RBI ने दो को-ऑपरेटिव बैंकों पर प्रतिबंध बढ़ाया, छह महीने तक पाबंदियों के साये में करेंगे कारोबार


नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने पिछले साल नवंबर में दो को-ऑपरेटिव बैंकों पर प्रतिबंध लगाया था. प्रतिबंध की समय सीमा को रिजर्व बैंक ने और बढ़ा दिया है. केंद्रीय बैंक की ओर से बुधवार को ये जानकारी दी गई. ये दोनों बैंक हैं महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक और कर्नाटक के बेंगलुरु का श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियामिथा.

रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक पर 12 नवंबर, 2021 को 6 महीने का प्रतिबंध लगाया था. इसे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. जबकि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियामिथा पर प्रतिबंध को 6 महीने के लिए बढ़ाया गया है. प्रतिबंध के तहत जमा और निकासी की एक सीमा तय की गई है. साथ ही कुछ और नियामकीय पाबंदियां लगाई गईं हैं

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लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक
रिजर्व बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 (एएसीएस) की धारा 35ए (धारा 56 के साथ पढ़ा जाना) की उप-धारा 1 के तहत लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया था. इसकी समय सीमा 11 मई, 2022 तक थी. 12 मई से इसे बढ़ाकर 11 अगस्त, 2022 कर दिया गया है. रिजर्व बैंक की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि यह निर्देश जारी करने का अर्थ यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा.

श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियामिथा
श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियामिथा के मामले में प्रतिबंध को 6 महीने के लिए बढ़ाया गया है. बैंक पर अब 10 नवंबर, 2022 तक प्रतिबंध जारी रहेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने निर्देश में कहा है कि परिस्थितियों के आधार पर निर्देशों में संशोधन पर केंद्रीय बैंक विचार कर सकता है.

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रिजर्व बैंक ने अपने बयान में कहा है कि ये निर्देश जनहित में जारी किए गए हैं. निर्देशों के अन्य नियम और शर्तें पहले की तरह बनी रहेंगी.

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