RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने कहा- महंगाई अब कम हो रही, चौथी तिमाही में लिमिट के नीचे आ जाएगी


हाइलाइट्स

रिजर्व बैंक ने इस बार 0.50 फीसदी यानी 50 बेसिस प्वाइंट का रेट हाइक किया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई में कमी देखने को मिल रही है.
अगली तिमाही यानी अक्टूबर- सितंबर में इंफ्लेशन 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है.

नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने अपनी बैठक के बाद आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने फैसलों की जानकारी दी. आरबीआई ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट बढ़ाया है. इस बार 0.50 फीसदी यानी 50 बेसिस प्वाइंट का रेट हाइक किया गया है. इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई को लेकर राहत वाली बात कही है. दास ने कहा कि खाद्य पदार्थों और दूसरी चीजों की कीमतों में अब कमी देखने को मिल रही है जो आगे जारी रहेगी.

शक्तिकांत दास ने इंफ्लेशन यानी महंगाई के आगे के अनुमान जारी करते हुए कहा है कि महंगाई अभी भी हमारी लिमिट यानी 2 से 6 फीसदी से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई – सितंबर में सीपीआई इंफ्लेशन 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है.

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अगले साल कम हो जाएगी महंगाई
वहीं, अगली तिमाही यानी अक्टूबर- सितंबर में सीपीआई इंफ्लेशन 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. यानी साल के अन्त तक महंगाई आरबीआई की ऊपरी सीमा से ऊपर ही रहेगी. लेकिन इसमें पॉजिटीव प्वाइंट ये है कि इसमें लगातार गिरावट आने का अनुमान है. मई में इंफ्लेशन 7.4 फीसदी के मुकाबले नीचे बना हुआ है.

लगातार घट रही महंगाई
इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2023 में इंफ्लेशन 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है. यानी अगले साल महंगाई रिजर्व बैंक के अनुमान के नीचे आ जाएगी. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है अगर रिजर्व बैंक के अनुमान को देखा जाए तो महंगाई अगले साल तक नियंत्रित होगी. हालांकि इसमें लगातार कमी आने का अनुमान जताया गया है जो आम आदमी के लिए थोड़ी राहत की बात है.

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पूरे वित्त वर्ष यानी 2022-23 के लिए रिजर्व बैंक ने इंफ्लेशन का अनुमान 6.7 फीसदी रखा है, जो इसकी ऊपरी सीमा से 0.7 फीसदी ज्यादा है. आरबीआई का कहना है रिजर्व बैंक की नीतियों का असर देखने को मिल रहा है और इंफ्लेशन नियंत्रित हो रही है. ग्लोबल सप्लाई चेन में सुधार की वजह से स्थिति और बेहतर हो रही है. लिहाजा आगे हमें महंगाई में कमी देखने को मिलेगी.

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