नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के निजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है. बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए केंद्र सरकार जल्दी ही निवेशकों के लिए रोड-शो आयोजित करने की तैयारी में है. वित्त राज्य मंत्री भगवत किशनराव कराड ने सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. सरकार की योजना रणनीतिक निवेश के जरिये IDBI Bank का निजीकरण करने की है. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि बैंक के कर्मचारियों और शेयरधारकों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा.
होगा रणनीतिक विनिवेश
कराड ने बताया कि सरकार IDBI Bank में रणनीतिक विनिवेश करेगी. आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने पिछले साल 5 मई को बैंक का निजीकरण करने और मैनेंजमेंट कंट्रोल बदलने की मंजूरी दी थी. आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45.48 प्रतिशत और सरकारी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. केंद्र सरकार और एलआईसी कितना हिस्सा बेचेगी इस बारे में अभी जानकारी नहीं दी गई है. पिछले महीने एलआईसी ने यह जरूर कहा था कि वह बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी रखेगी ताकि बैंक के जरिये बीमा योजनाओं को बेचने का फायदा उठाया जा सके. सरकार एलआईसी में भी अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिये बेचने जा रही है. इसके लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सोमवार को फिर से बाजार नियामक सेबी के पास डीआरएचपी जमा किया है.
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निजीकरण से सुधरेगी स्थिति- कराड
वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने बताया कि संभावित निवेशकों की ओर से रुचि पत्र (Expression of Interest) जमा कराने के बाद रोड-शो आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बैंक के निवेशक से यह उम्मीद रहेगी कि वह बैंक में कैपिटल इन्फ्यूजन करे. इसके अलावा टेक्नोलॉजी को एडवांस करे और उसका मैनेजमेंट बेहतर हो ताकि वह बैंक के कामकाज को अच्छे से चलाए. इससे बैंक का भविष्य उज्ज्वल होगा और इसकी स्थिति में सुधार होगा.
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