
हालांकि, सोनम कपूर ऐसी इकलौती ऐक्ट्रेस नहीं हैं, जिन्होंने हिजाब को लेकर अपनी राय रखी हो। ऐक्ट्रेस और बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने इस विवाद पर अपनी राय जाहिर की और कहा, ”स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं और धार्मिक मामलों को वहां नहीं ले जाया जाना चाहिए।’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि हर स्कूल का एक यूनिफॉर्म होता है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए, आप स्कूल के बाहर जो चाहे वह पहन सकते हैं।
ऐक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कर्नाटक के उन लड़कों पर गुस्सा किया जो हिजाब पहनी लड़की के सामने नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘अपने बेटों को अच्छी परवरिश दें। गंदे, कायरों का एक झुंड एक अकेली महिला पर एक साथ हमला करता है और उस पर गर्व महसूस करता है? क्या शर्मनाक है, वे कुछ सालों में बेरोजगार, अधिक निराश और गरीब हो जाएंगे। क्या घटिया परवरिश है। उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं। मैं तुम जैसों पर थूकती हूं।’

आइए जानते हैं क्या है यह विवाद और अब तक क्या-क्या हुआ
दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत 31 दिसम्बर से शुरू हुई। कर्नाटक के उडुपी में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बढ़ता जा रहा है। यह विवाद अब कोर्ट तक पहुंच चुका है। इसकी शुरुआत पिछले साल 31 दिसंबर को हुई थी जब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहन कर आई 6 स्टूडेंट्स को क्लास में एंट्री करने से रोक दिया गया था। इस घटना ने तूल पकड़ा और फिर कॉलेज के बाहर प्रदर्शन भी हुआ था।
इके बाद मामले में कॉलेज प्रशासन को ऐक्शन लेना पड़ा और 19 जनवरी 2022 को उन स्टूडेंट्स (छात्राओं) और उनके माता-पिता व अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई, लेकिन आखिरकार कोई परिणाम नहीं निकला। इसके बाद 26 जनवरी को एक और कोशिश की गई और फिर से बैठक की। उडुपी के विधायक रघुपति भट का कहना था कि जो लड़कियां बिना हिजाब के स्कूल नहीं आ सकती हैं वो ऑनलाइन पढ़ाई करें। लेकिन अगले दिन यानी 27 जनवरी को उन स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन क्लास अटेंड करने से इनकार कर दिया। इसके बाद 2 फरवरी को उडुपी के कुंडापुर में सरकारी कॉलेज में भी हिजाब पर विवाद शुरू हो गया। मुस्लमि स्टूडेंट्स के हिजाब पहनने के विरोध में हिंदू छात्र-छात्राएं भगवा शॉल और स्कार्फ पहन कर कॉलेज में पहुंचने लगे। यह मामला धीरे-धीरे काफी तूल पकड़ता गया।
इसके बाद 5 फरवरी को राज्य सरकार ने कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 की धारा 133(2) लागू कर दी। इस अधिनियम के तहत सभी स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज में तय यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य कर दिया गया। यह आदेश सरकारी और निजी, दोनों कॉलेजों पर लागू किया गया। हालांकि कई राजनीतिक दलों ने राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध किया। यह मामला फिलहाल हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।