प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसा और बवाल मामले में आरोपित मोहम्मद शाह आलम जिलाध्यक्ष ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादउल मुस्लिमीन (AIMIM) की अग्रिम जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने निरस्त कर दिया. अपर सत्र न्यायाधीश रत्नेश कुमार श्रीवास्तव ने आरोपित के अधिवक्ता और जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अखिलेश सिंह बिसेन के विस्तृत तर्कों को सुनने एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजातों का अवलोकन करने के बाद जमानत अर्जी निरस्त कर दिया.
अभियोजन द्वारा बताया गया कि आरोपित का अपराधिक इतिहास भी है. अदालत ने कहा कि मामला राहगीरों पुलिस बल पर पथराव करने गोलियों और बमों से हमला करने का है. अतिरिक्त बल का प्रयोग कर नियंत्रित किया गया है तमाम लोग घायल हुए संपत्ति को आग लगाकर नष्ट किया गया है. ऐसी स्थिति में जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार की जाने का कोई आधार पर्याप्त नहीं है. करेली थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि 10 जून 2022 को हजारों की भीड़ करीब दो बजे अटाला मोहल्ले की तरफ से आई और पथराव करने लगे पथराव छत से भी होने लगा. गोली बम चलाने लगे इससे राहगीरों एवं पुलिस बल में लगे तमाम लोगों को चोटे आई.
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मोबाइल छीनने लगे शस्त्र लूटने का प्रयास करने लगे गाड़ियों में आग लगा दिए, छोटे बच्चों से खतरनाक कार्य कराया गया. ऐसा कार्य करने के लिए उनको उकसाया गया, अतिरिक्त बल का प्रयोग कर उन्हें नियंत्रित किया गया. इसी मामले में एक अन्य आरोपित उमर खालिद की भी अग्रिम जमानत अर्जी न्यायालय द्वारा निरस्त कर दी. गौरतलब है कि दोनों आरोपी मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार चल रहे हैं. पुलिस ने कोर्ट से दोनों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराया है. इसके साथ ही एसएसपी प्रयागराज ने दोनों अभियुक्तों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया है.
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FIRST PUBLISHED : July 09, 2022, 07:19 IST