पीएम मोदी-बोरिस जॉनसन की मुलाकात: कई समझौतों पर हुए हस्ताक्षर, ब्रिटेन ने किया आत्मनिर्भर भारत का समर्थन


सार

PM Narendra Modi-Boris Johnson Meeting Update:  प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक एफटीए के समापन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हम ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।

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शुक्रवार को राजधानी दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की मुलाकात हुई। दोनों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। जहां एक ओर दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।

साल के अंत तक एफटीएम का समापन
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भी स्थापना की थी और हमने रोडमैप 2030 को भी लांच किया था। आज हमने इस रोडमैप को भी रिव्यू किया और आगे के लिए लक्ष्य तय किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक एफटीए के समापन का निर्णय लिया है।

हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने का आमंत्रण
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ महीनें में भारत ने संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का समापन किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमने अपनी जलवायु और उर्जा पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।

जॉनसान बोले-शानदार बातचीत हुई 
इस मुलाकात के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आज हमारी शानदार बातचीत हुई और हमने अपने रिश्ते को हर तरह से मजबूत किया है। भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन नौकरशाही को कम करने और रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक भारत विशिष्ट खुला सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है। 

दोनों देशों के बीच संबंध गहरे हुए
जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले से मजबूत हैं, तो दूसरी ओर ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को गहरा किया है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और नियम-आधारित रखने में दोनों देशों का साझा हित है। दोनों देश वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्थायी, घरेलू ऊर्जा के लिए कदम उठाएंगे।

15वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टर्नर
गौरतलब है कि ब्रिटेन भारत का 15वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टर्नर है। साल 2020 के आंकड़ों को देखें तो दोनों देशों के बीच कुल 18.3 अरब पाउंड का कारोबार हुआ था। इसमें 11.7 अरब पाउंड का निर्यात और 6.6 अरब पाउंड का आयात किया गया था। शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम पर भी समझौता किया गया। इस दौरान आपको बता दें कि ब्रिटेन में चल रही 99 परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों का निवेश है। 

विस्तार

शुक्रवार को राजधानी दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की मुलाकात हुई। दोनों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। जहां एक ओर दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।

साल के अंत तक एफटीएम का समापन

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भी स्थापना की थी और हमने रोडमैप 2030 को भी लांच किया था। आज हमने इस रोडमैप को भी रिव्यू किया और आगे के लिए लक्ष्य तय किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक एफटीए के समापन का निर्णय लिया है।

हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने का आमंत्रण

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ महीनें में भारत ने संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का समापन किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमने अपनी जलवायु और उर्जा पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।

जॉनसान बोले-शानदार बातचीत हुई 

इस मुलाकात के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आज हमारी शानदार बातचीत हुई और हमने अपने रिश्ते को हर तरह से मजबूत किया है। भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन नौकरशाही को कम करने और रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक भारत विशिष्ट खुला सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है। 

दोनों देशों के बीच संबंध गहरे हुए

जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले से मजबूत हैं, तो दूसरी ओर ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को गहरा किया है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और नियम-आधारित रखने में दोनों देशों का साझा हित है। दोनों देश वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्थायी, घरेलू ऊर्जा के लिए कदम उठाएंगे।

15वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टर्नर

गौरतलब है कि ब्रिटेन भारत का 15वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टर्नर है। साल 2020 के आंकड़ों को देखें तो दोनों देशों के बीच कुल 18.3 अरब पाउंड का कारोबार हुआ था। इसमें 11.7 अरब पाउंड का निर्यात और 6.6 अरब पाउंड का आयात किया गया था। शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम पर भी समझौता किया गया। इस दौरान आपको बता दें कि ब्रिटेन में चल रही 99 परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों का निवेश है। 



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