चौंकाने वाला खुलासा: जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने कहा- पुलिस ने पकड़ा था 70 आतंकियों का पहला ग्रुप, सियासी दबाव में छोड़ दिया


अमर उजाला ब्यूरो, जम्मू
Published by: आकाश दुबे
Updated Fri, 18 Mar 2022 12:37 AM IST

सार

जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने हैरान करने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित 70 आतंकियों के पहले ग्रुप को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उस वक्त राजनीतिक दबाव के चलते इन आतंकियों को रिहा करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर दावे के साथ कुछ आतंकियों के नामों का भी खुलासा किया है। 

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द कश्मीर फाइल्स फिल्म की देश भर में हो रही चर्चा के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि देश के बहुत से लोग कश्मीर का सच नहीं जानते। वैद ने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित 70 आतंकियों के पहले ग्रुप को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसका किसी को पता नहीं था। उस वक्त राजनीतिक दबाव के चलते इन आतंकियों को रिहा करने का आदेश दिया गया। बाद में इन्हीं आतंकियों में से कई कश्मीर में आतंकी तंजीमों के सरगना बन गए।

वैद ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस दावे के साथ कुछ आतंकियों के नाम भी सार्वजनिक किए हैं। वैद ने ट्वीट में मोहम्मद अफजल शेख, रफीक अहमद अहंगर, मोहम्मद अयूब नाजर, फारूक अहमद गनेई, गुलाम मोहम्मद गुजरी, फारूक अहमद मलिक, नजीर अहमद शेख और गुलाम मोहीउदीन शामिल हैं।

वैद ने यह भी लिखा है कि क्या यह सब 1989 में रही सरकार की जानकारी के बिना संभव था। गौरतलब है कि 1989 में कश्मीर के बडगाम में वैद एसपी के पद पर तैनात हुए थे। इसके बाद 1990 में वह इसी जिले में बतौर एसएसपी तैनात किए गए। वैद ने कश्मीर में रहते हुए आतंकवाद के उस दौर को करीब से देखा है। वैद ने कहा कि आतंकी बिट्टा कराटे ने पुलिस की पूछताछ में 20 के करीब लोगों की हत्या की बात को कबूला था, लेकिन पुलिस के सामने यह किया गया कबूलनामा कोर्ट में मंजूर नहीं किया जाता। बाद में उसके खिलाफ किसी ने कोई गवाही नहीं दी।

1988 में पकड़े आतंकियों से सामने आई थी आईएसआई की साजिश
वहीं इस खुलासे के बाद एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में पूर्व डीजीपी ने कहा कि आतंकियों को छोड़े जाने पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के भीतर नाराजगी की लहर थी। एक वाकया बयान कर उन्होंने कहा कि 1988 में कुपवाड़ा पुलिस के दो जवान कुपवाड़ा से टंगधार आ रहे थे। साधना दर्रे पर उनका दो आतंकियों से सामना हुआ। मुठभेड़ के बाद हिरासत में पूछताछ करने पर आतंकियों ने आईएसआई के ऑपरेशन टुपैक पर कई खुलासे किए थे। इसी खुलासे पर कई आतंकियों को पकड़ा गया था।

विस्तार

द कश्मीर फाइल्स फिल्म की देश भर में हो रही चर्चा के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि देश के बहुत से लोग कश्मीर का सच नहीं जानते। वैद ने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित 70 आतंकियों के पहले ग्रुप को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसका किसी को पता नहीं था। उस वक्त राजनीतिक दबाव के चलते इन आतंकियों को रिहा करने का आदेश दिया गया। बाद में इन्हीं आतंकियों में से कई कश्मीर में आतंकी तंजीमों के सरगना बन गए।

वैद ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस दावे के साथ कुछ आतंकियों के नाम भी सार्वजनिक किए हैं। वैद ने ट्वीट में मोहम्मद अफजल शेख, रफीक अहमद अहंगर, मोहम्मद अयूब नाजर, फारूक अहमद गनेई, गुलाम मोहम्मद गुजरी, फारूक अहमद मलिक, नजीर अहमद शेख और गुलाम मोहीउदीन शामिल हैं।

वैद ने यह भी लिखा है कि क्या यह सब 1989 में रही सरकार की जानकारी के बिना संभव था। गौरतलब है कि 1989 में कश्मीर के बडगाम में वैद एसपी के पद पर तैनात हुए थे। इसके बाद 1990 में वह इसी जिले में बतौर एसएसपी तैनात किए गए। वैद ने कश्मीर में रहते हुए आतंकवाद के उस दौर को करीब से देखा है। वैद ने कहा कि आतंकी बिट्टा कराटे ने पुलिस की पूछताछ में 20 के करीब लोगों की हत्या की बात को कबूला था, लेकिन पुलिस के सामने यह किया गया कबूलनामा कोर्ट में मंजूर नहीं किया जाता। बाद में उसके खिलाफ किसी ने कोई गवाही नहीं दी।

1988 में पकड़े आतंकियों से सामने आई थी आईएसआई की साजिश

वहीं इस खुलासे के बाद एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में पूर्व डीजीपी ने कहा कि आतंकियों को छोड़े जाने पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के भीतर नाराजगी की लहर थी। एक वाकया बयान कर उन्होंने कहा कि 1988 में कुपवाड़ा पुलिस के दो जवान कुपवाड़ा से टंगधार आ रहे थे। साधना दर्रे पर उनका दो आतंकियों से सामना हुआ। मुठभेड़ के बाद हिरासत में पूछताछ करने पर आतंकियों ने आईएसआई के ऑपरेशन टुपैक पर कई खुलासे किए थे। इसी खुलासे पर कई आतंकियों को पकड़ा गया था।



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