ZyCoV-D : जॉयडस ने शुरू की बगैर सुई वाली वैक्सीन की आपूर्ति, जानिए टीके के बारे में सब कुछ


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 02 Feb 2022 10:39 AM IST

सार

बुधवार को कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वह अपनी तीन डोज वाली वैक्सीन बाजार में मुहैया कराने की भी योजना बना रही है। 

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दवा कंपनी जॉयडस फार्मा ने अपनी तीन खुराक वाली कोरोना रोधी वैक्सीन जायकोव-डी  (ZyCoV-D)  की आपूर्ति सरकार को शुरू कर दी है। जायकोव-डी बगैर सुई के दी जाएगी। इससे 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को यह आसानी से लगाई जा सकेगी। यह इंजेक्टर के जरिये दी जाएगी। दर्द नहीं के बराबर होगा। यह 12 से 18 साल के वायु वर्ग वालों के साथ बड़ों को भी लग सकेगी।

बुधवार को कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वह अपनी तीन डोज वाली वैक्सीन बाजार में मुहैया कराने की भी योजना बना रही है। कंपनी ने कहा कि उसने अहमदाबाद के चंगोदर स्थित जॉयडस बायोटेक पार्क में बनाए गए अत्याधुनिक जॉयडस वैक्सीन टेक्नालॉजी एक्सीलेंस सेंटर से सरकार को आपूर्ति शुरू की है। 

जायकोव-डी वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि यह दुनिया की पहली डीएनए प्लाजमिड वैक्सीन है। देश में लग रही कोरोना की बाकी वैक्सीनों से अलग जायकोव-डी के तीन डोज देने की जरूरत होगी।

देश में अभी 15 से 18 साल तक किशोरों को भारत बायोटेक की कोवाक्सिन दी जा रही है। अब जायकोव-डी बच्चों के लिए दूसरी वैक्सीन हो जाएगी। अब 12 से 18 साल तक के किशोरों को भी टीके लग सकेंगे। दुनियाभर में आरएनए वैक्सीन की मौजूदगी सबसे ज्यादा है, वहीं जायडस कैडिला की यह वैक्सीन विश्व की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। 

एक खुराक के 265 रुपये, 93 रुपये एप्लीकेटर के लगेंगे
जायकोव-डी की एक खुराक की कीमत 265 रुपये होगी और 93 रुपये प्रति डोज एप्लीकेटर के लगेंगे। इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। प्लांट में इस वैक्सीन के उत्पादन की पूरी प्रक्रिया आटोमैटिक है। 

जॉयडस ने शिल्पा मेडिकेयर लि. के साथ अपनी वैक्सीन के उत्पादन के लिए अनुबंध भी किया है। वह तय खुराक का उत्पादन कर जॉयडस को देगी। इसके अलावा उसने दक्षिण कोरिया की कंपनी एंजीकेम लाइफसाइंसेस के साथ भी करार किया है। इसके जरिए उत्पादन का लाइसेंस व प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया जाएगा। 
 

विस्तार

दवा कंपनी जॉयडस फार्मा ने अपनी तीन खुराक वाली कोरोना रोधी वैक्सीन जायकोव-डी  (ZyCoV-D)  की आपूर्ति सरकार को शुरू कर दी है। जायकोव-डी बगैर सुई के दी जाएगी। इससे 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को यह आसानी से लगाई जा सकेगी। यह इंजेक्टर के जरिये दी जाएगी। दर्द नहीं के बराबर होगा। यह 12 से 18 साल के वायु वर्ग वालों के साथ बड़ों को भी लग सकेगी।

बुधवार को कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वह अपनी तीन डोज वाली वैक्सीन बाजार में मुहैया कराने की भी योजना बना रही है। कंपनी ने कहा कि उसने अहमदाबाद के चंगोदर स्थित जॉयडस बायोटेक पार्क में बनाए गए अत्याधुनिक जॉयडस वैक्सीन टेक्नालॉजी एक्सीलेंस सेंटर से सरकार को आपूर्ति शुरू की है। 

जायकोव-डी वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि यह दुनिया की पहली डीएनए प्लाजमिड वैक्सीन है। देश में लग रही कोरोना की बाकी वैक्सीनों से अलग जायकोव-डी के तीन डोज देने की जरूरत होगी।

देश में अभी 15 से 18 साल तक किशोरों को भारत बायोटेक की कोवाक्सिन दी जा रही है। अब जायकोव-डी बच्चों के लिए दूसरी वैक्सीन हो जाएगी। अब 12 से 18 साल तक के किशोरों को भी टीके लग सकेंगे। दुनियाभर में आरएनए वैक्सीन की मौजूदगी सबसे ज्यादा है, वहीं जायडस कैडिला की यह वैक्सीन विश्व की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। 

एक खुराक के 265 रुपये, 93 रुपये एप्लीकेटर के लगेंगे

जायकोव-डी की एक खुराक की कीमत 265 रुपये होगी और 93 रुपये प्रति डोज एप्लीकेटर के लगेंगे। इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। प्लांट में इस वैक्सीन के उत्पादन की पूरी प्रक्रिया आटोमैटिक है। 

जॉयडस ने शिल्पा मेडिकेयर लि. के साथ अपनी वैक्सीन के उत्पादन के लिए अनुबंध भी किया है। वह तय खुराक का उत्पादन कर जॉयडस को देगी। इसके अलावा उसने दक्षिण कोरिया की कंपनी एंजीकेम लाइफसाइंसेस के साथ भी करार किया है। इसके जरिए उत्पादन का लाइसेंस व प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया जाएगा। 

 

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