वर्षों पुराने पेड़ के नीचे से निकले शिवलिंग में कोई नुकसान नहीं हुआ है। लोग इसे भगवान शिव को चमत्कार मान रहे हैं। इसकी जानकारी होने पर आसपास के गांवों के लोग भी यहां पहुंच रहे हैं। पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
गांव के प्रेमानंद ने बताया कि गांव में मौजूद पीपल के पेड़ पर कांवड़ का गंगाजल चढ़ाने की वर्षों पुरानी परंपरा है। अब शिवलिंग निकलने पर गांव के 20 से अधिक युवक सोरोंजी से गंगाजल लेने गए हैं। सोमवार को भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक किया जाएगा।
ग्राम प्रधान मनोज यादव ने कहा कि गांव में वर्षों पुराने पीपल का पेड़ गिरने पर शिवलिंग प्रकट हुए हैं। जहां पर शिवलिंग स्थापित हैं, वहां भव्य मंदिर बनाने की तैयारी की जा रही है।
ग्राम प्रधान ने बताया कि मंदिर के निर्माण के लिए खेत मालिक विजयपाल और उनके परिवार के लोगों ने एक बीघा से अधिक जमीन देने की बात कही है। सावन के तीसरे सोमवार को शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाएगा।