नई दिल्ली. क्या पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पति और पत्नी दोनों को मिल सकता है? ये सवाल कई बार किसानों के जहन में उठता है. इसे लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं. हालांकि, सच यह है कि दोनों एक साथ इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते हैं. इसका मतलब है कि पति-पत्नी के नाम पर अलग-अलग 2-2 हजार रुपये की किस्त नहीं आ सकती है.
ऐसे कई मामलों में सरकार ने किसानों पर कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं. पीएम किसान के कई लाभार्थी एक ही जमीन पर पति और पत्नी दोनों के नाम पर 4000 रुपये की समर्थन राशि ले रहे थे. ऐसे किसानों को सरकार ने नोटिस भी भेजा है.
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अपात्र किसानों से रिकवर होंगी किस्तें
सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी फर्जी तरीके से किसान सम्मान निधि लेता पाया गया है तो उससे सारी किस्तों की रिकवरी की जाएगी. बता दें कि इनमें वे लोग भी शामिल होंगे जिन्होंने पति-पत्नी दोनों के नाम पर किस्त उठाई है. इसके अलावा भी सरकार द्वारा तय कई मानक हैं जिन पर खरे न उतरने वाले लोगों से भी किस्त वापस ली जाएगी.
क्या है पीएम किसान सम्मान योजना
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को हर 4 महीने बाद 2000 रुपए की किस्त दी जाती है. केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से हर साल किसनों को 6000 रुपए मिलते हैं. हालांकि, यह राशि सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलती है जो एक तय सीमा से नीचे की आय अर्जित करते हैं. इसके अलावा भी कई ऐसे कारक हैं जो किसान को इस योजना के तहत लाभार्थी बनने से रोक सकते हैं. इस योजना की 11वीं किस्त 31 मई को 10 करोड़ से अधिक पात्र किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई थी. योजना की शुरुआत साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में की थी.
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कौन-कौन नहीं हैं पीएम किसान सम्मान निधि के पात्र
- संस्थागत भूमिधारक, वह किसान जिनके पास सरकारी खेत, किसी ट्रस्ट के खेत व सहकारी खेत आदि हों वह इस योजना से बाहर होते हैं.
- ऐसे किसान परिवार जिनके घर में पहले या वर्तमान में किसी शख्स के पास संवैधानिक पद हो.
- सांसद व विधायक भी इस योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं. राज्य विधान परिषद सदस्यों के परिवार, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष.
- केंद्र या राज्य सरकारों, कार्यालयों और विभागों के वर्तमान या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी.
केंद्र या राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और संबद्ध कार्यालयों या केंद्र के तहत स्वायत्त संस्थानों के वर्तमान या पूर्व अधिकारी. - स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी. हालांकि, मल्टी-टास्किंग स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी या समूह डी कर्मचारियों इस योजना का गिस्सा हो सकते हैं.
- वे पेंशनभोगी जो 10,000 रुपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं.
- जिन्होंने पिछले आकलन वर्षों में आयकर का भुगतान किया है.
- अन्य पेशेवर जैसे इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट व अन्य पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत व्यक्ति भी इस योजना का हिस्सा नहीं हो सकते.
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FIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 08:00 IST