पंजाब चुनाव: राहुल गांधी छह फरवरी को कर सकते हैं सीएम उम्मीदवार की घोषणा, कार्यकर्ताओं से ले रहे फीडबैक


पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Wed, 02 Feb 2022 10:29 PM IST

सार

पंजाब में मतदान से पहले कांग्रेस अपना सीएम चेहरा घोषित करेगी। पार्टी में नेताओं ने अपनी लामबंदी शुरू कर दी है। राहुल गांधी छह फरवरी को पंजाब का दौरा कर सकते हैं। कांग्रेस पंजाब में सीएम फेस के लिए अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर रही है।

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पंजाब विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के फैसले को लेकर इंतजार की घड़ी 6 फरवरी को खत्म हो सकती है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी पंजाब में छह फरवरी को सीएम के चेहरे की घोषणा कर सकती है। राहुल गांधी छह फरवरी को पंजाब का दौरा कर सकते हैं। बता दें कि राहुल गांधी ने अपने 27 जनवरी को अपने पंजाब दौरे के दौरान एलान किया था कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव सीएम चेहरे के साथ लड़ेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं से सलाह के बाद जल्द ही इसका एलान किया जाएगा।

कांग्रसे अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सीएम चेहरे को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। पार्टी अपने शक्ति एप के जरिये कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से जवाब मांग रही है। पार्टी ने आम लोगों से भी इस विषय पर राय मांगी है और यह दो दिनों से यह कार्य शुरू किया जा चुका है।

सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी छह फरवरी रविवार को पंजाब का दौरा कर सकते हैं और सीएम चेहरे की घोषणा कर सकते हैं। पिछले कई सप्ताहों से पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खुद को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने का दावा किया है। कांग्रेस अपना जोर चन्नी पर लगाती नजर आ रही है जोकि अनुसूचित जाति समुदाय से हैं और उन्हें दो विधानसभा सीटों चमकौर साहिब और भदौर से मैदान में उतारा गया है।

एससी और एसटी कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कुछ अन्य छोटे समूहों के उदय के बाद वे पार्टी से दूर हो गए। कांग्रेस अब पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की जगह चन्नी को सीएम बनाकर एससी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जिसमें पंजाब की लगभग एक तिहाई आबादी शामिल है। चमकौर साहिब सीट से तीन बार के विधायक चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बने हैं।

वह दो सीटों से मैदान में उतरने वाले एकमात्र पार्टी उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने पंजाब में अपने उम्मीदवारों को टिकट आवंटित करने में ‘एक परिवार, एक सीट’ के फॉर्मूले का पालन किया है। राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह जालंधर में एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि चन्नी और सिद्धू ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जो भी सीएम के रूप में चुना जाएगा, दूसरा उसका समर्थन करेगा।

राहुल गांधी ने यह बयान तब दिया जब सिद्धू ने रैली में पार्टी से चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग की और कहा कि वह शोपीस नहीं बनना चाहते हैं। अमरिंदर सिंह के हटने और चन्नी के पद पर पदोन्नत होने के बाद भी पार्टी में मतभेद जारी रहे हैं। कांग्रेस पंजाब में सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी, शिअद-बसपा गठबंधन और भाजपा, अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन भी चुनाव मैदान में है।

विस्तार

पंजाब विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के फैसले को लेकर इंतजार की घड़ी 6 फरवरी को खत्म हो सकती है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी पंजाब में छह फरवरी को सीएम के चेहरे की घोषणा कर सकती है। राहुल गांधी छह फरवरी को पंजाब का दौरा कर सकते हैं। बता दें कि राहुल गांधी ने अपने 27 जनवरी को अपने पंजाब दौरे के दौरान एलान किया था कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव सीएम चेहरे के साथ लड़ेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं से सलाह के बाद जल्द ही इसका एलान किया जाएगा।

कांग्रसे अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सीएम चेहरे को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। पार्टी अपने शक्ति एप के जरिये कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से जवाब मांग रही है। पार्टी ने आम लोगों से भी इस विषय पर राय मांगी है और यह दो दिनों से यह कार्य शुरू किया जा चुका है।

सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी छह फरवरी रविवार को पंजाब का दौरा कर सकते हैं और सीएम चेहरे की घोषणा कर सकते हैं। पिछले कई सप्ताहों से पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खुद को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने का दावा किया है। कांग्रेस अपना जोर चन्नी पर लगाती नजर आ रही है जोकि अनुसूचित जाति समुदाय से हैं और उन्हें दो विधानसभा सीटों चमकौर साहिब और भदौर से मैदान में उतारा गया है।

एससी और एसटी कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कुछ अन्य छोटे समूहों के उदय के बाद वे पार्टी से दूर हो गए। कांग्रेस अब पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की जगह चन्नी को सीएम बनाकर एससी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जिसमें पंजाब की लगभग एक तिहाई आबादी शामिल है। चमकौर साहिब सीट से तीन बार के विधायक चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बने हैं।

वह दो सीटों से मैदान में उतरने वाले एकमात्र पार्टी उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने पंजाब में अपने उम्मीदवारों को टिकट आवंटित करने में ‘एक परिवार, एक सीट’ के फॉर्मूले का पालन किया है। राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह जालंधर में एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि चन्नी और सिद्धू ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जो भी सीएम के रूप में चुना जाएगा, दूसरा उसका समर्थन करेगा।

राहुल गांधी ने यह बयान तब दिया जब सिद्धू ने रैली में पार्टी से चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग की और कहा कि वह शोपीस नहीं बनना चाहते हैं। अमरिंदर सिंह के हटने और चन्नी के पद पर पदोन्नत होने के बाद भी पार्टी में मतभेद जारी रहे हैं। कांग्रेस पंजाब में सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी, शिअद-बसपा गठबंधन और भाजपा, अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन भी चुनाव मैदान में है।

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