रूस-यूक्रेन युद्ध के 131वें दिन रूसी बलों ने पूर्वी यूक्रेन के काफी भीतर तक हमले बढ़ा दिए हैं। एक दिन पहले ही उसने यूक्रेन के अहम गढ़ लिसिचंस्क पर पूरा कब्जा किया है। यहां से यूक्रेनी सैनिकों के पीछे हटते ही रूसी सेना ने यूक्रेन के पूर्वी शहर स्लोवियांस्क पर गोलाबारी बढ़ा दी जिसमें 6 की मौत हो गई। यूक्रेनी सेना ने पुष्टि की है कि उसकी सेना लुहांस्क प्रांत के लिसिचंस्क शहर से निकल गई है। यह दोनबास का दूसरा प्रांत है।
लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदई ने बताया यूक्रेनी बल आत्मसमर्पण की स्थिति से बचने के लिए लिसिचंस्क से निकल आए हैं। उन्होंने कहा, यदि यह बल वहां मौजूद रहता तो रूसी सेना की घेराबंदी की आशंका थी जिसमें उनका काफी नुकसान होता। उधर, स्लोवियांस्क व क्रमतोरस्क शहरों पर रूसी सेना ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। रूसी फौज अब दोनबास क्षेत्र के सिवर्स्क, फिदोरिव्का व बखमुत की तरफ बढ़ रही है।
दोनेस्क पर कब्जे की तैयारी शुरू
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की खुफिया ब्रीफिंग में सोमवार को यूक्रेनी सेना के आकलन को सही बताया गया और कहा कि रूसी बल अब दोनेस्क पर कब्जा करना शुरू करेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोनबास लक्ष्य पर सीधे तौर पर निगाह है। वे 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले से पहले ही दोनबास के अलगाववादियों की आजादी पर उनके प्रांत को अलग करके मुहर लगा चुके हैं।
यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन देगा ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया 34 और बख्तरबंद वाहन यूक्रेन को देगा। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने रूस से सोने का आयात भी प्रतिबंधित कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज यूक्रेन के दौरे पर हैं। कीव में उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया 16 और रूसी मंत्रियों व उद्योगपतियों पर प्रतिबंध और यात्रा पाबंदी लगाएंगे।
लुहांस्क जीतने वाली सेना अब बढ़ाए आक्रामक क्षमता : पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को कहा, उनकी सेनाओं के लुहांस्क प्रांत को जीतने के बाद अभियान को मजबूती मिली है। रविवार को यूक्रेन की सेनाओं ने लिसिचंस्क छोड़ दिया था। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोईगु ने पुतिन के साथ टेलीविजन बैठक के दौरान इस कामयाबी की जानकारी दी।
जवाब में पुतिन ने कहा, इस युद्ध में भाग लेने वाली सेनाओं को अब कुछ रुककर अपनी आक्रमण क्षमता को बढ़ाना चाहिए। पुतिन की यह सलाह ऐसे समय में आई है, जब रूसी सेनाएं पूर्वी इलाके में अपनी आक्रामकता बढ़ा रही हैं। लुहांस्क के गवर्नर सेरही हाईदेई ने कहा, यूक्रेन की सेनाएं शहर से अब कुछ दूर हैं। कोशिश करतीं तो कुछ और सप्ताह तक वह रूस को शहर पर कब्जा करने से रोक सकती थीं, लेकिन उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती।
इसलिए हमने हटने का फैसला लिया। यहां से यूक्रेन ने अपने सभी घायलों और साथ ही लड़ाई में इस्तेमाल उपकरणों को भी हटा लिया है। यूक्रेनी पक्ष का कहना है, अब रूसी सेना दोनेस्क क्षेत्र सिविरस्क, फेडोरिव्का और बखमुक पर ध्यान केंद्रित करेंगी। इसका आधा इलाका पहले ही उसके कब्जे में है।
स्विस एनजीओ का आरोप, रूसी धनपतियों के प्रभाव में है देश
एक प्रमुख गैरसरकारी संस्थान (एनजीओ) पब्लिक आई का कहना है कि देश रूसी धनपतियों के प्रभाव में है और उनके लिए तेल, खाद्यान्न व कोयले की बिक्री के अवैध केंद्र के रूप में काम कर रहा है। एनजीओ ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का जिक्र करते हुए अमानवीय आक्रामकता को हर तरह की मदद रोकने का आह्वान किया। उसने कहा, इस युद्ध में हजारों निर्दोष लोग मारे गए, जबकि लाखों को बेघर होना पड़ा है।
भोजन और तेल की महंगाई ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। एनजीओ ने कहा, स्विट्जरलैंड सालों से रूसियों के लिए अपनी संपत्ति छिपाने का सुरक्षित ठिकाना रहा है। रूसी कंपनियां इसका इस्तेमाल गैरनियामकीय बिक्री केंद्र के रूप में करती हैं। यहां हुए सौदों में कोई पारदर्शिता नहीं होती। इस पर स्विस सरकार ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बैंकरों का अनुमान है, स्विस बैंकों में रूस की 15,500 से 21,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक संपत्ति जमा है।
स्विस राष्ट्रपति ने यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर बुलाई बैठक
स्विस राष्ट्रपति इग्नाजियो कैसिस यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें यूक्रेन सरकार के अधिकारी, यूक्रेन समर्थक समूह और संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएं भाग लेंगी। लुगानो में होने वाली बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की वीडियो मैसेज देंगे। बैठक में यूूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा। स्विस राजनयिकों के मुताबिक, बैठक का उद्देश्य युद्ध समाप्त होने के बाद वैश्विक मदद से यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर विचार करना है। इस बैठक में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर और ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रुस के भी भाग लेने की संभावना है।
विस्तार
रूस-यूक्रेन युद्ध के 131वें दिन रूसी बलों ने पूर्वी यूक्रेन के काफी भीतर तक हमले बढ़ा दिए हैं। एक दिन पहले ही उसने यूक्रेन के अहम गढ़ लिसिचंस्क पर पूरा कब्जा किया है। यहां से यूक्रेनी सैनिकों के पीछे हटते ही रूसी सेना ने यूक्रेन के पूर्वी शहर स्लोवियांस्क पर गोलाबारी बढ़ा दी जिसमें 6 की मौत हो गई। यूक्रेनी सेना ने पुष्टि की है कि उसकी सेना लुहांस्क प्रांत के लिसिचंस्क शहर से निकल गई है। यह दोनबास का दूसरा प्रांत है।
लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदई ने बताया यूक्रेनी बल आत्मसमर्पण की स्थिति से बचने के लिए लिसिचंस्क से निकल आए हैं। उन्होंने कहा, यदि यह बल वहां मौजूद रहता तो रूसी सेना की घेराबंदी की आशंका थी जिसमें उनका काफी नुकसान होता। उधर, स्लोवियांस्क व क्रमतोरस्क शहरों पर रूसी सेना ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। रूसी फौज अब दोनबास क्षेत्र के सिवर्स्क, फिदोरिव्का व बखमुत की तरफ बढ़ रही है।
दोनेस्क पर कब्जे की तैयारी शुरू
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की खुफिया ब्रीफिंग में सोमवार को यूक्रेनी सेना के आकलन को सही बताया गया और कहा कि रूसी बल अब दोनेस्क पर कब्जा करना शुरू करेंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोनबास लक्ष्य पर सीधे तौर पर निगाह है। वे 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले से पहले ही दोनबास के अलगाववादियों की आजादी पर उनके प्रांत को अलग करके मुहर लगा चुके हैं।
यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन देगा ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया 34 और बख्तरबंद वाहन यूक्रेन को देगा। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने रूस से सोने का आयात भी प्रतिबंधित कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज यूक्रेन के दौरे पर हैं। कीव में उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया 16 और रूसी मंत्रियों व उद्योगपतियों पर प्रतिबंध और यात्रा पाबंदी लगाएंगे।