चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को अपनी पार्टी बनाकर सियासत में उतरने का एलान किया। इसके तुरंत बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने उन्हें बधाई दी। इसके बाद से ही पंजाब की राजनीति में नई कयास बाजी शुरू हो गई। प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों का मानना है कि अगर पार्टी हाईकमान ने सिद्धू पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तो संभव है कि सिद्धू अपने पुराने दोस्त प्रशांत किशोर की पार्टी में चले जाएं जिसका गठन बिहार में करने की बात प्रशांत ने कही है।
प्रशांत किशोर ने बीते सप्ताह कांग्रेस में शामिल होने का सोनिया गांधी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ही कांग्रेस के पहले नेता थे, जिन्होंने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रशांत को अपना पुराना दोस्त बताते हुए ट्वीट किया था कि अपने पुराने दोस्त पीके के साथ एक शानदार मुलाकात हुई। पुरानी शराब, पुराना सोना और पुराने दोस्त आज भी सबसे बढ़िया।
सिद्धू की प्रशांत किशोर से मुलाकात पर पार्टी की नजरें टिक गई थीं। इस बीच, राजा वड़िंग की लिखित शिकायत को आधार बनाते हुए पार्टी मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नवजोत सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
इसी बीच, नवजोत सिद्धू ने प्रशांत किशोर से अपनी गहरी दोस्ती को फिर से सार्वजनिक करते हुए सोमवार को प्रशांत की पार्टी बनाने संबंधी घोषणा को हाथों-हाथ लेते हुए बधाई दी। सिद्धू ने ट्वीट किया- पहला झटका आधी लड़ाई है मेरे दोस्त… एक अच्छी शुरुआत हमेशा एक अच्छा अंत बनाती है… हमारे संविधान की भावना का सम्मान करने के आपके ईमानदार प्रयासों में हमेशा सर्वश्रेष्ठ… ‘लोगों की शक्ति कई गुना करके लोगों को लौटानी चाहिए…’
इससे पहले, प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया कि लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और 10 साल तक रोलरकोस्टर की सवारी का नेतृत्व करते हुए मैं जन समर्थक नीति को आकार देने में मदद करता रहा। जैसे ही मैं पन्ने पलटता हूं, समय रियल मास्टर्स जोकि जनता है, के पास जाने को कहता है, ताकि लोगों के सुशासन के पथ ‘जन सुराज’ और मुद्दों को अच्छी तरह समझा जा सके। इसके आगे प्रशांत ने इतना ही लिखा- शुरुआत बिहार से।