SBI रिसर्च का दावा- पांच साल में किसानों की आय दोगुने के करीब, किन कोशिशों ने दिखाया रंग, कहां मिला फायदा?


हाइलाइट्स

जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान पांच साल में 14.2 फीसदी से बढ़कर 18.8 फीसदी हो गया.
साल 2014 से अब तक फसलों का एमएसपी 1.5 गुने से लेकर 2.3 गुने तक बढ़ाया जा चुका है.
2014 से मार्च, 2022 तक सिर्फ 3.7 करोड़ योग्‍य किसानों को ही कर्ज माफी का लाभ मिला है.

नई दिल्‍ली. मोदी सरकार ने सत्‍ता में आने के बाद वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी. अब SBI रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि वित्‍तवर्ष 2017-18 से 2021-22 के बीच किसानों की आय करीब-करीब दोगुनी हो चुकी है.

SBI रिसर्च के अनुसार, बीते पांच वित्‍तवर्ष के दौरान किसानों की आमदनी 1.3 से 1.7 गुना तक बढ़ गई है. इस दौरान अनाज का निर्यात भी बढ़कर 50 अरब डॉलर पहुंच गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राज्‍यों में नकदी फसलों की खेती करने वाले किसानों की आमदनी तो दोगुने से भी ज्‍यादा हो गई है. इसमें महाराष्‍ट्र के सोयाबीन की खेती करने वाले किसान और कर्नाटक के कपास की खेती करने वाले किसान शामिल हैं.

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राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यलय (NSO) ने भी खेती से जुड़े लोगों की आमदनी पर आंकड़े जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि 6 साल में ग्रामीण क्षेत्र के खेती किसानी से जुड़े लोगों की आमदनी 59 फीसदी बढ़कर 10,218 रुपये पहुंच गई है.

नकदी फसलों ने दिलाया मुनाफा
एसबीआई की मुख्‍य अर्थशास्‍त्री शौम्‍य कांति घोष का कहना है कि किसानों ने पारंपरिक फसलों के बजाए नकदी फसलों की खेती पर ज्‍यादा जोर दिया जिससे उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिली. इतना ही नहीं जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान भी अब पांच साल पहले के 14.2 फीसदी से बढ़कर 18.8 फीसदी पहुंच गया है. यह बढ़ोतरी कोरोना महामारी की वजह से भी आई है, क्‍योंकि पिछले दो साल में औद्योगिक गतिव‍िधियों को काफी नुकसान पहुंचा है.

एमएसपी ने दिया बड़ा सहारा
मोदी सरकार ने किसानों के लिए उनकी उपज का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSPs) कई बार बढ़ाया, जिससे किसानों की आय में सीधे तौर पर इजाफा हुआ. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2014 से अब तक फसलों का एमएसपी 1.5 गुने से लेकर 2.3 गुने तक बढ़ाया जा चुका है. इससे किसानों को ज्‍यादा उत्‍पादन वाली फसलों की वैराइटी की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा सका. कई राज्‍यों ने किसानों का कर्ज माफ किया लेकिन उससे आमदनी बढ़ाने पर खास सहूलियत नहीं मिली.

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केसीसी ने बनाया आर्थिक रूप से निर्भर
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की मदद से किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाया गया. 2014 से मार्च, 2022 तक सिर्फ 3.7 करोड़ योग्‍य किसानों को ही कर्ज माफी का लाभ मिला है. किसानों को बैंक से कर्ज मिलने में आ रही मुश्किलों को केसीसी ने काफी हद तक हल कर दिया है. वर्तमान में करीब 7.37 करोड़ केसीसी एक्टिव हैं और अब इससे जुड़े नियमों को भी सख्‍त कर दिया गया है. अगर किसान सभी ब्‍याज और मूलधन को चुकाकर हर साल कार्ड रिन्‍यू कराते हैं तो उनकी लिमिट को 10 फीसदी बढ़ा दिया जाएगा.

सरकार ये कदम उठाए तो…
एसबीआई रिसर्च ने सरकार को सुझाव दिया है कि किसानों की जीवन सुगमता को बढ़ाने के लिए लिवलीहुड क्रेडिट कार्ड चलाना चाहिए. इसमें किसानों की सभी तरह की जरूरतों के लिए फंडिंग की व्‍यवस्‍था की जाए. सरकार को हर साल 10 लाख कार्ड जारी करने का लक्ष्‍य लेकर चलना चाहिए. इस योजना से हर साल 5.25 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त कृषि लोन बांटा जा सकेगा, जिसके लिए 2027 तक सिर्फ 11,320 रुपये की पूंजी की जरूरत होगी.

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कृषि मंत्री का दावा- 75 हजार किसानों ने दोगुनी की आमदनी
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आईसीएआर के कार्यक्रम में कहा, पिछले 8 सालों में देश के हजारों किसानों ने अपनी आमदनी दोगुनी से भी ज्‍यादा पहुंचा दी है. उन्‍होंने 75 हजार किसानों की सक्‍सेस स्‍टोरी शेयर करते हुए बताया कि उत्‍तराखंड, पश्चिमी बंगाल, छत्‍तीसगढ़, पुड्डुचेरी जैसे राज्‍यों के किसान 200 फीसदी से ज्‍यादा आमदनी बढ़ा चुके हैं, जबकि अन्‍य राज्‍यों में 150 फीसदी 200 फीसदी तक आय बढ़ी है. उन्‍होंने कहा कि देश में 14 करोड़ किसान हैं, जिसमें से 85 फीसदी छोटे और सीमांत किसान हैं. इनकी आमदनी बढ़ाने का लक्ष्‍य लगभग पूरा हो गया है.

Tags: Business news in hindi, Crop MSP, Farmer Income Doubled, Modi government

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