हिजाब पर फिर बोलीं कंगना रनौत- स्कूल में न ‘जय माता दी’ का दुपट्टा चलेगा, न ही बुर्का, करें वर्दी का सम्मान


हर मुद्दे पर बेबाकी के साथ राय रखने वालीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने हाल ही कर्नाटक में हिजाब विवाद पर एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद खूब हल्ला मचा। कंगना ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ईरान में ‘बुर्का से बिकिनी’ वाली फोटो शेयर कर लिखा था कि अगर हिम्मत है तो अफगानिस्तान में बुर्का न पहनकर दिखाओ। कंगना के इस पोस्ट पर शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने पलटवार किया था और पूछा था कि क्या कंगना को पता नहीं है कि अफगानिस्तान और हिंदुस्तान में फर्क है?

इस पर अब कंगना रनौत ने जवाब दिया है। कंगना ने कहा है कि हिजाब से जरूरी किताब और बच्चों की शिक्षा है। स्कूल में न तो ‘जय माता दी’ का दुपट्टा चल सकता है और न ही बुर्का। यूनिफॉर्म का सम्मान करना जरूरी है। कंगना ने यह भी कहा कि स्कूलों में किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न या चीज को प्रमोट नहीं किया जाना चाहिए।

‘इस तरह की बातों से जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं’

एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में कंगना रनौत ने कहा, ‘हिंदुस्तान और अफगानिस्तान में फर्क है। लेकिन वह (शबाना आजमी) यह कहना चाह रही हैं कि हिंदुस्तान अब एक लोकतांत्रिक देश है। लेकिन 70-80 साल पहले हिंदुस्तान लोकतंत्र नहीं था। और फिर इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इसके बाद भी 70 साल बाद भी हिंदुस्तान लोकतंत्र रहे। इसकी रक्षा करनी पड़ती है। आवाज उठानी पड़ती है।’

पढ़ें: बिकिनी से बुर्का, हिजाब मामले पर भड़कीं Kangana Ranaut- हिम्मत है तो अफगानिस्तान में बुर्का न पहनकर दिखाओ

कंगना रनौत ने आगे कहा, ‘और ये जो बुर्के वाला गिमिक किया गया है चुनाव के लिए, इसका क्या प्रभाव हो रहा है, जानते हैं। अभी कश्मीर में एक टॉपर लड़की को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उसकी जिंदगी नर्क बना दी गई है। लोग उसके पीछे पड़ गए हैं कि क्यों वो बुर्का नहीं पहनती है। अधिकतर जो बच्चे स्कूल जाते हैं, उनके लिए यह सहूलियत भरा नहीं हो सकता और यह उनकी मर्जी भी है। आप न सिर्फ उनकी पढ़ाई खराब कर रहे हैं बल्कि यह कहकर कि जब लड़कियां बुर्का नहीं पहनती हैं तो उनके रेप होते हैं…इस तरह की बातें करके आप न सिर्फ मुस्लिम लड़कियां बल्कि हिंदू लड़किया और सबकी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।’


‘हिजाब से ऊपर है किताब’
कंगना रनौत ने कहा कि हिजाब से ऊपर किताब है। स्कूल का एक कोड होता है और हर किसी को उसका सम्मान करना चाहिए। वह बोलीं, ‘बच्चों की पढ़ाई ज्यादा जरूरी है। जब आप स्कूल जाते हैं तो इसका मतलब ही यही है कि वहां हमें एक यूनिफॉर्म दी जाती है। एक यूनिफॉर्म कोड होता है। आप जब स्कूल का दुपट्टा पहनकर आते हैं तो ये नहीं कहा जाता है कि आप जय माता दी का दुपट्टा पहनकर आ जाइए। स्कूल का कोड हर किसी के लिए समान होना चाहिए। स्कूल में किसी भी धार्मिक चिह्न या चीज को प्रमोट नहीं किया जाना चाहिए। जब एक यूनिफॉर्म दी जाती है तो उसमें गरीब-अमीर, हिंदू-मुस्लिम सब घुल जाते हैं।’

कंगना रनौत ने कहा- मैं अपने पापा की भी नहीं सुनती, ऐसी ही हूं मैं

भीख में आजादी वाले बयान पर नहीं पछतावा
कंगना रनौत ने भारत की आजादी को लेकर दिए गए बयान पर भी बात की। कुछ महीने पहले कंगना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारत को ‘असली आजादी’ 2014 में उस वक्त मिली जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। उससे पहले 1947 में जो आजादी थी वह ‘भीख में मिली आजादी’ थी।


कंगना से जब पूछा गया कि उन्होंने जो आजादी को लेकर बयान दिया था, क्या उसका पछतावा है? तो वह बोलीं, ‘बिल्कुल भी नहीं। मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत कहा है। हर एक को अपना पक्ष रखने की आजादी होने चाहिए। लोकतंत्र का मतलब भी यही होता है। बहुत सारे लोग मेरी इस बात से सहमत भी हैं और असहमत भी। मेरा मानना है कि एक सोसाइटी में दोनों पक्ष होने चाहिए। जैसे महात्मा गांधी के भी फॉलोअर्स होने चाहिए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भी होने चाहिए। ऐसा नहीं है कि गांधी जी के ही फॉलोअर्स होने चाहिए, नेता जी के नहीं होने चाहिए नहीं तो उनके मुंह भी सिल दिए जाएंगे। उनके गले भी घोंट दिए जाएंगे। उनको फांसी पर लटका दिया जाएगा।’

कंगना इस वक्त रियलिटी शो ‘लॉकअप’ को लेकर चर्चा में हैं। यह शो 27 फरवरी से एमएक्स प्लेयर और ऑल्ट बालाजी पर 24×7 दिखाया जाएगा। कंगना रनौत ने बताया कि वह अपने इस शो के लॉकअप में में बॉलिवुड सिलेब्रिटीज के अलावा अपने प्रिय राजनेता अमित शाह को देखना चाहेंगी।

kangana ranaut hijab



image Source

Enable Notifications OK No thanks