हरियाणा: जैश-ए-मोहम्मद के मददगारों की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी सतर्क, हरियाणा व एनसीआर में संपर्क का लगाया जा रहा पता


सार

सुरक्षा एजेंसियों की घेराबंदी से आतंकियों के मददगार वाकिफ थे। पुलिस जम्मू, पंजाब और दिल्ली में दबिश दे रही है।

गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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हरियाणा के सोनीपत में जीटी रोड पर भिगान टोल प्लाजा के पास से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन मददगारों की गिरफ्तारी के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। टीम हरियाणा के साथ ही एनसीआर में उनके संपर्क की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस आतंकी संगठन के मददगार दंपती के तीनों बच्चों को उनके परिवार के लोगों को अमृतसर से बुलाकर सौंप चुकी है। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर जम्मू, दिल्ली और पंजाब में दबिश दी जा रही है। 

जम्मू पुलिस से मिले इनपुट के बाद सोनीपत सीआईए की टीम ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन मददगारों को गिरफ्तार किया था। सीआईए-1 के इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह को टीम का नेतृत्व सौंपा गया था। टीम में सीआईए-2 के साथ ही मुरथल थाना पुलिस भी शामिल रही थी। इस दौरान एसपी राहुल शर्मा भी टोल पर ही मौजूद रहे।

टोल से पांच किमी पहले पानीपत की साइड में सादा कपड़ों में पुलिस की दो टीम लगाई गई थीं। वहां पर मददगारों की कार के साथ ही दोनों टीमें टोल तक पहुंचीं और लगातार अपडेट देती रहीं। पुलिस ने टोल से आगे लिंक रोड और राई में भी नाका लगाया हुआ था।   

तीन बच्चों को परिजनों को सौंपा 

आतंकी संगठन के मददगार पूरी तैयारी से विदेश भागने की फिराक में थे। इनकी पहचान मूलरूप से अमृतसर फिलहाल तरनतारन के रवि कुमार के रूप में हुई। वह अपनी पत्नी वरिंद्र दीप कौर के साथ रहता था। वहीं तीसरे आरोपी की पहचान चंडीगढ़ के सेक्टर-21 निवासी कणभ अरोड़ा के रूप में हुई थी। रवि कुमार के तीन बच्चे भी थे। पुलिस ने तीनों बच्चों को उसके परिजनों को सौंप दिया था।

सुरक्षा एजेंसियों की घेराबंदी से वाकिफ थे आरोपी 

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनको अपनी पहचान सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच जाने की जानकारी थी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से उनको हेरोइन प्राप्त होती थी। इनको तारों पर लटकाकर या ड्रोन से भेजा जाता था। हेरोइन के बदले में पाकिस्तानी आतंकी रुपये नहीं लेते थे। उस धनराशि को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों तक पहुंचाया जाता था। इस दौरान वह हेरोइन को पंजाब व दिल्ली में सप्लाई करते थे। इसके लिए लगातार दिल्ली आवागमन रहता था। 

लगातार की जा रही छापामार कार्रवाई 

एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि आरोपियों से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। सभी जानकारी को जम्मू पुलिस के अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया। साथ ही जम्मू पुलिस के अधिकारियों ने गहनता से पूछताछ की। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जम्मू, पंजाब और दिल्ली में छापा मार रही है। देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के चलते ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है। पुलिस इनसे किसी भी प्रकार का संपर्क रखने वालों की तलाश कर रही है। सोनीपत से होकर इनका आवागमन रहा है, लेकिन अभी तक स्थानीय स्तर पर किसी के संपर्क में होने की जानकारी नहीं मिली है।

विस्तार

हरियाणा के सोनीपत में जीटी रोड पर भिगान टोल प्लाजा के पास से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन मददगारों की गिरफ्तारी के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। टीम हरियाणा के साथ ही एनसीआर में उनके संपर्क की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस आतंकी संगठन के मददगार दंपती के तीनों बच्चों को उनके परिवार के लोगों को अमृतसर से बुलाकर सौंप चुकी है। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर जम्मू, दिल्ली और पंजाब में दबिश दी जा रही है। 

जम्मू पुलिस से मिले इनपुट के बाद सोनीपत सीआईए की टीम ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन मददगारों को गिरफ्तार किया था। सीआईए-1 के इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह को टीम का नेतृत्व सौंपा गया था। टीम में सीआईए-2 के साथ ही मुरथल थाना पुलिस भी शामिल रही थी। इस दौरान एसपी राहुल शर्मा भी टोल पर ही मौजूद रहे।

टोल से पांच किमी पहले पानीपत की साइड में सादा कपड़ों में पुलिस की दो टीम लगाई गई थीं। वहां पर मददगारों की कार के साथ ही दोनों टीमें टोल तक पहुंचीं और लगातार अपडेट देती रहीं। पुलिस ने टोल से आगे लिंक रोड और राई में भी नाका लगाया हुआ था।   

तीन बच्चों को परिजनों को सौंपा 

आतंकी संगठन के मददगार पूरी तैयारी से विदेश भागने की फिराक में थे। इनकी पहचान मूलरूप से अमृतसर फिलहाल तरनतारन के रवि कुमार के रूप में हुई। वह अपनी पत्नी वरिंद्र दीप कौर के साथ रहता था। वहीं तीसरे आरोपी की पहचान चंडीगढ़ के सेक्टर-21 निवासी कणभ अरोड़ा के रूप में हुई थी। रवि कुमार के तीन बच्चे भी थे। पुलिस ने तीनों बच्चों को उसके परिजनों को सौंप दिया था।

सुरक्षा एजेंसियों की घेराबंदी से वाकिफ थे आरोपी 

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनको अपनी पहचान सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच जाने की जानकारी थी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से उनको हेरोइन प्राप्त होती थी। इनको तारों पर लटकाकर या ड्रोन से भेजा जाता था। हेरोइन के बदले में पाकिस्तानी आतंकी रुपये नहीं लेते थे। उस धनराशि को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों तक पहुंचाया जाता था। इस दौरान वह हेरोइन को पंजाब व दिल्ली में सप्लाई करते थे। इसके लिए लगातार दिल्ली आवागमन रहता था। 

लगातार की जा रही छापामार कार्रवाई 

एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि आरोपियों से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। सभी जानकारी को जम्मू पुलिस के अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया। साथ ही जम्मू पुलिस के अधिकारियों ने गहनता से पूछताछ की। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जम्मू, पंजाब और दिल्ली में छापा मार रही है। देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के चलते ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है। पुलिस इनसे किसी भी प्रकार का संपर्क रखने वालों की तलाश कर रही है। सोनीपत से होकर इनका आवागमन रहा है, लेकिन अभी तक स्थानीय स्तर पर किसी के संपर्क में होने की जानकारी नहीं मिली है।

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