Badminton: एशियाई चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हारने पर अंपायर से भिड़ीं पीवी सिंधु, बाद में बताई इसकी वजह, जानें


सार

मैच के दौरान सिंधु को चेयर अंपायर से बहस करते हुए देखा गया। सिंधु का मानना था कि चेयर अंपायर ने उनके खिलाफ गलत फैसला दिया। हालांकि, सिंधु की अपील नहीं सुनी गई और यामागुची को एक प्वाइंट दे दिया गया।

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एशिया बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पीवी सिंधु को जापान की अकाने यामागुची से हार का सामना करना पड़ा। मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी जब पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में 14-11 से आगे थी तो उन पर सर्विस करते हुए बहुत अधिक समय लेने के लिए एक अंक की ‘पेनल्टी’ लगाई गई।

हैदराबाद की इस 26 वर्षीय खिलाड़ी की इसके बाद लय गड़बड़ा गई और आखिर में वह 21-13, 19-21, 16-21 से हार गई। इस तरह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जो इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक है।
मैच के दौरान सिंधु को चेयर अंपायर से बहस करते हुए देखा गया। सिंधु का मानना था कि चेयर अंपायर ने उनके खिलाफ गलत फैसला दिया। हालांकि, सिंधु की अपील नहीं सुनी गई और यामागुची को एक प्वाइंट दे दिया गया। सिंधु का मानना है कि यहीं से उनकी लय बिगड़ गई और यामागुची को वापसी का मौका मिला। 

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा- अंपायर ने मुझसे कहा कि आप बहुत समय ले रही हो, लेकिन विपक्षी खिलाड़ी उस समय तैयार नहीं थी। मगर अंपायर ने अचानक उसे अंक दे दिया और यह वास्तव में अनुचित था। मुझे लगता है कि यह मेरी हार का एक कारण था। उस समय स्कोर 14-11 था और वह 15-11 हो सकता था, लेकिन इसके बजाय यह 14-12 हो गया, इसके बाद उसने लगातार अंक बनाए। मुझे लगता है कि यह बहुत अनुचित था। हो सकता था कि मैं मैच जीत जाती और फाइनल में खेलती।’
पिता से बात कर रोने लगीं
सिंधु ने कहा- मैंने मुख्य रेफरी से बात की, वह आए और उन्होंने कहा कि फैसला पहले ही हो चुका है। मुख्य रेफरी के रूप में आपको कम से कम यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि गलती क्या थी। उन्हें रिप्ले देखकर इसको लेकर फैसला करना चाहिए था।’ सिंधु के पिता पीवी रमना ने कहा कि सिंधु इस फैसले से बेहद निराश है। उसे इस बार गोल्ड जीतने का भरोसा था। जब उसने मुझसे बात की तो वह रो रही थी, लेकिन मैंने उससे कहा कि जो हो गया उसे भूल जाओ।’
पदक समारोह में नहीं हुईं शामिल
कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधु कांस्य पदक स्वीकार नहीं करेगी, क्योंकि उन्होंने पदक समारोह में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन इस खिलाड़ी ने पदक के साथ तस्वीर ट्वीट करके इन अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया। रमना ने कहा कि सिंधु को स्वदेश की उड़ान लेनी थी और उसने पहले ही इसकी अनुमति ले ली थी।

सिंधु को बैंकॉक में उबेर कप खेलने जाना है। मनीला से अगले दो दिन तक भारत की सीधी हवाई उड़ान नहीं थी। अगर वह चार मई को पहुंचतीं तो उबेर कप से पहले अभ्यास के लिए कम समय मिलता। सिंधु ने ट्वीट किया- पीड़ादायक अभियान के आखिर में पदक हमेशा विशेष होता है। यह इससे बेहतर हो सकता था। अब निगाह अगली प्रतियोगिता पर है।

सिंधु के पिता पीवी रमना ने कहा- अंपायर ने जो किया वह सही नहीं था, अगर वह देरी कर रही थी तो पहले उसे पीला कार्ड दिखाकर चेतावनी दी जानी चाहिए थी। कम से कम एक अंक से दंडित किए जाने पर उसे लाल कार्ड दिखाते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।

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एशिया बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पीवी सिंधु को जापान की अकाने यामागुची से हार का सामना करना पड़ा। मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी जब पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में 14-11 से आगे थी तो उन पर सर्विस करते हुए बहुत अधिक समय लेने के लिए एक अंक की ‘पेनल्टी’ लगाई गई।

हैदराबाद की इस 26 वर्षीय खिलाड़ी की इसके बाद लय गड़बड़ा गई और आखिर में वह 21-13, 19-21, 16-21 से हार गई। इस तरह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जो इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक है।



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