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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इसे जून 2020 में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने IN-SPACe के मुख्यालय का निरीक्षण भी किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी के आधुनिक भारत की विकास यात्रा में एक शानदार अध्याय जुड़ा है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के मुख्यालय के लिए सभी देशवासियों को और वैज्ञानिक समुदाय को बहुत-बहुत बधाई।
उन्होंने कहा कि IN-SPACe भारत के युवाओं को अपना टैलेंट दिखाने का मौका देगा। चाहे वो सरकार में काम कर रहे हों या प्राइवेट सेक्टर में। IN-SPACe सभी के लिए बेहतरीन अवसर बनाएगा। IN-SPACe में भारत की स्पेस इंडस्ट्री में क्रांति लाने की क्षमता है।
#WATCH For alerting about an exciting post youth nowadays write ‘Watch This Space’. For India’s space industry too, the launch of INSPACe is ‘Watch This Space’ moment. It will give opportunities to the best scientific minds working in govt or private sector: PM Modi in Ahmedabad pic.twitter.com/pJ4uPbXOVo
— ANI (@ANI) June 10, 2022
उन्होंने कहा कि बड़े विचार ही तो विजेता बनाते हैं। स्पेस सेक्टर में सुधार करके, उसे सारी बंदिशों से आजाद करके, IN-SPACe के माध्यम से प्राइवेट इंडस्ट्री को भी सपोर्ट करके देश आज विजेता बनाने का अभियान शुरू कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोई साइंटिस्ट है या किसान-मजदूर है, विज्ञान की तकनीकियों को समझता है या नहीं समझता है, इन सबसे ऊपर हमारा स्पेस मिशन देश के जन-गण के मन का मिशन बन जाता है। मिशन चंद्रयान के दौरान हमने भारत की इस भावनात्मक एकजुटता को देखा था।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में स्पेस-टेक एक बड़े क्रांति का आधार बनने वाला है। स्पेस-टेक अब केवल दूर स्पेस की नहीं, बल्कि हमारे पर्सनल स्पेस की टेक्नालजी बनने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, IN-SPACe एक नोडल एजेंसी होगी, जो अंतरिक्ष गतिविधियों और गैर-सरकारी निजी संस्थाओं को अंतरिक्ष से जुड़ी सुविधाओं के विभाग के उपयोग की अनुमति देगी। इसका मकसद अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा निजी भागीदारी को सुनिश्चित करना होगा।
अमित शाह ने कही यह बात
इससे पहले एक अन्य कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ने 1,000 साल तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई व्यर्थ नहीं गई। इस लड़ाई के दौरान कुर्बानियां देने वालों की आत्मा को आज भारत का पुनरुत्थान देखकर शांति मिल रही होगी। शाह ने यह बात ‘महाराणा: सहस्र वर्षों का धर्मयुद्ध’ पुस्तक के विमोचन के दौरान कही। इस अवसर पर उन्होंने मौजूदा लेखकों व इतिहासकारों का आह्वान किया कि वे इतिहास पर टीका -टिप्पणी छोड़कर देश के गौरवशाली इतिहास को संदर्भ ग्रंथ के रूप में जनता के सामने रखें।