सार
नीतीश के हालिया रुख को ले कर भाजपा सतर्क है। नीतीश बीते एक महीने से कैबिनेट की बैठक नहीं कर रहे। भाजपा के मंत्रियों के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे। इसके अलावा भाजपा कोटे के मंत्रियों के कामकाज की अकेले समीक्षा कर रहे हैं।
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विस्तार
जुलाई में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख से आशंकित भाजपा प्लान बी पर काम कर रही है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू )के समर्थन न देने की स्थिति में पार्टी हर हाल में बीजू जनता दल ( बीजेडी) और वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन हासिल करने में जुट गई है। वैसे अगर नीतीश राजग के साथ रहे तो भाजपा बीजेडी या वाईएसआर कांग्रेस में से किसी एक के समर्थन के सहारे अपने मनपसंद व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने में सफल हो जाएगी।
दरअसल नीतीश के हालिया रुख को ले कर भाजपा सतर्क है। नीतीश बीते एक महीने से कैबिनेट की बैठक नहीं कर रहे। भाजपा के मंत्रियों के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे। इसके अलावा भाजपा कोटे के मंत्रियों के कामकाज की अकेले समीक्षा कर रहे हैं। विपक्ष का साझा उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिशों में जुटे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव जल्द नीतीश से संपर्क साध सकते हैं। राव दो से तीन दिनों के बीच बिहार में नीतीश और राजद नेता तेजस्वी से मुलाकात करेंगे।
क्या है गणित और रणनीति?
राष्ट्रपति चुनाव में राजग की स्थिति बेहतर है। उसके पास इस समय 48.9 फीसदी तो संयुक्त विपक्ष के पास 51.1 फीसदी वोट हैं। शरद पवार, केसीआर, ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने के साथ राजग से जदयू तो तोड़ना चाहते हैं। जबकि भाजपा विपक्ष को एकजुट न होने देने के लिए बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस को हर हाल में साधने की मुहिम पर है। जदयू के मतों का मूल्य 22 हजार से थोड़ा अधिक है। ऐसे में अगर नीतीश विपक्ष के साथ गए तो भाजपा के लिए बीजेडी और केसीआर को साधना अनिवार्य हो जाएगा।
जदयू पहले भी दे चुका है गच्चा
जदयू इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को गच्चा दे चुका है। साल 2012 के चुनाव में पार्टी ने राजग के अधिकृत उम्मीदवार पीए संगमा की जगह यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। यही कारण है कि जदयू के इतिहास को देखते हुए भाजपा इस बार भी आशंकित है।
शाह संभालेंगे मोर्चा
अब तक बीजेडी और वाईएसआर को साधने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और जीवीएल नरसिम्हा राव मोर्चे पर लगाए गए हैं। हालांकि अब गृहमंत्री अमित शाह अगले हफ्ते से इस मुहिम पर जुटेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि शाह नवीन पटनायक, जगन मोहन रेड्डी के साथ नीतीश कुमार से भी बातचीत करेंगे। मंगलवार को देर शाम राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में जेपी नड्डा, शाह, बीएल संतोष सहित कुछ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
विपक्ष में केसीआर संभाल रहे कमान
विपक्ष की ओर से चुनाव की कमान तेलंगाना के सीएम संभाल रहे हैं। पहली कड़ी में केसीआर गैरकांग्रेसी संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की संभावना तलाश रहे हैं। पर्दे के पीछे से ममता, केजरीवाल, पवार उनके साथ हैं। केसीआर की इन तीनों नेताओं से मुलाकात हो चुकी है। इसके अलावा केसीआर ने महाराष्ट्र के सीएम उद्घव ठाकरे, अखिलेश यादव से भी मुलाकात की है। उनकी स्टालिन से फोन पर बात हुई है। अगली कड़ी में केसीआर की योजना जगन मोहन, नवीन पटनायक, तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से मिलने की है।