नई दिल्ली. कोरोना महामारी से दो साल से जूझ रहे महाराष्ट्र के रेस्तरां, बार और वाइन शॉप को सरकार ने एक और बड़ा झटका दिया है. महाराष्ट्र सरकार ने सालाना उत्पाद शुल्क में 70 फीसदी तक बड़ा इजाफा किया है. इससे दुकानदारों के साथ ग्राहकों की जेब पर भी असर पड़ेगा.
राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि सभी बार और शराब परोसने वाले रेस्तरां के लिए सालाना उत्पाद शुल्क 15 फीसदी तक बढ़ाया जा रहा है. वाइन शॉप के लिए इस शुल्क में 70 फीसदी बढ़ोतरी की गई है. अब बार को सालाना 6.93 लाख की जगह 7.97 लाख रुपये उत्पाद शुल्क के रूप में देने होंगे. इसके अलावा वाइन शॉप के लिए यह शुल्क 15 लाख रुपये से बढ़कर 21 लाख रुपये हो गया है.
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इधर, बार मालिक मांग रहे थे 50 फीसदी की छूट
इंडियन होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन (AHAR) ने कोविड 19 के दबाव में हुए नुकसान की वजह से सरकार से टैक्स में छूट की मांग की थी. AHAR ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि हमने इस बार लाइसेंस फीस में 50 फीसदी राहत की मांग की थी, जिसे स्वीकार करने के बजाए उल्टे हम पर और बोझ लाद दिया गया. इस फैसले से सरकार की मंशा पर भी सवाल उठता है कि वह हमारे उद्योग को बचाने की कोशिश कर रही है.
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लाखों रोजगार पर असर पड़ेगा
AHAR के प्रेसिडेंट शिवानंद शेट्टी ने कहा, सरकार के इस कदम से हजारों दुकानदारों पर असर पड़ेगा जो अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार देते हैं. इसका सीधा मतलब है कि रोजगार के अवसर कम होंगे. राज्य की कैबिनेट ने एक दिन पहले ही सुपर मार्केट में वाइन बेचने की छूट दी थी और अब बिक्री पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया.
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