छोटे निवेशक अब नहीं रहे “छोटे”, बड़े-बड़े शेयरों में करोड़ों की खरीदारी, देखिए टॉप-10 होल्डिंग्स


नई दिल्ली. Retail Investor’s Holding : भारतीय शेयर बाजार में अभी तक रिटेल अथवा छोटे निवेशकों की ताकत काफी कम थी, लेकिन पिछले 2 सालों में माहौल बदल गया है. हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि भारतीय शेयर बाजार में 2021 में आई जबरदस्त रैली के पीछे छोटे निवेशकों का धन-बल लगा था. इसके उलट विदेशी निवशकों (जिन्हें बड़ा निवेशक कहा जाता है) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाला. ऐसा पहली बार था, जब बड़े निवेशक पैसा निकाल रहे थे, मगर शेयर बाजार गिर नहीं रहा था.

अब एक और रिपोर्ट आई है, जो ये बताती है कि भारतीय बाजारों में छोटे निवेशकों की ताकत बढ़ रही है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सालों में भारत में रिटेल निवेशकों द्वारा बड़ी संख्या में डीमैट अकाउंट खुलवाए गए हैं. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कंपनियों में 7.32 प्रतिशत की हिस्सेदारी छोटे निवेशकों की है. और यकीन मानिए ये कम नहीं है. भारत के इतिहास में ये अपने उच्चमत स्तर पर है.

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व्यक्तिगत निवेशक अब बड़ी पावर

आंकड़े दर्शाते हैं कि 31 दिसंबर को खत्म हुई तिमाही तक छोटे निवेशकों के पास 18.98 लाख करोड़ की घरेलू इक्विटी होल्डिंग थी. मतलब रिटेल निवेशकों द्वारा खरीदकर होल्ड किए गए शेयरों की वैल्यू 18.98 लाख करोड़ रुपये थी. जबकि 30 सितंबर को ये आंकड़ा 18.16 लाख करोड़ रुपये पर था. इस समय के दौरान ही 4.54 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है. प्राइम डेटाबेस ग्रुप (PRIME Database Group) के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव हल्दिया ने इकोनॉमिक्स टाइम्स से कहा कि विदेशी निवेशकों की पावर को काउंटर-बैलेंस करने के लिए व्यक्तिगत निवेशक मजबूत होकर उभरे हैं.

प्रणव हल्दिया ने कहा कि स्टॉक मार्केट में आई शार्प रैली, ज्यादा आय और समय, कम ब्याज दरों के चलते निवेश के अच्छे विकल्पों की कमी और तकनीक में सुधार जैसे फैक्टर्स का ये परिणाम हो सकता है.

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कहां-कहां है रिटेल निवेशकों का पैसा

छोटे निवेशकों ने न सिर्फ लार्ज कैप (Large Cap), बल्कि मिड (Mid Cap) और स्माल कैप (Small Cap) में भी अपना पैसा लगाया हुआ है. आम तौर पर इंस्टीट्यूशनल निवेशक (Institutional Investors) मिड और स्माल कैप कंपनियों से दूर रहते हैं.

टॉप 10 होल्डिंग्स (रुपयों में)

प्राइम डेटाबेस की स्टडी कहती है कि रिटेल निवेशकों ने रिलायंस इंडस्ट्री (Reliance Industries) के 1,18,951 करोड़ रुपये के शेयर होल्ड किए हुए हैं. उनके पास एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के 65,292 करोड़ रुपये के शेयर हैं. ये हैं टॉप होल्डिंग्स (रुपयों में) –
1. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ – 1,18,951 करोड़
2. एचडीएफसी बैंक – 65,292 करोड़
3. हिन्दुस्तान युनीलिवर – 62,064 करोड़
4. लार्सन एंड टुर्बो – 51,397 करोड़
5. इंफोसिस – 49,800 करोड़
6. टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज – 49,798 करोड़
7. एशियन पेंट्स – 38,357 करोड़
8. आईटीसी – 34,494 करोड़
9. हाउसिंग डेवलपमेंट फिनांस कॉर्प – 32,775 करोड़
10. बजाज फिनांस लिमिटेड – 30,930 करोड़

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टॉप 10 होल्डिंग्स (प्रतिशत में)

प्रतिशत में बात करें तो रिटेल निवेशकों के पार उज्जास एनर्जी (Ujaas Energy) के 79.64%, सिन्टैक्स इंडस्ट्रीज़ (Sintex Industries) के 74.60%, विसागर पॉलिटैक्स (Visagar Polytex) के 69%, विकास लाइफकेयर (Vikas Lifecare) के 66.72% और पुंज लॉयड (Punj Lloyd) के 64.17% शेयर हैं. इसके अवाला निम्न हैं –
– ऑर्टिन लैब – 62.59
– मेर्केटर लिमिटेड – 59.90
– वालचंदनगर इंडस्ट्रीज़ – 59.45
– रिलायंस कैपिटल – 59.28
– ऊर्जा ग्लोबल लिमिडेट – 58.15

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टॉप 10 होल्डिंग्स (निवेशकों की संख्या में)

यदि हम बात करें लाखों की संख्या में निवेशकों की तो सबसे ज्यादा निवेशक यस बैंक (Yes Bank) में हैं. इस स्टॉक में 41.01 लाख निवेशक अपनी पॉजिशन बनाकर बैठे हैं. इसके बाद रिलांयस पावर में 34.40 लाख, रिलांयस इंडस्ट्रीज़ में 32.03 लाख, टाटा मोटर्स में 31.98 लाख और टाटा पावर में 31.26 लाख लोग होल्डिंग बनाए हुए हैं. इसके बाद आईटीसी में 29.51 लाख, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 28.59 लाख, वोडाफोन आइडिया में 20.91 लाख, IRCTC में 20.35 लाख और HDFC Bank में 18.64 लाख लोग बने हुए हैं.

Tags: Investment, Stock return, Stocks

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