सचिन पायलट बोले- वैभव गहलोत को टिकट नहीं देना चाहता था आलाकमान,  मैंने सीईसी की बैठक में की थी पैरवी 


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: उदित दीक्षित
Updated Wed, 23 Mar 2022 11:05 PM IST

सार

सचिन पायलट ने कहा कि मेरे अध्यक्ष रहते हुए अशोक जी नए-नए मुख्यमंत्री बने थे। मैं नहीं चाहता था कि उनके मनोबल को ठेस पहुंचे, इसके लिए मैंने सेंट्रल इलेक्शन कमेटी और ऊपर तक वैभव पैरवी की थी। 

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महारानी कॉलेज के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस नेता सचिन पायलट युवाओं के चर्चा की। उन्होंने युवओं को बताया कि कब, क्या और कैसे करें। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा पीसीसी अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने युवाओं को मौका दिया है। इसका सबसे बड़ा उदहारण वैभव गहलोत हैं।

पायलट ने कहा कि आलाकमान वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देना चाहता था। पिता के सिटिंग चीफ मिनिस्टर होने के कारण आलाकमान इसके पक्ष में नहीं था। ऐसे में उस वक्त मैंने वैभव की पैरवी की थी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मैंने कहा कि वैभव ने मेरी कार्यकारिणी में काम किया है, उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। पहले भी कई बार टिकट नहीं दे सके थे।
 

सचिन पायलट ने कहा-  मेरे अध्यक्ष रहते हुए अशोक जी नए-नए मुख्यमंत्री बने थे। मैं नहीं चाहता था कि उनके मनोबल को ठेस पहुंचे, इसके लिए मैंने सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) और ऊपर तक वैभव पैरवी की थी। मैंने सीईसी में भी कहा कि वैभव को टिकट मिलना चाहिए। टिकट मिला पर हम काफी मार्जिन से चुनाव हारे। मध्यप्रदेश में भी कमलनाथ जी के बेटे को टिकट दिया गया था, वे चुनाव जीते।’ 

बता दें कि इससे  पहले 9 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया था कि यूपीए के दूसरे टर्म में उन्होंने पार्टी से सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाने की सिफारिश की थी। अगले दिन पायलट ने फोन कर मंत्री बनवाने में सहयोग का आग्रह भी किया था, तो मैंने उन्हें बताया कि मैं पहले ही हाईकमान को आपका नाम दे चुका हूं। उस समय यह बात मैंने किसी को नहीं बताई थी।

राजस्थान में इस बार बदलेगा ट्रेंड 
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें भी रिपीट होती हैं। पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो चुकी है। इस बार राजस्थान में भी ट्रेंड बदलेगा। कांग्रेस लगातार दूसरी बार राजस्थान में सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि 25 से 26 साल के इस ट्रेंड को बदलना होगा। 2023 के विधानसभा चुनाव में इस बार यह ट्रेंड बदलेगा। 

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महारानी कॉलेज के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस नेता सचिन पायलट युवाओं के चर्चा की। उन्होंने युवओं को बताया कि कब, क्या और कैसे करें। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा पीसीसी अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने युवाओं को मौका दिया है। इसका सबसे बड़ा उदहारण वैभव गहलोत हैं।

पायलट ने कहा कि आलाकमान वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देना चाहता था। पिता के सिटिंग चीफ मिनिस्टर होने के कारण आलाकमान इसके पक्ष में नहीं था। ऐसे में उस वक्त मैंने वैभव की पैरवी की थी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मैंने कहा कि वैभव ने मेरी कार्यकारिणी में काम किया है, उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। पहले भी कई बार टिकट नहीं दे सके थे।

 



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