पक्ष में आवेदन वापस ले लिया था।

ये टू-व्हीलर्स कंपनियां सूची में शामिल

चुने गए 20 कार निर्माताओं में से, Ola Electric (ओला इलेक्ट्रिक), TVS (टीवीएस), Hero MotoCorp (हीरो मोटोकॉर्प), Bajaj Auto (बजाज ऑटो), Piaggio (पियाजियो) उन दोपहिया निर्माताओं में से हैं, जिन्हें इंसेंटिव के लिए चुना गया है। नई गैर-ऑटोमोटिव श्रेणी के तहत ओला इलेक्ट्रिक का चयन किया गया है।

‘भारत मजबूत मैन्युफेक्चरिंग हब बनेगा’

Pinnacle Industries limited (पिनेकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड) जो एक वाणिज्यिक वाहन सीटिंग और इंटीरियर कंपनी है, को भी इंसेंटिव के लिए चुना गया है। मोबिलिटी चेयरमैन और पिनेकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुधीर मेहता ने वैकल्पिक ईंधन और नई गतिशीलता पर उनके निरंतर समर्थन, ध्यान और प्रोत्साहन के लिए सरकार को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि यह टिकाऊ गतिशीलता के पूरे इकोसिस्टम के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है। देश के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है और इन उपायों से आयात निर्भरता में काफी कमी आएगी और भारत एक मजबूत मैन्युफेक्चरिंग हब बन जाएगा, जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी है।”

पिछले साल आई थी PLI योजना

केंद्र ने पिछले साल 23 सितंबर को पीएलआई योजना को लेकर अधिसूचना जारी की थी। इसे 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया था। इस योजना का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देना है।

इस योजना के तहत, एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी उत्पादों की बिक्री का निर्धारण करने के लिए इंसेंटिव लागू होते हैं, जिसमें अप्रैल 2022 से भारत में निर्मित वाहनों और घटकों को लगातार पांच वर्षों की अवधि के लिए शामिल किया गया है।

‘चैंपियन ओईएम इंसेंटिव स्कीम’

इन 20 कार निर्माताओं को ‘चैंपियन ओईएम इंसेंटिव स्कीम’ के लिए चुना गया है, जो भारत में ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट उद्योग के लिए केंद्र की पीएलआई योजना का हिस्सा है। चैंपियन ओईएम योजना एक ‘बिक्री मूल्य से जुड़ी’ योजना है, जो सभी सेगमेंट के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहनों पर लागू होती है।

मिलेगा 18 प्रतिशत तक का इंसेंटिव

भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा कि उसे स्वीकृत आवेदकों से 45,016 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ व्यापक प्रतिक्रिया मिली है। पीएलआई योजना कार निर्माताओं को 18 प्रतिशत तक का इंसेंटिव देगी।

यह योजना एक बिक्री मूल्य से जुड़ी योजना है, जो वाहनों के एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी कंपोनेंट, कंप्लीटली नॉक्ड डाउन (सीकेडी), सेमी-नॉक्ड डाउन (एसकेडी) किट पर लागू होती है। इस योजना में दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहन, वाणिज्यिक वाहन और ट्रैक्टर शामिल हैं।



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