अमीर लोग छोड़ रहे हैं US, ब्रिटेन, चीन और भारत, जा रहे हैं दुबई, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर, जानिए वजह


हाइलाइट्स

धनी निवेशकों को आकर्षित करने वाले डेस्टिनेशन यूके और यूएस अपनी चमक खो रहे हैं.
एचएनडब्ल्यूआई माइग्रेशन के आंकड़े अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के लिए एक उत्कृष्ट बैरोमीटर हैं.
अगले साल रिकॉर्ड स्तर 1,25,000 करोड़पतियों के माइग्रेशन की उम्मीद

नई दिल्ली. कई देशों में करोड़पतियों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन इन अमीरों को अपने देश में दिल नहीं लग रहा और ये अपने देश छोड़कर दूसरे देशों की ओर जा रहे हैं. नए रिसर्च से पता चलता है कि नए देशों में स्थानांतरित होने वाले करोड़पतियों की संख्या एक ट्रेंड है जिसमें कोरोना काल में कुछ हद तक गिरावट आई है.

रूस और यूक्रेन से अमीरों का पलायन
निवेश सलाहकार फर्म हेनले एंड पार्टनर्स और वेल्थ इंटेलिजेंस फर्म न्यू वर्ल्ड वेल्थ द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई हेनले ग्लोबल सिटीजन रिपोर्ट (Henley Global Citizens Report) से पता चलता है कि रूस और यूक्रेन हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल यानी एचएनडब्ल्यूआई (HNWI) के सबसे बड़े पलायन का अनुभव कर रहे हैं. पारंपरिक रूप से धनी निवेशकों को आकर्षित करने वाले डेस्टिनेशन, विशेष रूप से यूके और यूएस अपनी चमक खो रहे हैं.

2020 और 2021 में कोविड-19 के कारण HNWI माइग्रेशन में आई गिरावट
हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ जुएर्ग स्टीफन का कहना है कि एचएनडब्ल्यूआई माइग्रेशन पिछले एक दशक में एक बढ़ता ट्रेंड था, जबकि 2020 और 2021 में कोविड-19 के कारण इसमें गिरावट आई. उन्होंने कहा कि 2022 का पूर्वानुमान दुनिया भर में एक अत्यंत अस्थिर वातावरण (Volatile Environment) को दर्शाता है.

अगले साल रिकॉर्ड स्तर 125,000 करोड़पतियों के माइग्रेशन की उम्मीद
स्टीफन ने कहा, “साल के अंत तक 88 हजार करोड़पतियों के नए देशों में स्थानांतरित होने की उम्मीद है, हालांकि 2019 की तुलना में 22,000 कम होगी. अगले साल रिकॉर्ड स्तर 1,25,000 करोड़पतियों के माइग्रेशन की उम्मीद है.”

अर्थव्यवस्था के लिए एक बैरोमीटर होते हैं HNWI माइग्रेशन
न्यू वर्ल्ड वेल्थ के रिसर्च हेड एंड्रयू एमोइल्स ने कहा कि एचएनडब्ल्यूआई माइग्रेशन के आंकड़े अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के लिए एक उत्कृष्ट बैरोमीटर हैं. समृद्ध व्यक्ति बेहद गतिशील हैं और उनके मूवमेंट देश के ट्रेंड को लेकर एक प्रारंभिक वार्निंग सिग्नल होते हैं.

एमोइल्स ने कहा कि जो देश अमीर व्यक्तियों और परिवारों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, वे कम क्राइम रेट्स, प्रतिस्पर्धी टैक्स रेट्स और आकर्षक बिजनेस अवसरों के साथ मजबूत होते हैं.

HNWI आउटफ्लोज
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे बड़ा नुकसान यूके का है. इस देश के लिए 2022 में 1,500 करोड़पतियों के नेट आउटफ्लोज की भविष्यवाणी की गई है. अमोइल्स ने कहा कि यह प्रवृत्ति 5 साल पहले शुरू हुई थी जब ब्रेक्सिट (Brexit) वोट और बढ़ते टैक्स ने पहली बार प्रवेश करने की तुलना में देश छोड़ने वाले अधिक एचएनडब्ल्यूआई को देखा था. 2017 से देश को लगभग 12,000 करोड़पति का कुल नेट लॉस हुआ है.

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अमेरिका से भी अमीर तेजी से पलायन कर रहे हैं. एमोइल्स ने कहा, “शायद ज्यादा टैक्स के खतरे के कारण अमेरिका आज प्री-कोविड की तुलना में करोड़पतियों के प्रवास के लिए कम लोकप्रिय है.” उन्होंने कहा कि अमेरिका अभी भी अधिक एचएनडब्ल्यूआई को आकर्षित करता है. यह 2022 के लिए अनुमानित 1,500 की नेट इनफ्लोज के साथ अधिक एचएनडब्ल्यूआई को आकर्षित करता है. हालांकि यह 2019 के स्तर से 86 फीसदी की गिरावट है, जिसमें 10,800 करोड़पति का नेट इनफ्लोज देखा गया था. एमोइल्स ने कहा कि वेल्थ माइग्रेशनन से चीन को नुकसान होने लगा है. 2022 में 10,000 मेनलैंड एचएनडब्ल्यूआई के नेट आउटफ्लोज की उम्मीद है.

Tags: Migration, Millionaire outflow

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