वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला घातक ब्लड कैंसर के इलाज का नया तरीका- स्टडी


New way to treat leukemia: एएमएल (AML) एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (Acute Myeloid Leukemia) व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) का घातक कैंसर है, जिसके असरदार इलाज के बहुत कम तरीके मौजूद हैं. रिसर्चर्स ने एक नई स्टडी में पता लगाया है कि एएमएल कोशिकाएं जिंदा रहने के लिए एससीपी4 (SCP4) नामक प्रोटीन पर निर्भर है. अमेरिका के सीएसएचएल (CSHL) यानी कोल्ड स्प्रिंग लेबोरेटरी ( Cold Spring Laboratory in America) के प्रोफेसर क्रिस्टोफर वाकोक (Christopher Vakoc) और पूर्व स्तानक छात्रा सोफिया पोलांस्काया (Sofya Polyanskaya) ने इस बीमारी के लिए एक संभावित नए चिकित्सकीय दृष्टिकोण (therapeutic approach) का पता लगाया है. एससीपी4 (SCP4)  एक प्रकार का प्रोटीन, जो अन्य प्रोटीनों से फॉस्फेट (Phosphate) को हटाकर कोशिकाओं की गतिविधि को नियंत्रित करता है. अन्य प्रकार का प्रोटीन, जिसे काइनेज (Kinase) कहा जाता है, फॉस्फेट को वापस रखता है. किसी प्रोटीन में जोड़े या घटाए गए फॉस्फेट (Phosphate) की संख्या (phosphorylation level) उसकी गतिविधियों को तय करती हैं.

सोफिया पोलांस्काया (Sofya Polyanskaya) ने पता लगाया है कि एससीपी4 (SCP4)  अपनी तरह के एक या दो काइनेज के साथ जोड़ा बनाता है, जिसे एसटीके35 (STK35) और पीडीआइके1एल (PDIK1L) कहा जाता है. एएमएल कोशिका (AML cells ) के जिंदा रहने के लिए जरूरी है कि फॉस्फेट और काइनेज (Phosphate and Kinase) एक साथ काम करें. ऐसे में अगर एससीपी4 को पैदा करने वाले जीन को निष्क्रिय कर दिया जाए, तो कैंसर कोशिकाओं (cancer cells) को नष्ट किया जा सकता है.

क्या है ल्यूकेमिया ?
रक्त कोशिका कैंसर (blood cell cancer) को ल्यूकेमिया (leukemia) भी कहा जाता है. रक्त कोशिकाओं (ब्लड सेल्स) में व्यापक श्रेणियां होती हैं और उनमें डब्ल्यूबीसी (सफेद रक्त कोशिकाएं), प्लेटलेट और आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाएं) शामिल हैं. वेबएमडी (webMD) की ख़बर के अनुसार ल्यूकेमिया आमतौर पर सफेद रक्त कोशिका कैंसर को दर्शाती है.

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डब्ल्यूबीसी प्रतिरक्षा प्रणाली के जरूरी तत्व माने जाते हैं. वे एलियन पदार्थों और असामान्य कोशिकाओं के अलावा वायरस, कवक और बैक्टीरिया पर हमला करने से शरीर की रक्षा करते हैं. ल्यूकेमिया से प्रभावित होने पर डब्लूबीसी अपना काम नहीं कर पाते हैं. वे तेजी से विभाजित होते हैं और सामान्य कोशिकाओं को विकसित करते हैं.

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बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है बीमारी 
एक बार वे बनने के बाद डब्लूबीसी पूरे शरीर में लिम्फ और रक्त में घूमते रहते हैं, जिसमें प्लीहा और लिम्फ नोड्स में अधिक सांद्रता होती है. ल्यूकेमिया शुरुआत में पुरानी या तीव्र हो सकती है. कैंसर कोशिका तेजी से तीव्र प्रकार के ल्यूकेमिया में गुणा करती है. क्रोनिक ल्यूकेमिया के मामले में बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और प्रारंभिक लक्षण काफी हल्के हो सकते हैं. कोशिका का प्रकार ल्यूकेमिया के लिए वर्गीकरण का आधार भी हो सकता है. ल्यूकेमिया में मायलोइड कोशिकाएं या माइलोजेनस ल्यूकेमिया बहुत गंभीर है. मोनोसाइट्स या ग्रैन्युलोसाइट्स अपरिपक्व कोशिकाओं या मायलोइड कोशिकाओं से बने होते हैं. लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया में लिम्फोसाइट्स शामिल होते हैं.

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