नई दिल्ली. हाल ही में भारतीय रुपया में 80 रुपए के आस-पास से थोड़ी रिकवरी देखने को मिल रही थी. आज गुरुवार को रुपया हल्की बढ़त के साथ 79.68 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले आने वाले तीन महीने में भारतीय रुपया अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर जा सकता है. यह बात राइटर्स की तरफ से फॉरेन एक्सचेंज स्ट्रेटेजिस्ट के बीच कराए गए पोल से निकलकर सामने आया है.
पोल में मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा है कि रुपए में इस गिरावट की वजह बढ़ता व्यापार घाटा और सेफ हेवन समझे जाने वाले यूएस डॉलर की तरफ दुनिया भर की करेंसियों का बढ़ता प्रवाह है. इस पोल में 40 एनालिस्टों ने भाग लिया. 40 में से 18 यानी 50 प्रतिशत एनालिस्ट का मानना है कि अगले 3 महीने में रुपया डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के स्तर को पार कर जाएगा. जबकि इससे पहले जुलाई में करवाए गए पोल में केवल 30 फीसदी एनालिस्ट का ऐसा मानना था.
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आरबीआई के फैसले पर नजर
जब एनालिस्ट से पूछा गया कि अगले तीन महीने में डॉलर के मुकाबले रुपए का निम्नतम स्तर क्या होगा तो इनमें से 16 जानकारों का यह था कि इस दौरान डॉलर की तुलना में रुपया 79.75 – 81.80 के बीच रह सकता है. जब हम इसका औसत निकलते हैं तो यह 80.50 होता है. लेकिन जानकारों ने यह भी कहा कि बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि आरबीआई ब्याज दरों पर क्या निर्णय लेती है.
रुपया करीब एक महीने से 80.065 के आसपास
प्रति डॉलर पर बना हुआ है. बीते मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 78.490 पर यानी एक महीने अपने उच्च स्तर पर पहुंचता नजर आया था. इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को थोड़ी राहत मिली है. पिछले कुछ समय से रुपए को डॉलर के मुकाबले 80 के आसपास बनाए रखने के लिए आरबाई अपने विदेशी मुद्रा भंडार से बाज़ार में डॉलर लगा रहा है. लेकिन इसके बाबजूद रुपए में यह रिकवरी बहुत अधिक समय तक बने रहने की उम्मीद नहीं है.
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क्यों कमजोर हो रहा रुपया
वैश्विक स्तर पर बढ़ते कच्चे तेल की कीमत, यूक्रेन-रूस युद्ध और भारत का बढ़ता व्यापार घाटा रुपए को और कमजोर बना रहा है. एचडीएफसी बैंक की साक्षी गुप्ता का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच ताइवान को लेकर हुए विवाद ने भी यूएस डॉलर को और चमका दिया है. रॉयटर्स द्वारा कराए गए इस पोल का एक निष्कर्ष यह भी है कि शुक्रवार को आने वाले आरबीआई पॉलिसी रेपो रेट में कम से कम 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है.
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Tags: Currency, Dollar, Indian currency, Rupee weakness
FIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 13:13 IST