Prince Charles: ब्रिटिश रिपोर्ट में दावा, प्रिंस चार्ल्स फाउंडेशन ने ओसामा के परिवार से लिए थे 10 करोड़ रुपये


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ब्रिटेन में प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स द्वारा संचालित एक चैरिटी फंड ने अल-कायदा के मारे गए सरगना बिन लादेन के परिवार से वर्ष 2013 में दान स्वीकार किया था। ब्रिटिश मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस चार्ल्स अल-कायदा संस्थापक के सौतेले भाई बकर से लंदन में मिले और 10 लाख ब्रिटिश पाउंड (करीब 10 करोड़ रुपये) का दान स्वीकारने के लिए कथित तौर पर राजी हो गए थे। प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन (PWCF) ने इतनी बड़ी रकम ओसामा बिन लादेन के सौतेले भाई बकर और शाफिक बिन लादेन से ली थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजपरिवार के करीबी सलाहकारों ने ब्रिटिश तख्त के वारिस से अनुरोध किया था कि वह यह रकम वापस कर दें। हालांकि चार्ल्स के क्लेरेंस हाउस ऑफिस के प्रवक्ता ने सफाई दी कि प्रिंस व्यक्तिगत रूप से इस फैसले में कतई शामिल नहीं थे।

उसने कहा, द प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फंड (पीडब्ल्यूसीएफ) ने हमें विश्वास दिलाया है कि पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इस दान को स्वीकार किया गया था। पीडब्ल्यूसीएफ ने कहा, उसके ट्रस्टियों ने 2013 में शेख बकर बिन लादेन से दान स्वीकारने का फैसला अच्छी तरह सोच-विचार कर लिया था। ट्रस्ट और सरकार के सूत्रों का कहना है कि इसमें किसी भी अन्य व्यक्ति को लांछित करने का प्रयास गलत और भ्रामक है।

इस दान को लेकर प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन इयान चेशायर ने कहा कि उस समय पांच ट्रस्टियों द्वारा दान पर सहमति व्यक्त की गई थी। बता दें कि ब्रिटिश पुलिस ने फरवरी में एक सऊदी व्यवसायी से जुड़े कैश-फॉर-ऑनर्स घोटाले के दावों पर चार्ल्स की चैरिटेबल फाउंडेशन में से एक की जांच शुरू की थी। द प्रिंस फाउंडेशन के प्रमुख ने पिछले साल आरोपों की आंतरिक जांच के बाद इस्तीफा दे दिया था। फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी माइकल फॉसेट, एक सऊदी नागरिक के साथ अपने संबंधों के बारे में अखबारों के खुलासे के बाद शुरू में अपनी ड्यूटी को निलंबित करने पर सहमत हो गए थे।

ओसामा की मौत के दो साल बाद का है मामला
संडे टाइम्स का दावा है, अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान में विशेष अमेरिकी फौजों के हाथों मोत के दो साल बाद बकर ने प्रिंस चार्ल्स से मिलकर यह दान दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंस की चैरिटी ने इतिहास के सबसे घातक हमले की साजिश रचने वाले शख्स के परिवार से पैसे लिए थे। इन दावों ने उनकी चैरिटी के फंड इकट्ठा करने की गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 9/11 हमले में करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 67 लोग ब्रिटेन के थे।

प्रिंस ऑफ वेल्स के चैरिटेबल फंड की स्थापना 1979 में “जीवन को बदलने और स्थायी समुदायों का निर्माण करने” के लिए की गई थी। यह ब्रिटेन और दुनिया भर में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं को अनुदान देता है। 73 वर्षीय चार्ल्स को अपने चैरिटी के संचालन के बारे में कई दावों का सामना करना पड़ा है। पिछले महीने संडे टाइम्स ने खबर दी थी कि उसने कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हमद बिन जसीम बिन जबेर अल थानी से 30 लाख डॉलर की नकदी के बैग स्वीकार किए थे।

विस्तार

ब्रिटेन में प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स द्वारा संचालित एक चैरिटी फंड ने अल-कायदा के मारे गए सरगना बिन लादेन के परिवार से वर्ष 2013 में दान स्वीकार किया था। ब्रिटिश मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस चार्ल्स अल-कायदा संस्थापक के सौतेले भाई बकर से लंदन में मिले और 10 लाख ब्रिटिश पाउंड (करीब 10 करोड़ रुपये) का दान स्वीकारने के लिए कथित तौर पर राजी हो गए थे। प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन (PWCF) ने इतनी बड़ी रकम ओसामा बिन लादेन के सौतेले भाई बकर और शाफिक बिन लादेन से ली थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजपरिवार के करीबी सलाहकारों ने ब्रिटिश तख्त के वारिस से अनुरोध किया था कि वह यह रकम वापस कर दें। हालांकि चार्ल्स के क्लेरेंस हाउस ऑफिस के प्रवक्ता ने सफाई दी कि प्रिंस व्यक्तिगत रूप से इस फैसले में कतई शामिल नहीं थे।

उसने कहा, द प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फंड (पीडब्ल्यूसीएफ) ने हमें विश्वास दिलाया है कि पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इस दान को स्वीकार किया गया था। पीडब्ल्यूसीएफ ने कहा, उसके ट्रस्टियों ने 2013 में शेख बकर बिन लादेन से दान स्वीकारने का फैसला अच्छी तरह सोच-विचार कर लिया था। ट्रस्ट और सरकार के सूत्रों का कहना है कि इसमें किसी भी अन्य व्यक्ति को लांछित करने का प्रयास गलत और भ्रामक है।

इस दान को लेकर प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन इयान चेशायर ने कहा कि उस समय पांच ट्रस्टियों द्वारा दान पर सहमति व्यक्त की गई थी। बता दें कि ब्रिटिश पुलिस ने फरवरी में एक सऊदी व्यवसायी से जुड़े कैश-फॉर-ऑनर्स घोटाले के दावों पर चार्ल्स की चैरिटेबल फाउंडेशन में से एक की जांच शुरू की थी। द प्रिंस फाउंडेशन के प्रमुख ने पिछले साल आरोपों की आंतरिक जांच के बाद इस्तीफा दे दिया था। फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी माइकल फॉसेट, एक सऊदी नागरिक के साथ अपने संबंधों के बारे में अखबारों के खुलासे के बाद शुरू में अपनी ड्यूटी को निलंबित करने पर सहमत हो गए थे।

ओसामा की मौत के दो साल बाद का है मामला

संडे टाइम्स का दावा है, अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान में विशेष अमेरिकी फौजों के हाथों मोत के दो साल बाद बकर ने प्रिंस चार्ल्स से मिलकर यह दान दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंस की चैरिटी ने इतिहास के सबसे घातक हमले की साजिश रचने वाले शख्स के परिवार से पैसे लिए थे। इन दावों ने उनकी चैरिटी के फंड इकट्ठा करने की गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 9/11 हमले में करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 67 लोग ब्रिटेन के थे।

प्रिंस ऑफ वेल्स के चैरिटेबल फंड की स्थापना 1979 में “जीवन को बदलने और स्थायी समुदायों का निर्माण करने” के लिए की गई थी। यह ब्रिटेन और दुनिया भर में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं को अनुदान देता है। 73 वर्षीय चार्ल्स को अपने चैरिटी के संचालन के बारे में कई दावों का सामना करना पड़ा है। पिछले महीने संडे टाइम्स ने खबर दी थी कि उसने कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हमद बिन जसीम बिन जबेर अल थानी से 30 लाख डॉलर की नकदी के बैग स्वीकार किए थे।



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