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विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री रहे हैं। यशवंत सिन्हा भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं और उनके बेटे जयंत सिन्हा भाजपा के सांसद तथा पिछली मोदी सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं। इन सबके बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अमर उजाला से विशेष और संक्षिप्त बातचीत में कहा कि वह देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं।
जीवन में कठिन संघर्ष किया, कभी परवाह नहीं की
यह पूछने पर कि जब विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने जब यह प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो आपने यह हिम्मत कैसे दिखाई? पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बड़े सहज भाव से कहा कि मैंने बराबर जीवन में कठिन संघर्ष किया है। कभी यह चिंता नहीं की है कि स्थितियां मेरे अनुकूल हैं या नहीं।
मेरी लड़ाई भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए है
अपने बेबाक जवाब के लिए मशहूर रहे यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव लड़कर वह देश के लोकतंत्र की रक्षा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा 2018 आपको याद होगा। तब हमने भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक लड़ाई की शुरुआत की थी। राष्ट्र मंच का निर्माण किया था। उस समय भी कहा था कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है। चार साल बाद यह और अधिक खतरे में है। मेरा राष्ट्रपति का चुनाव लडऩा मेरे उसी लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष का हिस्सा है। हमने इसके लिए संघर्ष किया है और आगे की अपना प्रयास करते रहेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में कड़ी टक्कर देते हुए जीतने का भरोसा
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सिन्हा फिलहाल तिरुवनंतपुरम में हैं। उन्होंने अपना प्रचार आरंभ कर दिया है। मीडिया से लेकर हर फोरम पर वह प्रचार की रणनीति बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नहीं समझना चाहिए कि राष्ट्रपति का चुनाव कोई एकतरफा रहने वाला है। वह इस चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को मजबूत तरीके से पेश करेंगे। उन्हें भरपूर समर्थन मिलने का भरोसा है।