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समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मुझे सपा से आजाद करने का पत्र जारी करना अखिलेश यादव की अपरिपक्वता है अगर ऐसा ही था तो तो मुझे विधान मंडल दल से निकाल देते इस पत्र की क्या जरूरत थी।
उन्होंने कहा कि सपा से आजाद होने का कोई मतलब ही नहीं है क्योंकि संविधान के अनुसार हम सभी स्वतंत्र हैं। शिवपाल ने एएनआई से बातचीत में ये कहा।
UP | I came to know that I’ve been given official freedom. I think it’s immaturity. When I contested polls, I resigned from my party & took membership of Samajwadi Party. It would have been better if they would have removed me from the legislature party: Shivpal Singh Yadav, PSP https://t.co/o3g16v3Glg pic.twitter.com/rjUqEmaWJj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 26, 2022
शिवपाल यादव ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद किसी भी बैठक में उन्हें बुलाया नहीं गया। इसके बाद भी अब स्वतंत्र होने की बात कहना समझ से परे है। समाजवादी पार्टी अब वह पार्टी नहीं है जिसे मुलायम सिंह यादव ने डॉ लोहिया के सपने को साकार करने के लिए सींचा था। यह पार्टी लगातार सियासी तौर पर गर्त में जा रही है। एक के बाद एक चुनाव हार रहे। हद तो यह हो गई कि जिन लोगों ने मुलायम सिंह को अपमानित किया उनके समर्थन में खड़े हो गए। मुलायम सिंह के अपमान पर जिन कार्यकर्ताओं का खून खौल जाता था वह शांत और तमाशबीन है। यह एक तरह का राजनीतिक क्षरण है। यह कितना नीचे जाएगा इसकी कल्पना करना मुश्किल है।
शिवपाल यादव ने सपा विधायक होने के बावजूद बैठक में न बुलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। वह अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर हैं। सपा नेता आजम खां के जेल में होने पर भी उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव ने उनका बचाव नहीं किया।
शिवपाल के साथ ही सपा ने ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से भी किनारा कर लिया था। अब राजभर के भाजपा के साथ जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। शिवपाल ने कहा कि राजभर से उनकी मुलाकात हो चुकी है पर अभी गठबंधन पर कुछ भी तय नहीं हुआ है। राजभर ने कहा था कि सपा में किसी और को बोलने की इजाजत नहीं है। वहां दलितों व वंचितों के लिए कोई जगह नहीं है।