देहरादून. यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध (Russia-Ukraine War) को लेकर उत्तराखंड में भी टेंशन बनी हुई है. दरअसल राज्य के तमाम छात्र वहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. जबकि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध होने के बाद इंटरनेशनल फ्लाइट बंद होने के कारण ये छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं. इसके चलते उत्तराखंड में रह रहे परिजन परेशान हैं. वहीं, परिजन राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वे केंद्र सरकार से संपर्क कर उनके बच्चों को यूक्रेन से निकालने में मदद करें.
इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने यूक्रेन में रह रहे उत्तराखंड के लोगों की सुरक्षा के संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) से फोन पर बातचीत की है. डोभाल ने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है. भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. इससे पहले सीएम विदेश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पीएम मोदी से भी बातचीत कर चुके हैं.
सीएम ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर की समीक्षा
सीएम धामी ने शुक्रवार को राज्य सचिवालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की.अधिकारियों को विदेश मंत्रालय के लगातार संपर्क में रहने के निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि यूक्रेन में रह रहे उत्तराखंड के छात्रों और नागरिकों के परिजनों से भी लगातार संपर्क बनाएं रखा जाए. इसके अलावा कोर्डिनेशन के लिए पुलिस महानिरीक्षक पी. रेणुका देवी और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है. राज्य सरकार ने यूक्रेन में फंसे लोगों के परिजनों के लिए टोल फ्री नंबर 112 भी जारी किया है. बताया गया कि टोल फ्री नंबर अभी तक यूक्रेन में रह रहे 95 लोगों ने संपर्क किया है.
सीएम धामी ने की लोगों से बातचीत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूक्रेन में निवासरत लोगों के कुछ परिजनों से भी फोन पर बात की है. मुख्यमंत्री ने परिजनों से धैर्य बनाए रखने की अपील की. कहा कि पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है. राज्य सरकार विदेश मंत्रालय के लगातार संपर्क में है. भारत सरकार यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिये हर सम्भव प्रयास कर रही है.
उत्तराखंड सरकार को मिली 85 लोगों की जानकारी
राज्य सरकार ने एक दिन पहले सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र भेजकर यूक्रेन में फंसे लोगों का डेटा जुटाने का आदेश दिया था. राजय के डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, अब तक 85 लोगों की जानकारी मिली है. वहीं, जो डेटा मिला है उसे विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है. हालांकि अभी तक 95 लोगों के परिजन राज्य सरकार से संपर्क कर चुके हैं. मेडिकल एजुकेशन सस्ती होने के कारण बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स यूक्रेन का रुख करते हैं.
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कही ये बात
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने लापरवाही बरती है. समय पर यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकाल लिया जाता तो आज उनके परिजन परेशान नहीं होते. प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार को भी निशाने पर लेते हुए कहा, ‘ ये हैरानी की बात है कि सरकार के पास ये जानकारी ही नहीं है कि उसके कितने लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ऐसे में वो क्या व्यवस्था कर रही होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.’ प्रीतम सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
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