तेलुगू सुपरस्टार राम चरण ने अपनी नवीनतम फिल्म ‘आरआरआर’ में जो राम काम चोला धरा है, वह दर्शकों को खूब भा रहा है। राम नवमी के एक दिन पहले से ही फिल्म का कलेक्शन तीसरे हफ्ते में फिर से उछाल मारता दिख रहा है। सिनेमाघरों में राम चरण के धनुष बाण लेकर परदे पर दिखते ही दर्शक जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं। वैसे आज की पीढ़ी को भले लगता हो कि जय श्री राम के उद्घोष का संबंध अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हुए विश्व हिंदू परिषद के आंदोलन से है, लेकिन सच यही है कि अभिवादन के तौर पर इसका उपयोग दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामानंद सागर के धारावाहिक ‘रामायण’ से प्रचलन में आया।
धारावाहिक ‘रामायण’ में सीता का किरदार करने वाली दीपिका चिखलिया बताती हैं, “हमें तो पता ही नहीं था कि हम इतने मशहूर हो गए हैं। साढ़े तीन साल तक हम उमरगांव में इसकी शूटिंग करते रहे। आसपास न कोई टेलीफोन और न पोस्ट ऑफिस। फिर हमें राजीव गांधी ने सत्कार के लिए बुलाया और इस शो के लिए हमारी सराहना की थी। यहीं पहली मैंने देखा कि तमाम मंत्री और वहां इकट्ठी भीड़ ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रही थी।”
55 देशों में प्रसारित हुए धारावाहिक ‘रामायण’ में राम बने अरुण गोविल कहते हैं, “जब हम रामायण की शूटिंग कर रहे थे तो तमाम पत्रिकाएं सीरियल के कलाकारों से बोल्ड फोटो शूट के लिए संपर्क करतीं और बदले में इतना पैसा देने का लालच देतीं कि बड़े से बड़े कलाकार का मन डोल जाए। लेकिन, हममें से किसी ने भी यह ऑफर स्वीकार नहीं किया क्योंकि दर्शक हम पर आस्था रखते थे और हम पैसों के लिए उनका यह विश्वास कभी नहीं तोड़ना चाहते थे। हमने प्रभु श्रीराम के लिए अपना जीवन समर्पित किया और राम का नाम जिस तरह भरोसे का नाम है, वही भरोसा हमारे ऊपर दर्शकों का था जिसे हम तोड़ नहीं सकते थे।”
अरुण गोविल इस धारावाहिक में राम का किरदार मिलने का भी किस्सा सुनाते हैं, “उन दिनों में धारावाहिक विक्रम और बेताल में राजा विक्रमादित्य का रोल निभा रहा था। मुझे रामायण के बारे में पता चला तो मैंने रामानंद सर के पास जाकर राम का किरदार निभाने का अनुरोध किया। महीने भर तक वह कलाकर ढूंढते रहे फिर उन्होंने मुझे फोन किया और कहा, ‘तेरे से अच्छा राम नहीं मिलेगा।”