President Election: द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा, किसके जीतने की संभावना ज्यादा, किसे-किसका समर्थन?


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भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज वोटिंग होगी। इस बार एनडीए से द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। दोनों के बीच ही कांटे की टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, अब तक के राजनीतिक दलों के समर्थन के आंकड़े को देखा जाए तो आज होने वाले मतदान की तस्वीर काफी हद तक साफ है।
देशभर में सांसदों-विधायकों के वोटों का मूल्य कितना?
देशभर के सभी विधायकों के वोट की कीमत का जोड़ 543,231 है। राज्यसभा के 233 और लोकसभा के 543 सासंदों का जोड़ 776 है। अब 5,43,231 को 776 से भाग देने पर हमें 700.03 मिलता है। इस पूर्णांक  में 700 लिया जाता है। इस तरह एक सांसद के वोट का मूल्य 700 होता है। 

विधायकों और सांसदों के कुल वोट को मिलाकर ‘इलेक्टोरल कॉलेज’कहा जाता है।  यह संख्या 10,86,431 होती है। इस तरह जीत के लिए आधे से एक वोट की ज्यादा जरूरत होती है। मतलब उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम पांच लाख 43 हजार 216 वोट चाहिए होंगे। 

अब जानते हैं कि अब तक द्रौपदी मुर्मू को कितने दलों का साथ मिल चुका है? यशवंत सिन्हा उनसे कितने पीछे हैं? राष्ट्रपति चुनाव का समीकरण अब क्या कहता है? 
पहले जानिए द्रौपदी मुर्मू को किन-किन दलों ने दिया समर्थन? 
एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अब तक भाजपा के अलावा बीजद, झामुमो, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी, जनता दल सेक्युलर, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, जेडीयू, एआईएडीएमके, लोक जन शक्ति पार्टी, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), एनपीपी, एनपीएफ, एमएनएफ, एनडीपीपी, एसकेएम, एजीपी, पीएमके, एआईएनआर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी, यूडीपी, आईपीएफटी, यूपीपीएल जैसी पार्टियों ने समर्थन दे दिया है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन में शामिल ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है। समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भी मुर्मू के पक्ष में ही वोट डालने का एलान किया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जनसत्ता दल लोकत्रांत्रिक भी एनडीए प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहा है।
जिन बड़ी पार्टियों की तरफ से मुर्मू को समर्थन मिला है, उनमें सत्तासीन एनडीए के 3.08 लाख वोट, बीजद के 32 हजार वोट, एआईएडीएमके के 17,200 वोट, वाईएसआर कांग्रेस के 44,000 वोट, टीडीपी के 6500 वोट, शिवसेना के 25,000 वोट, जेडीएस के 5600 वोट शामिल हैं। इसके अलावा झामुमो, सुभासपा समेत अन्य दलों के वोट जोड़ दें तो मुर्मू के पास करीब 6.67 लाख वैल्यू से ज्यादा के वोट हैं। ये आंकड़ा जीतने के लिए जरूरी संख्या से काफी ज्यादा है। 
सिन्हा को कहां-कहां से मिला समर्थन? 
यशवंत सिन्हा को अब तक कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम) समाजवादी पार्टी, रालोद, आरएसपी, टीआरएस, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, भाकपा, आरजेडी, केरल कांग्रेस (एम), एआईयूडीएफ   जैसे कई दलों का समर्थन मिल चुका है। सिन्हा को सबसे हालिया समर्थन आम आदमी पार्टी का मिला है। इसी के साथ यशवंत के पास अभी करीब तीन लाख 89 हजार वैल्यू के वोट हैं। केरल के छोटे-बड़े सभी दलों ने यशवंत सिन्हा को ही समर्थन दिया है। ऐसे में संभव है कि यहां से एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को यहां एक भी वोट न मिले। 

हालांकि, अगर इन आंकड़ों को जोड़ भी लिया जाए तो यशवंत सिन्हा महज 39 फीसदी वोट वैल्यू जुटाते दिख रहे हैं। उन्हें विपक्षी दलों की तरफ से 4.20 लाख से ज्यादा वोट मिलने की संभावना कम ही है। हालांकि, यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में इतने वोट पाकर भी एक अनोखा रिकॉर्ड बना सकते हैं। मौजूदा समय में राष्ट्रपति चुनाव हारने वालों में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमारी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। उन्हें रामनाथ कोविंद के खिलाफ 3.67 लाख की वोट वैल्यू हासिल हुई थी और यह हारने वाले प्रत्याशी को मिली मतों की वैल्यू का रिकॉर्ड था। अगर यशवंत सिन्हा चार लाख से ज्यादा अनुमानित वोट हासिल कर लेते हैं तो यह एक नया रिकॉर्ड होगा। 

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भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज वोटिंग होगी। इस बार एनडीए से द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। दोनों के बीच ही कांटे की टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, अब तक के राजनीतिक दलों के समर्थन के आंकड़े को देखा जाए तो आज होने वाले मतदान की तस्वीर काफी हद तक साफ है।



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