Rajya Sabha Election: 57 सीटों पर चुनाव के बाद कितनी बदलेगी राज्यसभा की तस्वीर, जिन 16 सीटों पर वोटिंग वहां कौन भारी?


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15 राज्यों की 57 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इनमें 11 राज्यों की 41 सीटों के सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। बाकी बची चार राज्यों की 16 सीटों के लिए कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सीटों पर 10 जून को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे आएंगे। नतीजों के बाद राज्यसभा की तस्वीर बदली हुई होगी। 

आइये जानते हैं इन चुनाव नतीजों के बाद राज्यसभा में किस दल की कितनी सीटें हो जाएंगी? कौन से दल ऐसे हैं जिन्हें फायदा होगा? किन दलों की सीटें कम होंगी? सदन की तस्वीर बदलने का किसे कितना फायदा होगा? 

अभी कैसी है राज्यसभा की स्थिति?
25 मई की स्थिति के मुताबिक सदन में भाजपा के 95 सांसद हैं। 29 सांसदों के साथ कांग्रेस दूसरा सबसे बड़ा दल है। तृणमूल कांग्रेस के 13, डीएमके के 10, बीजद और आप के आठ-आठ, टीआरएस के सात, वाईएसआर कांग्रेस के छह, सीपीएम, एआईएडीएमके, सपा, राजद और जदयू के पांच-पांच सांसद हैं। एनसीपी के चार, बसपा और शिवसेना के तीन सांसद हैं। जबकि, पांच मनोनीत सांसद भी हैं। वहीं, सीपीआई के दो सांसदों के अलावा एक-एक सांसदों वाली पार्टियां हैं। इनकी कुल संख्या 17 है।  

जिन 57 सीटों पर चुनाव हो रहा है उनमें किस पार्टी के कितने सांसद हैं? 
15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है।  इनमें उत्तर प्रदेश की 11, महाराष्ट्र, तमिलनाडु की छह-छह, बिहार की पांच, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान की चार-चार, ओडिशा, मध्य प्रदेश की तीन-तीन,  झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब की दो-दो और उत्तराखंड की एक सीट शामिल है। 

इन 57 सीटों पर जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें भाजपा के 26, कांग्रेस के छह, डीएमके, एआईएडीएमके, सपा और बीजद के तीन-तीन सांसद हैं। टीआरएस और बसपा के दो-दो, वाईएसआर कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, राजद, जदयू और अकाली दल के एक-एक सांसद हैं। भाजपा के समर्थन से जीते निर्दलीय सुभाष चंद्रा का भी कार्यकाल 2 अगस्त को खत्म हो रहा है।
इसके अलावा कांग्रेस के ऑस्कर फर्नाडीज के निधन से खाली सीट और जदयू के कोटे से जीते शरद यादव की अयोग्यता की वजह से खाली सीट पर भी चुनाव हो रहा है। इन दोनों सीटों को जोड़ें तो कांग्रेस के सात और जदयू के दो सांसद कम रहे हैं। 

 

चुनाव नतीजों के बाद किसे फायदा और किसे नुकसान?

पहले बात उन राज्यों की जहां उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। 

  1. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 सीटों पर चुनाव हुए। यहां आठ सीटें भाजपा तो एक सीट सपा के उम्मीदवार ने जीती। एक सीट निर्दलीय और एक सीट पर रालोद को सपा के समर्थन से जीत मिली। यहां भाजपा को तीन सीटों का फायदा हुआ है। वहीं, बसपा और सपा के दो-दो सांसद कम हो गए हैं। हालांकि, गठबंधन के लिहाज से सपा को फायदा या नुकसान नहीं हुआ। कांग्रेस को भी एक सीट का नुकसान हुआ।  
  2. तमिलनाडु की जिन छह सीटों पर चुनाव हुए। उनमें से तीन डीएमके तो तीन एआईएडीमके के पास थी। चुनाव नतीजे के बाद एआईएडीएमके की एक सीट कम हो गई है। अब राज्यसभा में उसके दो सांसद रह जाएंगे। डीएमके की तीन सांसदों की संख्या बरकरार रहेगी। वहीं, कांग्रेस को यहां एक सीट का फायदा हुआ है। पूर्व गृह मंत्री पी चिदम्बरम तमिलनाडु से छठे सांसद बने हैं। 
  3. बिहार की पांच सीटों में से दो-दो पर भाजपा और राजद के उम्मीदवार जीते हैं तो एक सीट जदयू को मिली है। जीतने वाले उम्मीदवारों में राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी मीसा भारती भी शामिल हैं। 

  4. आंध्र प्रदेश की चारों सीटों पर उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। भाजपा को यहां तीन सीटों का नुकसान हुआ है। यहां की चारों सीटें वाईएसआर कांग्रेस ने जीत ली हैं। अब उसके सांसदों की संख्या एक से बढ़कर चार हो जाएगी। 

  5. मध्य प्रदेश की तीन में से दो सीटों पर भाजपा और एक पर कांग्रेस उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है।

  6. छत्तीसगढ़ की दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है। 

  7. तेलंगाना की दोनों सीटों पर टीआरएस उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। 

  8. पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल को नुकासन हुआ है। यहां की दोनों सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार निर्विरोध जीते हैं।

  9. झारखंड में दो सीट पर चुनाव हुआ। यहां से झामुमो और भाजपा के एक-एक उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिली। 

  10.  उत्तराखंड की एक सीट पर हुए चुनाव में भाजपा का कब्जा बरकरार रहा। यहां से भाजपा की कल्पना सैनी निर्विरोध जीतीं। इससे पहले यहां से प्रदीप टम्टा राज्यसभा सांसद थे। 

  11. ओडिशा की तीनों सीटों पर बीजद के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। 

जिन चार राज्यों में वोटिंग होगी वहां क्या समीकरण?

चार राज्यों की 16 सीटों के लिए 10 जून को मतदान होगा। इसी दिन इन सीटों पर नतीजे आएंगे। जिन राज्यों में मतदान की नौबत आई है उनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक शामिल हैं। 

  1. महाराष्ट्र में छह सीटों पर चुनाव हो रहा है। यहां कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना एक-एक और भाजपा दो उम्मीदवारों को आसानी से जिता सकते हैं। पेंच शिवसेना के दूसरे और भाजपा के तीसरे उम्मीदवार की वजह से फंसा है। 

  2. कर्नाटक में सबसे रोचक मुकाबला है। यहां चार राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। इन चार सीटों के लिए छह उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा ने तीन, कांग्रेस ने दो और जेडीएस ने एक उम्मीदवार उतारा है। यहां दो सीट भाजपा और एक सीट कांग्रेस को मिलना तय है। चौथी सीट पर भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस में टक्कर है। 

  3. राजस्थान में खाली हो रही चारों सीटें भाजपा के पास हैं। यहां भाजपा को तीन सीट का नुकसान होगा। उसके एक उम्मीदवार का जीतना तय है। वहीं, कांग्रेस के दो उम्मीदवारों की जीत तय है। पेंच चौथी सीट पर फंसा है। इस सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार का मुकाबला भाजपा समर्थित निर्दलीय सुभाष चंद्रा से है। 

  4. हरियाणा में जिन दो सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें एक सीट भाजपा को मिलनी तय है। दूसरी सीट पर कांग्रेस के अजय माकन को भाजपा समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा चुनौती दे रहे हैं।  

चुनाव नतीजों के बाद किसे फायदा किसे नुकसान?

नतीजों के बाद भाजपा की सीटों संख्या 21 से 23 के बीच रहेगी। इनमें से 14 सांसद पहले ही निर्वाचित हो चुके हैं। वहीं, जिन राज्यों में चुनाव है वहां की सात सीटों पर उसकी जीत तय है। यानी, भाजपा के 26 रिटायर हो सांसदों की जगह नए आने वाले सांसदों की संख्या कम होगी। उसे तीन से पांच सीट का नुकसान होगा। 

वहीं, कांग्रेस के सांसदों की संख्या 8 से 11 बीच रहेगी। यानी रिटायर हो रहे छह सांसदों की तुलना में उसे दो से पांच सीटों का फायदा होगा। बसपा का राज्यसभा में अब कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहेगा। उसके तीनों सांसद रिटायर हो रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी की सीटों की संख्या दहाई में पहुंच जाएगी। 

 

 

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15 राज्यों की 57 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इनमें 11 राज्यों की 41 सीटों के सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। बाकी बची चार राज्यों की 16 सीटों के लिए कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सीटों पर 10 जून को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे आएंगे। नतीजों के बाद राज्यसभा की तस्वीर बदली हुई होगी। 

आइये जानते हैं इन चुनाव नतीजों के बाद राज्यसभा में किस दल की कितनी सीटें हो जाएंगी? कौन से दल ऐसे हैं जिन्हें फायदा होगा? किन दलों की सीटें कम होंगी? सदन की तस्वीर बदलने का किसे कितना फायदा होगा? 

अभी कैसी है राज्यसभा की स्थिति?

25 मई की स्थिति के मुताबिक सदन में भाजपा के 95 सांसद हैं। 29 सांसदों के साथ कांग्रेस दूसरा सबसे बड़ा दल है। तृणमूल कांग्रेस के 13, डीएमके के 10, बीजद और आप के आठ-आठ, टीआरएस के सात, वाईएसआर कांग्रेस के छह, सीपीएम, एआईएडीएमके, सपा, राजद और जदयू के पांच-पांच सांसद हैं। एनसीपी के चार, बसपा और शिवसेना के तीन सांसद हैं। जबकि, पांच मनोनीत सांसद भी हैं। वहीं, सीपीआई के दो सांसदों के अलावा एक-एक सांसदों वाली पार्टियां हैं। इनकी कुल संख्या 17 है।  



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