President Visit: गीता प्रेस पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बोले- मेरे अच्छे कर्म थे जो मैं कार्यक्रम का हिस्सा बना


गोरखपुर एयरपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविन्द शनिवार दोपहर को पहुंचे। उनका स्वागत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। यहां से वह सीधे गोरखपुर सर्किट हाउस के लिए निकल गए। वहां आराम करने के बाद वह शाम 4.45 बजे गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल  होने के लिए निकल गए।  गीते प्रेस पहुंचते ही महामहिम ने लीलाचित्र मंदिर के दर्शन कर किए। उन्होंने हर एक तस्वीर को बड़े गौर से देखा और समझा। इसके बाद मंच पर सीएम योगी के साथ पहुंच गए।

गीता प्रेस में बने मंच पर महामहिम और देश की प्रथम महिला का जोरदार स्वागत किया गया। साथ में राज्यपाल और सीएम योगी को अंगवस्त्र और पुष्प भेंट किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में दो पुस्तकों का विमोचन किया। इसमें तीन सौ रंगीन चित्रों के साथ आर्टपेपर पर प्रकाशित ‘श्रीरामचरितमानस’ और गीता प्रेस के संस्थापक जयदयाल गोयंदका द्वारा लिखित ‘गीता तत्वविवेचनी’ के परिवर्धित संस्करण शामिल है।

महामहिम रामनाथ कोविंद ने कहा कि गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष में हिस्सा लेने के बाद मुझे महसूस हो रहा है कि पिछले जन्म में मैंने कुछ अच्छे कर्म किए थे जो इस कार्यक्रम का आज मैं हिस्सा बना हूं। गीता प्रेस के कर्मचारियों की मेहनत की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। गीता प्रेस साहित्य के माध्यम से देश और समाज की अपूर्व सेवा कर रहा है। साहित्य की सेवा कभी न मिटने वाली सेवा होती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि गीता प्रेस के कर्मचारियों के मेहनत व यहां के अनुशासन की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि लीला चित्र मंदिर के भ्रमण का भी अवसर प्राप्त हुआ। मैं मुख्यमंत्री जी को कह रहा था कि यह कल्पना है कि चार सौ वर्ष पुरानी चित्रों में अद्भुत नजारा दिख रहा है। जिन चित्रकारों ने इसे बनाया है वह अद्भुत है। जिस इंसान ने भी यह किया होगा उस इंसान के अंदर भगवान की कृपा जरूर रही होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि लीला चित्र मंदिर में एक गीता की पांडुलिपि को भी देखने का सौभाग्य मिला। उसे दूरबीन से दिखाया गया। मैं हैरान था कि एक छोटे से आकार में पूरी गीता का वर्णन अद्भुत है।

लीला चित्र मंदिर का तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अभी मुझे एक बार और आना है। कब आना है या कब आना होगा ये संयोग कब बनेगा निश्चित नहीं। लेकिन मेरे मन की इच्छा है और मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि यह मेरी इच्छा जल्द से जल्द पूरी हो।

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गीता प्रेस ने सभी धर्मों को जोड़ने का प्रयास किया है। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है कि हम इसका शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। गीता प्रेम ने श्रीरामचरितमानस और भगवत गीता को पूरे देश में घर-घर पहुंचाने का सहराहनीय प्रयास किया है। गीता प्रेस ने अपने 100 सालों में अनेक प्रकार के उतार चढ़ाव को झेलते हुए आगे बढ़ा।  

 

सीएम योगी ने कहा कि पूरे भारतवर्ष में कोई भी ऐसा हिंदू नहीं होगा, जिसके घर गीता प्रेस से जुड़ा हुआ कोई साहित्य ग्रंथ घर में नहीं होगा। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है कि हमें धर्म और संस्कार के साथ-साथ देश की सेवा कैसे कर सकते हैं, यह सारी बातें गीता प्रेस के ग्रंथों में मिल जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 1923 में, गोरखपुर में मात्र 10 रुपये के किराये के भवन में श्रद्धेय जयदयाल गोयन्दका जी ने जिस बीज का रोपण किया था, आज वह ‘गीता प्रेस’ विशाल वटवृक्ष बनकर पूरी दुनिया में सनातन हिंदू धर्म से संबंधित साहित्यों को घर-घर तक पहुंचा रहा है।

20 घंटों तक गोरखपुर में रहने के दौरान राष्ट्रपति गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के गोरखनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद नौकायन पर भ्रमण करेंगे। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए गीता प्रेस, गोरखनाथ मंदिर एवं नौकायन पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम कराए गए हैं।

 



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