RBI Monetary Policy: रेकरिंग पेमेंट को और सुविधाजनक बनाने के लिए ई-मैंडेट्स की भुगतान की सीमा 5000 से बढ़ाकर 15,000 की गई


RBI Monetary Policy : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ कई और फैसलों की घोषणा की. आज रेकरिंग पेमेंट ई-मैंडेट्स के लिए भुगतान की सीमा को बढ़ाया गया. सब्सक्रिप्शन, फीस, ईएमआई जैसे रेकरिंग पेमेंट के लिए ई-मैंडेट्स की सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया. यह कदम subscriptions, insurance premium और बड़े वैल्यू की एजुकेशन फी के रेकरिंग पेमेंट को और सुविधाजनक बनाने के लिए उठाया गया है.

अक्टूबर 2021 की शुरुआत से आरबीआई के रेकरिंग पेमेंट की नई गाइडलाइन्स से काफी दिक्कते सामने आई थीं. नए दिशा-निर्देशों को लेकर बैंक तैयार नहीं थे और ग्राहक इस बात से अनजान थे कि दिशानिर्देश कैसे काम करते हैं. एक रिफ्रेशर के तौर पर आरबीआई के नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य ग्राहकों को रेकरिंग पेमेंट को लेकर और जागरूक व सशक्त बनाना था. साथ ही ग्राहक अपने को सुरक्षित रख सकें ये भी इसका टारगेट था.

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कई सारी समस्याएं पहले थीं
पुराने गाइडलाइन्स की वजह से ग्राहकों को काफी दिक्कत हो रही थी और 40 फीसदी से ज्यादा पेमेंट फेल हो रहे थे. पहले ग्राहकों को 5000 रुपए तक के पेमेंट के लिए टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन करना था फिर पेमेंट के लिए एक ई-मैन्डेट सेटअप करना था. 5000 हजार से अधिक के पेमेंट के लिए हर एक पेमेंट के लिए ग्राहक को टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन और बाकी प्रक्रिया करनी थी. लिहाजा इससे काफी समस्याएं खड़ी हो गई और ग्राहक इससे भागने लगे. अब इसको सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.

रेपो रेट में भी बढ़ोतरी
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस बार रेपो नेट में 50 आधार अंकों (.50 फीसदी) की वृद्धि की गई है. रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गई है.  रेपो रेट के बढ़ने से तमाम तरह के लोन अब महंगी दरों पर मिलेंगे और आम आदमी पर EMI का बोझ पहले के मुकाबले ज्यादा पड़ेगा.

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आरबीआई ने पॉलिसी रेपो रेट को जहां 50 आधार अंक बढ़ाकर 4.90% कर दिया है, वहीं स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 4.15% से बढ़ाकर 4.65% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को 4.65% से बढ़ाकर 5.15% पर एडजस्ट किया है.

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