बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 30 Mar 2022 02:22 PM IST
सार
तेल की कीमतों पर संसद में छिड़े घमासान के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के साथ पूर्व कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने दो लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड इशू किए थे, जिसके चलते तेल की कीमतें कम करना संभव नहीं हो पा रहा है।
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विस्तार
मुंबई में सबसे महंगा पेट्रोल
पहले बात कर लें तेल की ताजा कीमतों की। तो बता दें कि आठ बार की बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 101.01 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल 92.27 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 115.88 रुपये व डीजल की कीमत 100.10 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ऐसे राज्य हैं जहां पर पेट्रोल का भाव 100 रुपये पर बना हुआ है। रोजाना बढ़ती कीमतों पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी के रोज के कामों की सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही महंगाई को लेकर हैशटैग रोज सुबह की बात भी लिखी है।
सीतारमण ने ऐसे किया बचाव
तेल की कीमतों पर छिड़े इस घमासान के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री ने सरकार का बचाव करते हुए मंगलवार को संसद में कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर अंकुश ना लग पाने के पीछे पूर्व कांग्रेस सरकार है। उन्होंने एक बार फिर से ऑयल बांड का जिक्र किया। सीतारमण ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि देश में तेल की आसमान छूती कीमतों के लिए अन्य बातों के अलावा ऑयल बांड भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने दो लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड इशू किए थे, जिसके चलते तेल की कीमतें कम करना संभव नहीं हो पा रहा है।
2026 तक चलेगा ये सिलसिला
राज्यसभा में मंगलवार को वित्त विधेयक एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच एक महीने से ज्यादा समय से जारी भीषण जंग का असर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों पर पड़ रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें प्रभावित हुई हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि आज लोग जो इन ईंधनों का महंगा दाम चुका रहे हैं, वह एक दशक पहले दी गई सब्सिडी के कारण है। उस समय ऑयल बांड के नाम पर दो लाख करोड़ रुपये लिए गए थे और इसका भुगतान जारी है जो कि साल 2026 तक चलेगा।
कच्चे तेल के दामों में आज भी तेजी
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बुधवार को भी जोरदार उछाल देखने को मिला है। खबर लिखे जाने तक ब्रेंट क्रूड का दाम बढ़कर 112.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका था। नायमैक्स क्रूड1.02 डॉलर यानी 0.98 फीसदी की तेजी के बाद 105.26 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। भारत पर भी कच्चे तेल के दामों की तेजी का असर देखा जा रहा है और यहां लगातार ईंधन के दामों में बढ़ोतरी होती जा रही है। पूर्व में जारी की गई रिपोर्ट को देखें तो अभी देश में तेल की कीमतों पर लगाम लगना संभव नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया था कि पेट्रोल और डभ्जल के दाम में क्रमश: 15 से 22 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।