RBI Announcement: क्रेडिट कार्ड को UPI प्लेटफॉर्म से जोड़ने का प्रस्ताव, सरकारी बैंकों को बड़ी छूट


बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 08 Jun 2022 11:31 AM IST

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बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया। इसके बाद नीतिगत दरें 4.40 फीसदी से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गईं। इसके साथ ही दास ने क्रेडिट कार्ड और सहकारी बैंकों को लेकर भी बड़ी घोषणाएं की हैं।  

आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस UPI प्लेटफॉर्म से जोड़ने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है। गवर्नर दास ने कहा कि शुरुआत में रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगा और डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ाएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में यूपीआई उपयोगकर्ताओं के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत या चालू खातों को जोड़कर लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है।

यूपीआई 26 करोड़ से अधिक अद्वितीय उपयोगकर्ताओं और मंच पर पांच करोड़ व्यापारियों के साथ भारत में भुगतान का सबसे समावेशी तरीका बन गया है। हाल के वर्षों में यूपीआई की प्रगति अद्वितीय रही है। कई अन्य देश हमारे साथ इसी तरह के तरीकों को अपनाने में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि देश में यूपीआई से भुगतान की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। कोरोना काल में इसमें अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई, जो कि अभी भी जारी है। 

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बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया। इसके बाद नीतिगत दरें 4.40 फीसदी से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गईं। इसके साथ ही दास ने क्रेडिट कार्ड और सहकारी बैंकों को लेकर भी बड़ी घोषणाएं की हैं।  

आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस UPI प्लेटफॉर्म से जोड़ने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है। गवर्नर दास ने कहा कि शुरुआत में रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगा और डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ाएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में यूपीआई उपयोगकर्ताओं के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत या चालू खातों को जोड़कर लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है।

यूपीआई 26 करोड़ से अधिक अद्वितीय उपयोगकर्ताओं और मंच पर पांच करोड़ व्यापारियों के साथ भारत में भुगतान का सबसे समावेशी तरीका बन गया है। हाल के वर्षों में यूपीआई की प्रगति अद्वितीय रही है। कई अन्य देश हमारे साथ इसी तरह के तरीकों को अपनाने में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि देश में यूपीआई से भुगतान की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। कोरोना काल में इसमें अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई, जो कि अभी भी जारी है। 



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