रूस-यूक्रेन युद्ध : अमेरिका का दावा- रूस ने अब तक यूक्रेन पर 1000 से ज्यादा मिसाइलें दागीं, रुकेगी यूरेनियम की आपूर्ति


एजेंसी, वाशिंगटन/लंदन/न्यूयॉर्क/कीव/संयुक्त राष्ट्र।
Published by: योगेश साहू
Updated Sat, 19 Mar 2022 03:40 AM IST

सार

यूरोपीय देशों के कई नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को साल 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। इन नेताओं ने इसके लिए नोबेल पुरस्कार समिति से नामांकन प्रक्रिया को 31 मार्च तक आगे बढ़ाने की मांग की है। इन नेताओं ने कहा, राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेन के लोगों को मौका देने के लिए नामांकन प्रक्रिया को फिर से खोला जाए।

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रूस ने हमले की शुरुआत से लेकर अब तक यूक्रेन पर 1,000 से अधिक मिसाइलें दागीं हैं। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी है। वहीं अमेरिकी सीनेट में एक विधेयक पेश किया है जिसके तहत रूस से अमेरिका को यूरेनियम के आयात पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया है। यह विधेयक रूसी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटोम पर बाइडन प्रशासन के प्रतिबंध को और कड़ा करने के लिए लाया गया है। रोसाटोम पूरी दुनिया में ऊर्जा संयंत्रों और ईंधन एवं तकनीक के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।

अमेरिका ने रूस से तेल और गैस के आयात पर तो प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन यूरेनियम आयात इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आया है। ऐसे में सीनेटर जॉन बरेस्सो ने यूरेनियम के आयात को प्रतिबंधित करने के लिए यह बिल पेश किया है। उन्होंने कहा कि तेल, गैस और कोयले पर प्रतिबंध अंतिम नहीं है। बरेस्सो व्योमिंग के सीनेटर हैं जो यूरेनियम उत्पादन के लिए जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि रूसी यूरेनियम पर प्रतिबंध से रूस के युद्ध मशीनरी को पैसे की आपूर्ति रोकेगा, अमेरिकी यूरेनियम उत्पादन में जान फूंकेगा और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाएगा। उधर, वैश्विक नेताओं ने आम नागरिकों पर रूसी हमलों की नए सिरे से जांच का आह्वान किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, हम युद्ध अपराधों का आकलन कर रहे हैं। जबकि यूएन की अवर महासचिव रोजमेरी डिकार्लो ने कहा, आम नागरिकों की मौतों की जांच हो।

जेलेंस्की को नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग
यूरोपीय देशों के कई नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को साल 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। इन नेताओं ने इसके लिए नोबेल पुरस्कार समिति से नामांकन प्रक्रिया को 31 मार्च तक आगे बढ़ाने की मांग की है। इन नेताओं ने कहा, राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेन के लोगों को मौका देने के लिए नामांकन प्रक्रिया को फिर से खोला जाए। इस वर्ष के शांति पुरस्कार की घोषणा अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो सकती है। वर्ष 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 251 व्यक्तियों और 92 संगठनों ने आवेदन किया है।

विदेशियों द्वारा रूसी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रूस ने लगाया नियंत्रण
रूस ने अपने देश की संपत्तियों की खरीद-बिक्री की अनुमति मांगने वाले विदेशियों के लिए नियम बेहद कड़े कर दिए हैं। रूस पर लगे कड़े प्रतिबंधों के कारण अधिकांश अंतरराष्ट्रीय फर्म जल्द से जल्द अपनी संपत्तियां बेचना चाहती हैं। रूस ने इस महीने विदेशियों के रूसी संपत्ति के व्यापार पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि वह किसी राजनीतिक दबाव के कारण लोगों को रूसी संपत्ति से बाहर निकलने की इजाजत नहीं देगा। अब यह प्रावधान किया गया है कि रूसी संपत्ति का कारोबार करने वाले विदेशियों को आवेदन प्रक्रिया में विस्तार से सारी जानकारी देनी होगी और वित्त मंत्रालय इसका अध्ययन करेगा।

निरंकुश, हत्यारे व ठग हैं पुतिन : बाइडन
राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधी कहने के एक दिन बाद उन्हें निरंकुश शासक, हत्यारा और एक विशुद्ध ठग भी कहा है। बाइडन ने कैपिटल हिल में सेंट पैट्रिक दिवस पर वार्षिक फ्रैंड्स ऑफ आयरलैंड लंच में बोलते हुए कहा कि पुतिन एक हत्यारा तानाशाह और एक विशुद्ध ठग है जो यूक्रेनियों के खिलाफ अनैतिक युद्ध छेड़ रहा है। 

बिगड़ते मानवीय हालात से चिंतित है भारत : तिरुमूर्ति
भारत के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि देश ने यूक्रेन से 22,500 भारतीयों की वापसी के साथ-साथ 18 अन्य देशों की उनके नागरिकों को निकालने में भी मदद की है। उन्होंने यूक्रेन में बिगड़ते मानवीय हालात पर चिंता जताते हुए प्रभावित लोगों की मानवीय जरूरतों का निदान करने की ‘तत्काल जरूरत’ बताई। यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में तिरुमूर्ति ने कहा, यह अहम है कि मानवीय उपाय हमेशा मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों से निर्देशित हों।

विस्तार

रूस ने हमले की शुरुआत से लेकर अब तक यूक्रेन पर 1,000 से अधिक मिसाइलें दागीं हैं। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी है। वहीं अमेरिकी सीनेट में एक विधेयक पेश किया है जिसके तहत रूस से अमेरिका को यूरेनियम के आयात पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया है। यह विधेयक रूसी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटोम पर बाइडन प्रशासन के प्रतिबंध को और कड़ा करने के लिए लाया गया है। रोसाटोम पूरी दुनिया में ऊर्जा संयंत्रों और ईंधन एवं तकनीक के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।

अमेरिका ने रूस से तेल और गैस के आयात पर तो प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन यूरेनियम आयात इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आया है। ऐसे में सीनेटर जॉन बरेस्सो ने यूरेनियम के आयात को प्रतिबंधित करने के लिए यह बिल पेश किया है। उन्होंने कहा कि तेल, गैस और कोयले पर प्रतिबंध अंतिम नहीं है। बरेस्सो व्योमिंग के सीनेटर हैं जो यूरेनियम उत्पादन के लिए जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि रूसी यूरेनियम पर प्रतिबंध से रूस के युद्ध मशीनरी को पैसे की आपूर्ति रोकेगा, अमेरिकी यूरेनियम उत्पादन में जान फूंकेगा और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाएगा। उधर, वैश्विक नेताओं ने आम नागरिकों पर रूसी हमलों की नए सिरे से जांच का आह्वान किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, हम युद्ध अपराधों का आकलन कर रहे हैं। जबकि यूएन की अवर महासचिव रोजमेरी डिकार्लो ने कहा, आम नागरिकों की मौतों की जांच हो।



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