नई दिल्ली. देश और जनता की आर्थिक सेहत के लिहाज से यह सप्ताह तीन बड़े घटनाक्रम का गवाह बनेगा. संसद में सोमवार से शुरू बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही Budget 2022 की उल्टी गिनती भी शुरू हो जाएगी.
सरकार सबसे पहले सोमवार को संसद में वित्तवर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वे पेश करेगी. इसी दिन शाम को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्याल (NSO) जीडीपी के रिवाइज आंकड़े जारी कर सकता है. इसके बाद मंगलवार को देशभर की नजरें बजट 2022 पर टिकी होंगी. इस सप्ताह आने वाले आंकड़ों और सरकार की घोषणाओं का देश व जनता पर पूरे साल असर होने वाला है. जानें इन घटनाक्रमों का आखिर क्यों है इतना महत्व.
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आर्थिक सर्वे : तय करेगा बजट का रोडमैप
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में जो आर्थिक सर्वे पेश करेंगी, उसी के आधार पर बजट का रोडमैप भी तय हो जाएगा. इस बार का सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) ने नहीं बनाया है. दरअसल, बीते साल के आखिर में CEA कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने इस्तीफा दे दिया था और तय समय में नए CEA की नियुक्ति नहीं होने के कारण पहली बार प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की देखरेख में सर्वे तैयार हुआ है.
-आर्थिक सर्वे चालू वित्तवर्ष की चुनौतियों और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का लेखाजोखा होता है. इसके आधार पर ही नए बजट का स्वरूप तय होता है.
-सर्वे में प्रधान आर्थिक सलाहकार की ओर से सरकार को GDP बढ़ाने वाले उपाय बताने के साथ आम आदमी को राहत के लिए सुझाव शामिल हैं.
-CEA अरविंद सुब्रमणियन ने 2014 से दो वॉल्यूम में आर्थिक सर्वे जारी करना शुरू किया था, लेकिन इस बार CEA की गैरमौजूदगी में इसे एक ही वॉल्यूम में बनाया गया है.
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बजट : सबका साथ सबका विकास के साथ सबको साधने की कोशिश
वित्तमंत्री मंगलवार को Budget 2022 से पर्दा उठाएंगी और महामारी व महंगाई से जूझ रहे हर वर्ग को राहत देने वाली घोषणाएं करेंगी. सीतारमण को लंबे बजट भाषण के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने 2019 में 140 मिनट, 2020 में रिकॉर्ड 160 मिनट और 2021 में 100 मिनट तक बजट पेश किया था. उम्मीद है कि इस बार बजट का समय ज्यादा हो या नहीं, लेकिन राहतें बड़ी जरूर होनी चाहिए.
-इस बार बजट के जरिये सरकार तेजी से उबरती अर्थव्यवस्था को एक और बूस्टर डोज देने की कोशिश जरूर करेगी.
-टैक्स में बदलाव, पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) और कोरोना से प्रभावित उद्योगों को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं.
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जीडीपी आंकड़े : पता चलेगी 2020-21 सही विकास दर
सरकार ने बीPCते साल की मई में वित्तवर्ष 2020-21 की जीडीपी के प्रोविजनल आंकड़े पेश किए थे. इसमें कहा था कि 2020-21 में अर्थव्यवस्था की विकास दर शून्य से भी 7.3% नीचे चली गई है, जो अब तक की रिकॉर्ड गिरावट थी. हालांकि, ये आंकड़े ज्यादा भरोसेमंद नहीं थे और सोमवार को सरकार रिवाइज आंकड़ेश पेश करेगी.
-बीते साल पेश किए आंकड़ों पर उद्योग क्षेत्र का ज्यादा प्रभाव था, जिसमें छोटे उद्यमों की वास्तविक गिनती नहीं थी.
-इस बार विभिन्न क्षेत्रों के साथ पब्लिक फाइनेंस के आंकड़े भी होंगे, जिससे जीडीपी की तस्वीर और साफ हो पाएगी.
-पिछले बार से रिवाइज आंकड़ों में विकास दर पहले से और नीचे चली जाती है, क्या इस बार भी यह 7.3 फीसदी से नीचे जाएगी.
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रिजर्व बैंक भी ले सकता है चौंकाने वाला फैसला
बजट सप्ताह खत्म होने के बाद अगले सप्ताह की शुरुआत रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिमि (MPC) बैठक के साथ शुरू होगा. 7-9 फरवरी तक चलने वाली इस बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रिजर्व बैंक भी बड़ी राहतों वाली घोषणाएं कर सकता है. ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई इस बार ब्याज दरें बढ़ाने पर फैसला लेगा. अगर बजट की तस्वीर बेहतर होती है, तो आरबीआई कुछ कड़े कदम उठा सकता है.
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Tags: Budget, FM Nirmala Sitharaman, GDP growth