Shamshera: रणबीर कपूर डबल रोल में भी दर्शकों को रिझा पाने में नाकामयाब, संजय दत्त ने खुद उड़ाया मजाक!


रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) साल 2018 में फिल्म ‘संजू’ के बाद करीब 4 साल अब पर्दे नजर आए हैं. उन्होंने करण मल्होत्रा (Karan Malhotra) की फिल्म ‘शमशेरा’ (Shamshera) से वापसी की है. इस फिल्म में बाप और बेटे के डबल रोल में होने के बावजूद फिल्म को फ्लॉप होने से नहीं बचा पा रहे हैं. कभी बॉक्स ऑफिस पर चलने वाली मसाला फिल्मों का ‘शमशेरा’ मजाक बनाती है. इस फिल्म को देख कर ऐसा लगता है कि उसी तरह से सिनेमा को फिर से रिवाइव करने की कोशिश फिल्ममेकर्स ने किया है. फिल्म में रणबीर के साथ वाणी कपूर हैं जबकि संजय दत्त खलनायक की भूमिका में हैं.

रणबीर कपूर स्टारर फिल्म ‘शमशेरा’ से मेकर्स और फैंस को काफी उम्मीदें थीं. लेकिन फिल्म को मिल रहे रिस्पांस से साफ है कि दर्शकों ने इस फिल्म को नकार दिया है. फिल्म की स्टोरी 18वीं सदी में बाली (Ranbir Kapoor) जो सेना में अधिकारी बनना चाहता है लेकिन वह एक ट्राइब से आता है जिसे ब्रिटिश ने गुलाम बना लिया है. रणबीर ने ही बल्ली के पिता शमशेरा की भूमिका भी निभाई है जो ट्राइब का मुखिया है. रणबीर के दोनों कैरेक्टर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में अपने कबीले की अगुवाई करते हैं.

वाणी कपूर का रोल कुछ खास नहीं
रिलीज से पहले दिए गए इंटरव्यू में वाणी कपूर के झूठे दावों के बावजूद ‘शमशेरा’ उनके पास करने के लिए कुछ खास नहीं है. सिवाय डांस करने और अपनी तरफ आकर्षित करने के. उन्होंने बताया था कि ‘उनका किरदार सोना बल्ली के साथ प्यार करती है और बहुत कुछ देखने को मिलेगा’. सोना 90 और 2000 के दशक में हिंदी फिल्मों की डांसर की सभी विशेषताओं के साथ नजर आती हैं. सिर्फ अपने प्रेमी को लुभाने के अलावा फिल्म में खास रोल नहीं है. कई बार को बॉलीवुड के गैंगेस्टर फिल्मों के दौर की याद दिलाती है जिसमें हीरोइन डांस बार में झूमती नजर आती है.

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कमजोर स्टोरी ने रणबीर कपूर-संजय दत्त को किया फेल
रणबीर कपूर ने पिता और बेटे के किरदारों में जान फूंकने की पूरी कोशिश की है लेकिन फिल्म के लेखन की कमियों को बचा पाने में सफल नहीं हो पाए. एक नाकारा बेटे और नाचने वाली के प्रेमी के तौर पर करिश्मा नहीं दिखा पाते हैं. दरअसल, फिल्म कास्ट सिस्टम की सामाजिक बुराइयों को दिखाने की कोशिश करती है और आखिर में किरदारों का कैरिकेचर बन जाता है. सबसे बुरा हाल संजय दत्त के किरदार शुद्ध सिंह का है. जो बेहद अमानवीय और क्रूर है जो अपने फायदे के लिए अंग्रेजों की सहायता करता है. शुद्ध सिंह जमकर अत्याचार करता है, लेकिन जिस तरह से संस्कृत में श्लोक का उच्चारण करते हैं तो मजाक से भरपूर तमाशा लगता है.

कुल मिला कर करण मल्होत्रा, रणबीर सिंह समेत सभी कलाकारों की काबिलियत पर्दे पर उकेर पाने में विफल रहे हैं. फिल्म की कहानी हो या निर्देशन या फिर म्यूजिक सब मिलाकर फिल्म को बोझिल बनाती है.

Tags: Ranbir kapoor, Sanjay dutt, Vaani Kapoor

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