President Election : राष्ट्रपति पद के करीब पहली आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू, विपक्ष का यशवंत सिन्हा पर दांव


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भाजपा ने ओडिशा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (64) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (84) से होगा। पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंगलवार को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में मुर्मू के नाम पर मुहर लगाई गई। मुर्मू झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल रह चुकी हैं।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की। पांच साल पहले एक दलित को देश के सर्वोच्च पद पर बिठाने के बाद भाजपा ने अब आदिवासी महिला को चुनकर फिर अहम राजनीतिक संदेश दिया है। मुर्मू देश के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय संथाल से हैं। वोटों का गणित राजग के पक्ष में है। ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) ने उन्हें समर्थन की घोषणा कर दी है। मुर्मू का चुनाव जीतना औपचारिकता माना जा रहा है। राजग के करीब 50 फीसदी मताें में बीजद के 31,000 मत भी जुड़ गए। कुछ और दल भी समर्थन का एलान कर सकते हैं।

इससे पहले, राकांपा प्रमुख शरद पवार की अगुवाई में संसदीय सौध में हुई बैठक में भाजपा के पूर्व नेता और अब तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष सिन्हा को विपक्ष ने साझा प्रत्याशी चुना। बैठक में कांग्रेस समेत तृणमूल, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एआईएमआईएम, राजद व एआईयूडीएफ ने हिस्सा लिया। टीआरएस, बीजद, आप, अकाली दल और वाईएसआरसीपी ने पहले की तरह बैठक से दूर रहे। जबकि, महाराष्ट्र के सियासी संकट के कारण शिवसेना से भी कोई नहीं पहुंचा।

द्रौपदी मुर्मू
ओडिशा में जन्म। पूर्व राज्यपाल। राजनीतिक जीवन की शुरुआत पार्षद से। वर्ष 2000 में पहली बार विधायक। भाजपा-बीजद सरकार में दो बार मंंत्री।

यशवंत सिन्हा
पटना में जन्म। पूर्व आईएएस अधिकारी। वाजपेयी समेत कई सरकारों में मंत्री। भाजपा में भी रहे। 2018 में छोड़ी पार्टी। तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे, अब इस्तीफा दिया।

विश्वास…शानदार राष्ट्रपति साबित होंगी द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू ने अपना जीवन समाजसेवा, गरीबों और वंचितों को सशक्त करने में समर्पित कर दिया। वह शानदार राष्ट्रपति साबित होंगी। करोड़ों लोग, खासकर गरीबी-संघर्ष में जीवन बिताने वाले, उनके जीवन से प्रेरणा पाते हैं। नीतियों की उनकी समझ व दयालु स्वभाव से देश को बड़ा लाभ होगा। – नरेंद्र मोदी, पीएम

पहली बार…

  • मुर्मू चुनाव जीतीं, तो सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी
  • आजादी के बाद पैदा हुईं पहली राष्ट्रपति
  • ओडिशा से पहली बार देश को मिलेगा राष्ट्रपति
  • अब तक की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनेंगी
चुनाव 18, नतीजे 21 को
राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा। वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अंतिम तिथि 29 जून है।

द्रौपदी मुर्मू को बधाई। जब प्रधानमंत्री ने मुझसे चर्चा की, तो बेहद खुशी हुई। ओडिशा के लिए यह गौरवशाली क्षण है। विश्वास है, मुर्मू महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनेंगी। – नवीन पटनायक, सीएम, ओडिशा

चुनाव सांकेतिक, गणित में राजग आगे, बीजद आया साथ, वाईएसआर कांग्रेस का भी मिलेगा समर्थन

  • राजग- कुल मत : 5,26,420
  • जीत के लिए जरूरी : 5,39,420
  • बीजद (31,000 मत) व वाईएसआर कांग्रेस (43,000 मत) का समर्थन मिलने पर सत्तारूढ़ राजग की स्थिति : 6,00,420
  • आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू  को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे।
  • अभी झामुमो को छोड़ भी दें, तो राजग के पास छह लाख से ज्यादा मत हैं।

विपक्ष : सिन्हा बहुत पीछे

  • विपक्ष के पास करीब 3,70,709 वोट
  • यूपीए : 2,59,000
  • टीएमसी : 58,000
  • सपा : 28,688
  • वाम दल : 25,000 वोट।
  • देखना दिलचस्प होगा कि राजग की ओर से आदिवासी महिला उम्मीदवार उतारे जाने के बाद विपक्ष में एकता कायम रहती है या नहीं।

विस्तार

भाजपा ने ओडिशा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (64) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (84) से होगा। पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंगलवार को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में मुर्मू के नाम पर मुहर लगाई गई। मुर्मू झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल रह चुकी हैं।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की। पांच साल पहले एक दलित को देश के सर्वोच्च पद पर बिठाने के बाद भाजपा ने अब आदिवासी महिला को चुनकर फिर अहम राजनीतिक संदेश दिया है। मुर्मू देश के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय संथाल से हैं। वोटों का गणित राजग के पक्ष में है। ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) ने उन्हें समर्थन की घोषणा कर दी है। मुर्मू का चुनाव जीतना औपचारिकता माना जा रहा है। राजग के करीब 50 फीसदी मताें में बीजद के 31,000 मत भी जुड़ गए। कुछ और दल भी समर्थन का एलान कर सकते हैं।

इससे पहले, राकांपा प्रमुख शरद पवार की अगुवाई में संसदीय सौध में हुई बैठक में भाजपा के पूर्व नेता और अब तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष सिन्हा को विपक्ष ने साझा प्रत्याशी चुना। बैठक में कांग्रेस समेत तृणमूल, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एआईएमआईएम, राजद व एआईयूडीएफ ने हिस्सा लिया। टीआरएस, बीजद, आप, अकाली दल और वाईएसआरसीपी ने पहले की तरह बैठक से दूर रहे। जबकि, महाराष्ट्र के सियासी संकट के कारण शिवसेना से भी कोई नहीं पहुंचा।


द्रौपदी मुर्मू

ओडिशा में जन्म। पूर्व राज्यपाल। राजनीतिक जीवन की शुरुआत पार्षद से। वर्ष 2000 में पहली बार विधायक। भाजपा-बीजद सरकार में दो बार मंंत्री।

यशवंत सिन्हा

पटना में जन्म। पूर्व आईएएस अधिकारी। वाजपेयी समेत कई सरकारों में मंत्री। भाजपा में भी रहे। 2018 में छोड़ी पार्टी। तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे, अब इस्तीफा दिया।

विश्वास…शानदार राष्ट्रपति साबित होंगी द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू ने अपना जीवन समाजसेवा, गरीबों और वंचितों को सशक्त करने में समर्पित कर दिया। वह शानदार राष्ट्रपति साबित होंगी। करोड़ों लोग, खासकर गरीबी-संघर्ष में जीवन बिताने वाले, उनके जीवन से प्रेरणा पाते हैं। नीतियों की उनकी समझ व दयालु स्वभाव से देश को बड़ा लाभ होगा। – नरेंद्र मोदी, पीएम

पहली बार…

  • मुर्मू चुनाव जीतीं, तो सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी
  • आजादी के बाद पैदा हुईं पहली राष्ट्रपति
  • ओडिशा से पहली बार देश को मिलेगा राष्ट्रपति
  • अब तक की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनेंगी



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