हाइलाइट्स
रुपया डॉलर के मुकाबले 80.47 के नए निचले स्तर पर चला गया.
एक दिन पहले रुपया 79.98 के स्तर पर बंद हुआ था.
इससे पहले 29 अगस्त को रुपये ने अपना सबसे निचला स्तर छुआ था.
नई दिल्ली. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने आज जैसे ही अपनी ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की भारतीय मुद्रा पर भी दबाव बढ़ गया. फॉरेक्स बाजार में आज कारोबार शुरू होते ही डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर चली गई.
फॉरेक्स बाजार में कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनट में रुपया डॉलर के मुकाबले 80.47 के नए निचले स्तर पर चला गया. सुबह 9.15 बजे रुपया 80.36 पर ट्रेड कर रहा था, जबकि एक दिन पहले यह 79.98 के स्तर पर बंद हुआ था. फेडरल रिजर्व ने आगे भी ब्याज दरें बढ़ाने का संकेत दिया है, जिससे माना जा रहा है कि भारतीय मुद्रा की कमजोरी भी आगे जारी रहेगी. साथ ही यह डॉलर के मुकाबले और नीचे जा सकती है. इससे पहले 29 अगस्त को रुपये ने अपना सबसे निचला स्तर छुआ था, तब इंट्राडे में भारतीय मुद्रा 80.13 तक गिर गई थी.
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अभी 81 तक जाएगा रुपया
मेक्लाई फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट रिटेश भंसाली ने कहा, रुपया अभी लाइफ टाइम लो पर चल रहा है, जबकि इसके आगे और कमजोर होने की गुंजाइश दिख रही है. महंगाई का दबाव देखते हुए फेड रिजर्व आगे भी ब्याज दरें बढ़ाएगा जिससे डॉलर को मजबूती मिलेगी और रुपया इसके मुकाबले अगले कुछ सत्र में 81 तक जा सकता है. आरबीआई के दखल के बावजूद रुपये में कोई सुधार नहीं दिख रहा और इस पर लगातार दबाव बढ़ता ही जा रहा है.
बांड पर भी होगा असर
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के प्राइमरी डीलरशिप हेड नवीन सिंह ने कहा, फेडरल रिजर्व ने सीधा संकेत दिया है कि जब तक महंगाई नीचे नहीं आ जाती, वे कोई भी सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं. इससे अमेरिकी बांड और ट्रेजरी यील्ड पर ब्याज भी बढ़ रहा है और घरेलू निवेशक वहां पैसे लगाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. 10 साल का बांड यील्ड 7.29 फीसदी पहुंच गया है.
उन्होंने कहा कि फेड रिजर्व के लगातार ब्याज दरें बढ़ाने से आरबीआई पर भी रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का दबाव है. ऐसा उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की करेंसी पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए किया जाएगा. फेड रिजर्व 2022 में ही 3 फीसदी तक ब्याज दर बढ़ा चुका है और इस समय प्रभावी ब्याज 3.25 फीसदी है. आरबीआई ने अभी तक ब्याज दरों में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी की है.
क्या करेगा आरबीआई
डीलर्स का कहना है कि रुपये में ज्यादा उतार-चढ़ाव से बचने के लिए रिजर्व बैंक डॉलर के मुकाबले इसे 80.40 तक स्थिर रखना चाहेगा. हालांकि, ऐसा करना आसान नहीं होगा क्योंकि अभी भारतीय बैंकिंग सिस्टम में फंड की कमी हो रही, जबकि रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार भी एक साल में करीब 100 अरब डॉलर घट गया है. लिहाजा रुपये में जारी मौजूदा गिरावट को थामना आरबीआई के लिए बड़ी चुनौती होगी.
फॉरेक्स एडवाइजर्स का कहना है कि अभी आरबीआई अपने फॉरेक्स रिजर्व का ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर सकता है, क्योंकि बाजार में लिक्विडिटी की समस्या आ रही है. ऐसे में यह देखना होगा कि आरबीआई इस मुश्किल समय में कैसे रुपये को 80 के स्तर तक रोक सकता है. अगर रिजर्व बैंक ने जल्द ही रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी तो डॉलर के मुकाबले रुपया 81 के लेवल तक चला जाएगा.
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Tags: Business news in hindi, Federal Reserve meeting, Inflation, Interest Rates, RBI
FIRST PUBLISHED : September 22, 2022, 12:16 IST