RBI Monetary Policy : महंगाई को कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कैसे मददगार? एक्सपर्ट्स से समझिए


RBI Monetary Policy : रिजर्व बैंक ने आज बुधवार को फिर से एक बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. इंफ्लेशन यानी महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई ने इस रेपो रेट में 50 आधार अंकों (.50 फीसदी) की वृद्धि की है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी का मल्टीपल इफेक्ट होता है. एक तरफ जहां लोन और ईएमआई महंगा होता है. वहीं, दूसरी तरफ मंहगाई को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

कोरोना महामारी की वजह से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों काफी कम कर दिया था. रेपो रेट 4 फीसदी के निचले स्तर पर चला गया था. कोरोना के बाद पहली बार आरबीआई ने पिछले महीने मई में ब्याज दरें बढ़ाई थीं. 4 मई को रिजर्व बैंक ने  पॉलिसी रेपो रेट को 40 आधार अंकों की बढ़ोतरी करते हुए इसे 4.40% कर दिया.

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महंगाई 7 साल के उच्च स्तर पर 
इसी वक्त रिजर्व बैंक के गवर्नर ने संकेत दे दिया था कि इंफ्लेशन को कंट्रोल करने के लिए आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह दुनिया के साथ-साथ देश में भी महंगाई तेजी से बढ़ी है. लिहाजा सबको पहले से ही अनुमान था कि इस बार भी रेट हाइक होगा. कितना होगा इस पर नजर थी.

अक्सर आम पाठकों के मन में सवाल आता है कि ब्याद दरों में बढ़ोतरी से जब लोन महंगा होता है, ईएमआई बढ़ जाती तो फिर इससे महंगाई कैसे नियंत्रित होती है. एक्सपर्ट्स से बातचीत के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि इससे इंफ्लेशन यानी महंगाई कैसे कंट्रोल करने में मददगार होती है.

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रेपो रेट बढ़ाकर ऐसे कंट्रोल होती है महंगाई
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और CRR में वृद्धि से बाजार में लिक्विडिटी कम होती है. कोरोना के कारण बाजार में मांग काफी कम हो गई थी. उस वक्त दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर कम कर कृत्रिम मांग पैदा की थी. आरबीआई ने भी ऐसा किया था लेकिन हालात बदल चुके हैं. बाजार में एक्सेस लिक्विडिटी होने से महंगाई कई साल के हाई पर पहुंच गई हैं.

ऐसे में अब रेपो रेट में बढ़ोतरी से लोन महंगा होगा. बैंकों के पास हजार करोड़ रुपये कम होंगे. इन कदम से बाजार में लिक्विडिटी कम होगी जो महंगाई को काबू करने का काम करेगी. दरअसल, बाजार से लिक्विडिटी कम करने पर आर्टिफिशियल डिमांड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इससे मांग घटती है जो महंगाई को नियंत्रित करने का काम करती है.

Tags: Bank news, RBI, Rbi policy, Shaktikanta Das

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